Consumer Affairs : फर्जी समीक्षा से गुमराह करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों पर शिकंजा, अधिकारियों को आज किया है तलब


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फर्जी समीक्षा कर ग्राहकों को गुमराह करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों पर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी में है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों के अधिकारियों को शुक्रवार को तलब किया है। मंत्रालय एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) के साथ अधिकारियों की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन उत्पाद खरीदने और सेवाओं का किस तरह से समीक्षा करती हैं।

इसी समीक्षा के आधार पर यह देखा जाता है कि ग्राहक खरीदारी के लिए कैसे तैयार हो जाते हैं। बैठक में समीक्षा के स्तर पर चर्चा के बाद आगे की योजना बनाने पर फैसला हो सकता है। जानकारों का कहना है कि समीक्षा में दोषी पाए जाने पर ई-कॉमर्स कंपनियों पर सरकार कार्रवाई भी कर सकती है।

फ्लिपकार्ट, अमेजन, रिलायंस भी
इस बैठक में जिन प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों को बुलाया गया है, उनमें फ्लिपकार्ट, अमेजन, टाटा संस, रिलायंस रिटेल आदि शामिल हैं। बैठक में चर्चा होगी कि ऐसी समीक्षा कर ग्राहकों को गुमराह करने वाले कदमों को किस तरह से रोका जाए। ग्राहकों पर भी इसके असर को देखा जाएगा।

सरकार ने भी कराई 223 वेबसाइट की समीक्षा
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, हमने भी 223  प्रमुख ई-कॉमर्स वेबसाइटों की समीक्षा कराई है। इसमें पाया गया कि 55 फीसदी वेबसाइट यूरोपीय संघ के तय खरीद-बिक्री के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। 144 वेबसाइट के मामले में अधिकारी यह भी सत्यापित नहीं कर पाए कि वे व्यापारी समीक्षाओं को प्रामाणिक बनाने के लिए किसी भी तरह का प्रयास कर रहे थे।

इनसे चर्चा के आधार पर बनेगा कानून
उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा कि उपभोक्ता फोरम, लॉ  विश्वविद्यालय, वकील, फिक्की, सीआईआई और अन्य ग्राहक अधिकार कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया है। ये फर्जी समीक्षाएं और भ्रामक सूचनाएं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 के तहत उपभोक्ता अधिकार का उल्लंघन है। ऑनलाइन खरीदारी में तेजी को देखते हुए इन मामलों की विस्तार से जांच जरूरी है।

फर्जी समीक्षा कर ग्राहकों को गुमराह करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों पर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी में है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों के अधिकारियों को शुक्रवार को तलब किया है। मंत्रालय एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) के साथ अधिकारियों की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन उत्पाद खरीदने और सेवाओं का किस तरह से समीक्षा करती हैं।

इसी समीक्षा के आधार पर यह देखा जाता है कि ग्राहक खरीदारी के लिए कैसे तैयार हो जाते हैं। बैठक में समीक्षा के स्तर पर चर्चा के बाद आगे की योजना बनाने पर फैसला हो सकता है। जानकारों का कहना है कि समीक्षा में दोषी पाए जाने पर ई-कॉमर्स कंपनियों पर सरकार कार्रवाई भी कर सकती है।

फ्लिपकार्ट, अमेजन, रिलायंस भी

इस बैठक में जिन प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों को बुलाया गया है, उनमें फ्लिपकार्ट, अमेजन, टाटा संस, रिलायंस रिटेल आदि शामिल हैं। बैठक में चर्चा होगी कि ऐसी समीक्षा कर ग्राहकों को गुमराह करने वाले कदमों को किस तरह से रोका जाए। ग्राहकों पर भी इसके असर को देखा जाएगा।

सरकार ने भी कराई 223 वेबसाइट की समीक्षा

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, हमने भी 223  प्रमुख ई-कॉमर्स वेबसाइटों की समीक्षा कराई है। इसमें पाया गया कि 55 फीसदी वेबसाइट यूरोपीय संघ के तय खरीद-बिक्री के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। 144 वेबसाइट के मामले में अधिकारी यह भी सत्यापित नहीं कर पाए कि वे व्यापारी समीक्षाओं को प्रामाणिक बनाने के लिए किसी भी तरह का प्रयास कर रहे थे।

इनसे चर्चा के आधार पर बनेगा कानून

उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा कि उपभोक्ता फोरम, लॉ  विश्वविद्यालय, वकील, फिक्की, सीआईआई और अन्य ग्राहक अधिकार कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया है। ये फर्जी समीक्षाएं और भ्रामक सूचनाएं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 के तहत उपभोक्ता अधिकार का उल्लंघन है। ऑनलाइन खरीदारी में तेजी को देखते हुए इन मामलों की विस्तार से जांच जरूरी है।



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