Crude Price War : रूस ने भारत को दिया सस्‍ते तेल का ऑफर, अमेरिका की गीदड़ भभकी-आगे बढ़े तो खैर नहीं


नई दिल्‍ली. रूस-यूक्रेन के बीच करीब सवा महीने से जारी युद्ध के साथ अब तेल कीमतों पर भी ‘युद्ध’ (Crude Price War) शुरू हो गया है. प्रतिबंधों से बेहाल रूस ने जहां भारत को सस्‍ती कीमतों पर कच्‍चा तेल खरीदने का ऑफर दिया वहीं अमेरिका ने तत्‍काल इसमें टांग अड़ा दी.

दरअसल, रूस ने भारत से कहा है कि वह युद्ध के पूर्व कच्‍चे तेल की जो भी कीमत थी, उसमें भी 35 डॉलर प्रति बैरल के डिस्‍काउंट पर क्रूड देगा. भारत ने भी इस मौके पर हाथोंहाथ लपकना चाहा, लेकिन बीच में अमेरिका ने अपना दांव खेल दिया. वॉशिंगटन के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि अगर भारत तय सीमा से ज्‍यादा तेल रूस से खरीदता है तो नई दिल्‍ली मुश्किल में आ सकती है.

गौरतलब है कि रूस के विदेश मंत्री आज भारत दौरे पर आए हैं और उनसे बातचीत में रूसी पेमेंट सिस्‍टम SPFS पर समझौता हो सकता है. इससे भारत क्रूड के लिए रुपये-रूबल के अनुसार भुगतान कर सकेगा. अमेरिका को ज्‍यादा आपत्ति इसी बात को लेकर है.

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रूस ने क्‍या दिया है ऑफर

Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस चाहता है कि भारत उससे इस साल 1.5 करोड़ बैरल कच्‍चा तेल खरीदने का अनुबंध करे. इसके तहत भारत को रूस से यूराल ग्रेड का कच्‍चा तेल मिलना है. इसकी कीमत युद्ध से पूर्व क्रूड के भाव से 35 डॉलर प्रति बैरल कम रहेगी. गौरतलब है कि युद्ध शुरू होने से पहले क्रूड की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी. हालांकि, युद्ध शुरू होने के बाद इसकी कीमतें 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं थी.

अमेरिका ने क्‍या दी चेतावनी

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हमने रूस पर जो प्रतिबंध लगाए हैं वे किसी भी देश को रूस से तेल खरीदने से नहीं रोकते. हालांकि, यह एक सीमा तक है और उससे ज्‍यादा खरीद करने पर परेशानी हो सकती है. भारत अगर रुपये या डॉलर में रूस को भुगतान करता है तो इससे अमेरिका को कोई समस्‍या नहीं है. हमें रूस और भारत के बीच होने वाले सौदे की जानकारी है और हम चाहते हैं कि भारत प्रतिबंधों के दायरे में रहकर ही कोई कदम उठाए. इसका उल्‍लंघन करने पर नई दिल्‍ली को मुश्किल हो सकती है.

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युद्ध के बाद रूस से बढ़ा तेल आयात

भारत वैसे तो रूस से ज्‍यादा तेल नहीं खरीदता और उसके कुल आयात में रूस की हिस्‍सेदारी 2-4 फीसदी ही है, लेकिन यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने इस मौके को बखूबी भुनाया है. दरअसल, 24 फरवरी के बाद से भारत ने रूस से ही अब तक करीब 1.3 करोड़ बैरल तेल खरीद लिया है, जबकि पिछले पूरे साल में रूस से कुल 1.6 करोड़ बैरल तेल मंगाया था. भारत दुनिया का तीसरा बड़ा तेल आयातक देश है.

5 डॉलर और सस्‍ता हुआ क्रूड

अमेरिका ने देश में बढ़ती महंगाई निपटने और क्रूड की कीमतों पर लगाम कसने के लिए अपने रणनीतिक रिजर्व से 1 लाख बैरल तेल प्रतिदिन बाजार में जारी करने की बात कही है. इसके बाद बृहस्‍पतिवार को क्रूड का वायदाभाव 5 डॉलर प्रति बैरल गिर गया. ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 108.58 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है जबकि WTI 5 फीसदी गिरकर 102.74 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया.

Tags: Crude oil prices, Russia ukraine war

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