चीनी हैकर्स ने भारत में बिजली ठप करने के लिए किया साइबर अटैक, लेकिन इस बार भी हुआ नाकाम


चीन लगातार भारत के खिलाफ कोई न कोई साजिश रचता रहता है, जिसको लेकर भारत सरकार कई सख्त कदम उठा चुकी है। चीन ऐप्स बैन करने से लेकर एलएसी पर सेना की मजबूती करना इसमें शामिल है। गुरुवार को केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि लद्दाख के पास इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स को निशाना बनाने के लिए चीनी हैकर्स द्वारा की कई कोशिश की गईं, लेकिन उन्हें नाकाम कर दिया गया। हैकर्स द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में पावर डिस्ट्रीब्यूशन को टारगेट करने के लिए साइबर अटैक की हाल ही में दो बार कोशिश की गई थी।
 

पावर ग्रिड पर साइबर अटैक

एएनआई के अनुसार, अगस्त और मार्च के बीच लद्दाख के नजदीक पावर ग्रिड पर साइबर अटैक का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘चीनी हैकर्स द्वारा लद्दाख के पास पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स को टारगेट करने की दो कोशिश की गई, लेकिन सफलता प्राप्त नहीं हुई।’ मंत्री ने आगे कहा कि साइबर अटैक का सामना करने के लिए डिफेंस सिस्टम में मजबूती की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘हमने इस प्रकार के साइबर अटैक का सामना करने के लिए अपने डिफेंस सिस्टम को पहले ही मजबूत कर लिया है।’

भारतीय सेना में बदलाव

अप्रैल-मई 2020 में चीनी सैनिकों द्वारा दिखाई गई आक्रामकता के बाद भारत ने अपनी सेना को लेकर काफी परिवर्तन किए हैं। भारत और चीन विवाद का हल निकालने के लिए मिलिट्री और डिप्लोमेट दोनों स्तरों पर एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। मगर अभी तक चीनी भाव ठीक न होने की वजह से अभी कोई रास्ता सामने नहीं आया है। पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 फ्रिक्शन पर बात करने के लिए हाल ही में हुए वार्तालाप में उन्होंने एक ऐसा समाधान दिया जो कि भारत ने मानने से इनकार किया था।
 

कई बार कर चुका है हमले

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी स्टेट्स स्पॉन्सर्ड हैकर्स ने बीते 8 माह में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पास भारतीय पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स को निशाना बनाया था। इस दौरान इंडियन आर्मी और एयर फोर्स के टॉप ऑफिसर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैयारियों और इंफ्रास्ट्रक्चर्स की जरूरतों को जांच रहे हैं, क्योंकि भारत और चीन दोनों की मिलिट्री पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है।
 

भारत की तैयारी

नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल के नेतृत्व चलने वाली भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान का मानना है कि इस विवाद का समाधान तभी होगा जब चीन अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस चले गए। भारतीय पक्ष ने LAC पर अपनी सेना को अधिक मजबूत किया है। इंडियन एयर फोर्स ने आगे के क्षेत्रों में एडवांस बेस बनाने शुरू कर दिए हैं, जिसमें न्योमा जैसी फॉरवर्ड फील्ड से फाइटर जेट और अटैक हेलीकॉप्टर्स को ऑपरेट करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है।  

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