Crude Oil ने लगाया शतक, रूस-यूक्रेन संकट से कच्चे तेल का दाम 100 डॉलर पहुंचा, 7 साल का उच्चतम स्तर


नई दिल्ली . रूस-यूक्रेन संकट के चलते एक तरफ जहां शेयर मार्केट की हालत खराब है, वहीं दूसरी तरफ क्रूड ऑयल (Crude Oil ) की कीमतों में आग लगी हुई है. इंटरनेशनल मर्केट में क्रूड ऑयल लगभग 100 डॉलर के करीब पहुंच गया है. मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 99.38 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई, जो सितंबर 2014 के बाद का इसका उच्चतम स्तर है.

रूस ने पूर्वी यूक्रेन के दो हिस्सों को अलग देश के रूप में मान्यता देकर अपनी सेनाओं को उनकी सुरक्षा में भेजने का आदेश दिया है. यूक्रेन संकट गहराने से दुनिया भर में क्रूड ऑयल की सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ गई है, जिससे इसकी कीमतों में उछाल आई है.

2014 के बाद इसका उच्चतम स्तर 
एक दिन पहले ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी. खबर लिखे जाने के समय ब्रेंट क्रूड ऑयल 3.7 फीसदी की उछाल के साथ 98.87 डॉलर पर कारोबार कर रहा था. अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड भी 4.8 फीसदी की उछाल के साथ 95.48 डॉलर पर पहुंच गया. दिन के कारोबार में इसकी कीम 96 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी, जो 2014 के बाद इसका उच्चतम स्तर है.

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संकट बरकरार 
अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी देश रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा करने के लिए तैयार हैं. प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती का आदेश देने के तुरंत बाद ब्रिटेन रूस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा.

जॉनसन ने कहा, “प्रतिबंध सिर्फ डोनबास और लुहान्स्क और डोनेट्स्क में स्थित संस्थाओं को ही ध्यान में रखकर नहीं लगाया जाएगा, बल्कि रूस भी इसके दायरे में होगा. हम रूस के आर्थिक हितों को जितना संभव हो सके, उतना निशाना बनाने की कोशिश करेंगे.”

100 डॉलर प्रति बैरल से भी बढ़ सकता हैं कीमतें 
ऑयल ब्रोकर PVM के तमस वर्गा ने बताया, “100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक कीमत जाने की संभावनाओं को काफी बढ़ावा मिला है. जिन लोगों ने इस तरह के रैली पर दांव लगाया है, उन्होंने तनाव के बढ़ने की आशंका जताई है.” यूरोपीय यूनियन देशों के विदेश मंत्री भी रूस के खिलाफ मंगलवार को प्रतिबंध लगाएंगे. यूनियन की विदेश नीति की प्रमुख जोसेप बोरेल ने यह जानकारी दी.

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कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब हैं और यूक्रेन संकट पहले से ही तेल बाजार में आई मांग की उछाल को और बढ़ा सकता है. कोरोना महामारी की रफ्तार थमने के बाद दुनिया के सभी देशों में ऑयल की मांग बढ़ी है. इसके चलते पहले से ही सप्लाई लेवल पर थोड़ी दिक्कतें होने के चलते इसकी कीमतें बढ़ रही थीं.

रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक 
यूक्रेन संकट ने सप्लाई से जुड़ी इन दिक्कतों को और बढ़ा दिया है. दरअसल सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है और साथ ही वह प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक है. ऑयल मार्केट में रूस का दबदबा ही सप्लाई से जुड़ी संकट की आशंका को तेज कर रहा है. अगर रूस पर प्रतिबंध लगता है, तो वहां से ऑयल और गैस की सप्लाई नहीं होगी. इससे ऑयल मार्केट में इसकी कमी होगी और बदले में इसके दाम बढ़ेंगे.

इस सबके बीच, पेट्रोलियम निर्यातक देशों और सहयोगियों के संगठन, ओपेक+ (OPEC+) ने तेल की सप्लाई को और अधिक तेजी से बढ़ाने की मांग का विरोध किया है.

Tags: Crude oil, Crude oil prices, Petrol and diesel, Upward trend in global crude prices

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