रूस-यूक्रेन के मसले से भारत ने फिर किया किनारा, इसके बावजूद बीते 50 साल में 11वीं बार आज होगी संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक


संयुक्त राष्ट्र. भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के मसले से एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र (UN) में किनारा कर लिया है. खबरों के मुताबिक, भारतीय समयानुसार रविवार दोपहर को इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में एक प्रस्ताव लाया गया. इसमें यूक्रेन के मसले पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) की आपात बैठक बुलाने की मांग की गई. इस प्रस्ताव पर हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया. प्रस्ताव को हालांकि सुरक्षा परिषद (UNSC) के 15 में से 11 सदस्यों का समर्थन मिला. इसके बाद अब इस प्रस्ताव के अनुरूप सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक आयोजित हो रही है.

खबरों की मानें तो बीते 50 साल में यह 11वां मौका है कि जब किसी मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक हो रही है. हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के मसले से भारत की तटस्थता का मसला पहला नहीं है. इससे पहले शुक्रवार को भी भारत ने इसी मसले पर सुरक्षा परिषद (UNSC) में लाए गए एक प्रस्ताव के लिए हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में इस बार भी अपने पूर्व के रुख को दोहराया है.

संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा, ‘मसले के सभी पहलुओं को देखते हुए हमने मतदान से अनुपस्थित रहने का फैसला किया है. हम अब भी अपने रुख पर कायम हैं कि इस मसले के हल का सिर्फ एक ही विकल्प है. ये कि इसे राजनयिक प्रयासों से बातचीत के जरिए शांतिपूर्वक सुलझाया जाए. इसीलिए हम रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस की सीमा पर होने वाली बातचीत की पहल का स्वागत करते हैं.’

तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों को वहां से सकुशल निकाले जाने के प्रयासों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन की सीमाओं पर स्थिति दिनों-दिन जटिल होती जा रही है. इससे अपने नागरिकों को वहां से निकालने के हमारे प्रयासों पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इस मानवीय मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सभी पक्षों को तुरंत यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय सहित अन्य देशों के नागरिकों को वहां से निकालने के प्रयासों पर संघर्ष का असर न पड़े.’

Tags: Hindi news, Russia ukraine war, UNGA, UNSC



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