मुंडका अग्निकांड में आरोपी बिल्डिंग मालिक को बाहरी जिला पुलिस ने रविवार को घेवरा मोड़ से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान मनीष लाकड़ा के रूप में हुई। हादसे के बाद आरोपी अपने पूरे परिवार के साथ मौके से फरार हो गया था। पुलिस अधिकारी के मुताबिक रात हरियाणा के एक हनुमान मंदिर में बिताने के बाद आरोपी रविवार सुबह हरिद्वार भागने की तैयारी कर रहा था। उससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस मनीष से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
मामले में पुलिस सीसीटीवी व वाईफाई राउटर कंपनी के संचालक भाईयों समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। उधर घटना स्थल पर रविवार को भी जांच का काम जारी रहा। एफएसएल के अलावा एसडीएम पंजाबी बाग सुबह के समय जांच के लिए पहुंची। वहीं मृतकों की पहचान के लिए रविवार को भी डीएनए सैंपल लिये गए। पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि पांच से दस दिन में डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही मृतकों की पहचान हो पाएगी।
बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि शुक्रवार को इमारत में जब आग लगी थी, उस समय मनीष अपनी पत्नी व दो बच्चों व मां के साथ घर पर चाय पी रहा था। आग बढ़ते ही मनीष ने अपने रिश्तेदारों को कॉल की। इसके बाद वह बराबर वाली बिल्डिंग की ओर कूदकर परिवार के साथ भाग गया। सबसे पहले उसने अपना फोन किया। वहां से वह अपने रिश्तेदारों के यहां गया। इसके बाद अकेला ही वह हरियाणा भाग गया। हरियाणा पहुंचकर मनीष ने अपने मोबाइल को तोड़ दिया। पकड़े जाने के डर से वह रिश्तेदारों के घर नहीं गया।
उसने पुलिस से बचने के लिए रात एक हनुमान मंदिर में बिताई। इसके दिन भर इधर-उधर छिपता रहा। रविवार सुबह वह हरिद्वार भागने के लिए घेवरा मोड़ पहुंचा तो स्पेशल टीम को उसके आने की भनक लग गई। आरोपी को वहां से दबोच लिया गया। अब उससे पूछताछ कर मामले की छानबीन की जा रही है। आरोपी ने खुलासा किया है कि हरीश और वरुण को किराए पर बिल्डिंग देने के बाद उसने पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं करवाया था। पुलिस की एक टीम ने मनीष के घर की तलाशी भी ली है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि फिलहाल मामले में मृतकों की संख्या 27 ही है। जिनमें केवल आठ की ही पहचान हो सकी है। बाकी पता चला है कि मृतकों में 21 महिलाएं और छह पुरुष हैं। शनिवार को 20 मृतकों के शवों और उनके परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए थे। बाकी के सैंपल रविवार को कलेक्ट कर लिए गए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पांच से 10 दिन बाद जब डीएनए सैंपल की रिपोर्ट आएगी, उसके बाद ही शवों की पहचान हो पाएगी।
हालांकि एफएसएल टीम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि शनिवार को जांच के दौरान टीम को दूसरी मंजिल पर शवों 45 छोटे-छोटे और कुछ बड़े टुकड़े मिले थे। इनको इकट्ठा कर मोर्चरी भेज दिया गया था। इसका पता नहीं चल सका था कि यह टुकड़े पहले से मिले शवों के हैं या गायब हुए किसी अन्य के हैं।