Dilip Kumar first death anniversary: ‘हर दिन सब कुछ लुट जाने के अहसास के साथ होती है सुबह’


(News18 के सोनिल डेढिया से बातचीत पर आधारित)
मुंबई.
 ‘दिलीप कुमार के निधन के बाद से एक साल बीत गया और मैं हर दिन आगे बढ़ने की व्यर्थ कोशिश कर रही हूं. मैं हर सुबह इस भावना के साथ उठती हूं कि मैंने जो भी हासिल किया उसके लिए उन्होंने जो लगातार समर्थन दिया और मुझे अपनी चिंताओं को दूर करने की ताकत दी, वह सब कुछ अब लुट चुका है. यह मेरे जीवन का सबसे कठिन साल रहा है. दिलीप साहब के बिना मेरी दुनिया बेमानी और खाली है. यह एकमात्र वास्तविकता है, जिसे मैं मानना नहीं चाहती हूं. ऐसा एक भी दिन नहीं गया जब मैं ऐसे लोगों से नहीं मिली हूं जो उन्हें याद नहीं करते हैं.’

सायरा बानो ने अपने पति और हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार को याद करते हुए News18 Showsha से कहा कि ‘हमने लगभग 56 साल एक साथ बिताए और हम सचमुच पति-पत्नी के रूप में एक साथ बड़े हुए. हर कोई जानता है कि मुझे 12 साल की उम्र में उनसे प्यार हो गया था और मैं इस सपने के साथ बड़ी हुई कि वह अकेले हैं, जो मेरे लिए एकदम सही आदमी हैं. जब ये सपना सच होने का वक्त आया तो मुझे पता था कि मैं उनकी एकमात्र प्रशंसक नहीं थी और मैं उन महिलाओं की लंबी लाइन में कूद गई थी, जो श्रीमती दिलीप कुमार बनने की उम्मीद कर रहीं थीं. आज भी वे मेरी उन यादों में रहते हैं, जो मैंने अपने दिल में संजोई हैं.’

अपने जीवन में आए दुखों के पलों को याद करते हुए सायरा बानो ने कहा कि ‘जब मेरी प्यारी दादी, शमशाद बेगम साहिबा (हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका) का निधन हुआ, तो मैं गमगीन थी, लेकिन मैं आगे बढ़ गई. वह अम्माजी थीं- वे दादी और मां दोनों थीं. उन्होंने मुझे और मेरे भाई को इंग्लैंड में पाला, जब मेरी मां नसीम बानो का निधन हो गया. मेरी मां भारत की पहली ब्यूटी क्वीन, एक फिल्म स्टार और एक बहादुर सिंगल पैरेंट थीं.’

सायरा बानो ने कहा कि इसी तरह ‘मेरे भाई सुल्तान अहमद का कुछ साल पहले निधन हो गया था. वह युवा और बहुत प्यार करने वाले व्यक्ति थे. मैं तब भी बहुत दुखी हो गई थी. फिर भी यूसुफ साहब (दिलीप कुमार) की वजह से ही मुझमें आगे बढ़ने की हिम्मत थी. मुझे उनकी कोमल देखभाल और मजबूत भावनात्मक समर्थन मिला. मेरे जीवन में आने वाले अपरिहार्य और कठोर दुखों के साथ सामंजस्य बैठाने के लिए कहने का उनका अपना एक तरीका था. मुझे दिलासा देने का उनका अपना तरीका था और वे जोर देकर कहते थे कि जीवन को चलते रहना है और कोई भी अमर नहीं है.’

सायरा बानो ने कहा कि ‘जब से मैं जागती हूं तो बिस्तर में मेरे बगल में खाली जगह को देखकर रात होने तक मुझे इस सच के साथ रहना होता है कि मुझे अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझना चाहिए कि मेरे पास, मेरे साथ 56 साल तक मेरा यूसुफ साहब था. हर कोई जानता है कि मुझे 12 साल की उम्र में उनसे प्यार हो गया था. वह मेरे और अपने सभी प्रशंसकों और सिनेमा के छात्रों के लिए ज़िंदा हैं, जो उन्हें अपने गुरु के रूप में मानते हैं. उन्होंने अपने काम के माध्यम से हमारे लिए एक अनमोल विरासत को अपने पीछे छोड़ा है.’

दिलीप कुमार को याद करते हुए सायरा बानो ने कहा कि ‘मेरी जिंदगी में हर दिन एक भी पल ऐसा नहीं गुजरता, जब उनको याद करके मेरी आंखें नम नहीं होती. अगर हमारा स्टाफ या घर का कोई व्यक्ति टीवी चालू करता है और उनकी किसी फिल्म या गाना स्क्रीन पर चल रहा होता है, तो मैं उस कमरे से बाहर निकल जाती हूं, क्योंकि मैं अपनी भावनाओं को रोक नहीं सकती.’

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सायरा बानो ने कहा कि ‘पूरी दुनिया दिलीप कुमार की सबसे जीवंत यादों को अब भी याद करती है. जिसके कारण मुझे लगता है कि वह अपने प्रशंसकों के लिए और यहां तक कि मेरे लिए भी जिंदा हैं. उनके बहुत से प्रशंसकों और अनुयायियों ने हमसे उनके ट्विटर अकाउंट को फिर से सक्रिय करने का अनुरोध किया है और इंशाअल्लाह हम इसे जल्द ही शुरू करने की योजना बना रहे हैं.’ सायरा बानो ने कहा कि ‘दिलीप कुमार की पहली पुण्यतिथि पर मैं पूरा दिन कुरान खानी (जिनका निधन हो जाता है, उन लोगों की शांति के लिए विशेष प्रार्थना) करने जा रही हूं. मुझे यकीन है कि वह अपने सभी प्रियजनों के साथ शांति से है.’

Tags: Dilip Kumar, Dilip kumar death, Saira Banu

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