अदालत ने नवाब मलिक को जेल भेजा: ईडी ने नहीं मांगी और रिमांड, लेकिन कहा- पूछताछ में नहीं कर रहे सहयोग


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Mon, 07 Mar 2022 09:44 PM IST

सार

62 वर्षीय राकांपा नेता को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और बाद में विशेष अदालत ने मामले में पूछताछ के लिए ईडी रिमांड पर भेज दिया था।

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मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि राकांपा नेता से जुड़े मामले के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं। ईडी ने दाऊद इब्राहिम की गतिविधियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में मलिक से संबंधित अपनी रिमांड याचिका में वैश्विक कोणों के बारे में दावा करते हुए कहा कि दाऊद अपनी गतिविधियों के कारण भारत में वांछित है।  

मलिक को भेजा न्यायिक हिरासत में 
62 वर्षीय राकांपा नेता को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और बाद में विशेष अदालत ने मामले में पूछताछ के लिए ईडी रिमांड पर भेज दिया था। उन्हें सोमवार को रिमांड की समाप्ति पर विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने मलिक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत (21 मार्च तक) के लिए भेज दिया क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उनकी और रिमांड नहीं मांगी थी। हालांकि ईडी ने अपनी ओर से मलिक की रिमांड के लिए दबाव नहीं डाला, लेकिन अदालत को बताया कि वह मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी ने याचिका में कहा कि जांच प्रारंभिक चरण में है।  

बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका 
वहीं, ईडी ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करने का आग्रह किया, जो महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दायर की गई है। ईडी ने कहा कि मलिक की गिरफ्तारी कानून के अनुसार हुई है। न्यायमूर्ति पीबी वराले की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में ईडी ने मलिक के आरोपों से इनकार किया कि उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया और उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। ईडी ने कहा कि वह मलिक के डी-कंपनी से जुड़े दो और मामलों में भी जांच कर रहा है।

विस्तार

मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि राकांपा नेता से जुड़े मामले के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं। ईडी ने दाऊद इब्राहिम की गतिविधियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में मलिक से संबंधित अपनी रिमांड याचिका में वैश्विक कोणों के बारे में दावा करते हुए कहा कि दाऊद अपनी गतिविधियों के कारण भारत में वांछित है।  

मलिक को भेजा न्यायिक हिरासत में 

62 वर्षीय राकांपा नेता को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और बाद में विशेष अदालत ने मामले में पूछताछ के लिए ईडी रिमांड पर भेज दिया था। उन्हें सोमवार को रिमांड की समाप्ति पर विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने मलिक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत (21 मार्च तक) के लिए भेज दिया क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उनकी और रिमांड नहीं मांगी थी। हालांकि ईडी ने अपनी ओर से मलिक की रिमांड के लिए दबाव नहीं डाला, लेकिन अदालत को बताया कि वह मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी ने याचिका में कहा कि जांच प्रारंभिक चरण में है।  

बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका 

वहीं, ईडी ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करने का आग्रह किया, जो महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दायर की गई है। ईडी ने कहा कि मलिक की गिरफ्तारी कानून के अनुसार हुई है। न्यायमूर्ति पीबी वराले की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में ईडी ने मलिक के आरोपों से इनकार किया कि उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया और उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। ईडी ने कहा कि वह मलिक के डी-कंपनी से जुड़े दो और मामलों में भी जांच कर रहा है।



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