शांतिप्रिया ने किया था खुलासा, दिव्या भारती के हाथों पर थे ब्लेड के निशान
अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘सुहाग’ से बॉलिवुड में कदम रखने वाली शांतिप्रिया (Shantipriya) ने 2020 में दिए इंटरव्यू में बताया था कि उनकी दिव्या भारती से पहली मुलाकात एक टूर के दौरान हुई थी। शांतप्रिया के मुताबिक, दिव्या बहुत ही मासूम और बबली नेचर की थीं। पर वह खुलकर बात करती थीं। शाांतिप्रिया और दिव्या भारती एक हफ्ते के लिए बहरीन और यूएई के टूर पर गई थीं। इसी टूर के दौरान शांतप्रिया की नजर दिव्या भारती के हाथों पर पड़ी थी। उन्होंने जो देखा, उससे वह सिहर उठी थीं। शांतप्रिया ने बताया था कि एक बार डांस प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने दिव्या के हाथ में ब्लेड के 12-15 कट मार्क्स देखे। वह टेंशन में आ गई थीं। शांतिप्रिया समझने की कोशिश कर रही थीं कि आखिर दिव्या भारती के साथ क्या हो रहा है। उनके मुताबिक, वो निशान किसी ऐक्सिडेंट के नहीं लग रहे थे। उन्हें देखकर साफ पता चल रहा था कि वह ब्लेट से कटे के निशान हैं।
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पिता भी नहीं भूल पाए 5 अप्रैल 1993 का वो मनहूस दिन
वो निशान देखने के बाद शांतप्रिया ने दिव्या भारती पूछने की कोशिश की पर कभी हिम्मत नहीं जुटा पाईं। शांतिप्रिया को आज भी इस बात का अफसोस है। दिव्या भारती के पिता ओपी भारती भी बेटी की मौत के उस मनहूस दिन को नहीं भूल पाए थे। ओपी भारती (OP Bharti) ने बेटी दिव्या भारती की मौत से पहले के कुछ घंटे साथ बिताए थे। तब उन्हें कहां पता था कि कुछ पल बाद से वह अपनी लाडली को फिर कभी नहीं देख पाएंगे।
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मौत से पहले के पल-पल की बताई थी कहानी
ओपी भारती (Divya Bharti father) भी अब इस दुनिया में नहीं हैं। बीते साल नवंबर में उनका निधन हो गया। लेकिन कुछ साल पहले ‘आजतक’ को दिए इंटरव्यू में ओपी भारती ने बेटी दिव्या की मौत से पहले उसके साथ बिताए आखिरी पलों की कहानी बताई थी। ओपी भारती ने कहा था, ‘उस दिन मैं यहीं बैठा हुआ था जिस दिन उसकी डेथ हुई। रात के 3-4 बजे थे। वो घर में आई। उसको मद्रास जाना था। लेकिन मना कर दिया और कहा कि नहीं पापा मेरे पैर में चोट लगी है। फिर उसने कहा कि पापा मैंने एक फ्लैट देखा है शोमू मुखर्जी का, वो लेना है। तो मैं, मेरा बेटा और दिव्या शोमू मुखर्जी के घर गए। फ्लैट देखा वहां पर।’
पापा के साथ गई थीं फ्लैट लेने
ओपी भारती ने आगे कहा था, ‘दिव्या ने कहा कि डैडी आप पसंद करो फ्लैट मैं ले लूंगी। फिर हम पुराने फ्लैट पर आ गए। वहां बात करते रहे। फिर कुछ देर बाद दिव्या को फोन आया नीता लूला का। फ्लैट के डिजाइन वगैरह डिस्कस करने को। मैं यहीं उतर गया और फिर कुणाल, दिव्या को लेकर गया। वहां घर पर पुरानी नौकरानी थी। नीता लूला थी। साजिद (नाडियाडवाला) बाहर जा रहा था। उसके बाद वो सारे बैठे। दिव्या भी साथ बैठकर गप मारती रही और फिर उसके कुछ देर बाद….’
5 अप्रैल 1993 को क्या हुआ था?
ऐसा बताया जाता है कि उस दिन दिव्या भारती, नीता लूला और उनके पति के साथ अपने घर पर ड्रिंक्स इंजॉय कर रहे थे। मेड किचन में थी और स्नैक्स बना रही थी। वह वहीं से दिव्या से भी बात कर रही थी। तभी दिव्या उठकर बालकनी में चली गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस वक्त दिव्या नशे में थीं। वह एकदम किनारे पर खड़ी हो गईं। पर जैसे ही घूमीं, उनका बैलेंस बिगड़ गया और वह नीचे गिर गईं। जिस वक्त दिव्या गिरीं, उस वक्त उनकी सांसें चल रही थीं। लेकिन चोट इतनी गंभीर लगी थी कि हॉस्पिटल ले जाते वक्त उन्होंने दम तोड़ दिया।
पिता ने बताई थी यह बात
दिव्या भारती की मौत को लेकर कई तरह की थ्योरी सामने आईं। कहा गया कि उन्हें मारा गया है। पर एक इंटरव्यू में दिव्या के पिता ने इससे इनकार किया था। हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया था कि दिव्या ने थोड़ी पी रखी थी। ओपी भारती ने कहा था, ‘हां, उसने थोड़ी पी थी। पर आधे घंटे में वह कितनी पी लेती? और वो डिप्रेशन में भी नहीं थी।’ लेकिन लाख कहानियां और बातें बनती रहें, पर सच तो यही है कि दिव्या भारती की मौत का सच उनके साथ ही चला गया और अब पीछे सिर्फ उलझी गुत्थियां और राज ही रह गए हैं, जिनसे कभी भी पर्दा नहीं उठ पाएगा।
दिव्या भारती के साथ 5 अप्रैल 1993 को क्या हुआ था?