Droupadi Murmu: धर्म-जाति से लेकर शिक्षा तक, पिछले 15 दिन में नई राष्ट्रपति को लेकर क्या-क्या हुआ सर्च?


भारत में एक आदिवासी महिला का राष्ट्रपति बनना देश के लोकतंत्र के लिए एक बेहद अहम समयकाल रहा है। पूरे देश में इस जुलाई को अगर किसी नाम की सबसे ज्यादा चर्चा रही है तो वह है द्रौपदी मुर्मू की, जिन्होंने 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली। हालांकि, उनके नाम पर चर्चाएं सिर्फ उनके चुनाव जीतने या शपथ लेने के बाद ही नहीं शुरू हुई है, बल्कि जब से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने उनकी उम्मीदवारी का एलान किया तब से ही लोगों की जुबान पर मुर्मू को लेकर काफी सवाल हैं। 

इस बीच यह जानना अहम है कि बीते 15 दिनों में द्रौपदी मुर्मू को लेकर लोगों के मन में क्या सवाल रहे? लोगों ने उनके बारे में सर्च इंजन पर क्या जानना चाहा? इसके अलावा मुर्मू से जुड़ी वे क्या चीजें थीं, जिनमें लोगों की खासी दिलचस्पी रही…

 

क्या कहता है पिछले 15 दिन का डेटा?

गूगल ट्रेंड्स पर अगर 14 जुलाई 2022 से लेकर 28 जुलाई 2022 तक के सर्च डेटा को देखा जाए तो सामने आता है कि लोगों ने राष्ट्रपति चुनाव में काफी दिलचस्पी दिखाई है। इस दौरान प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया (President of India) काफी ट्रेंड हुआ। इसके अलावा न्यू प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया (new president of India) और इंडियन प्रेसिडेंट 2022 (Indian President 2022) भी ट्रेंड में रहे। दुनियाभर में द्रौपदी मुर्मू की उम्र (Droupadi Murmu Age) को लेकर भी काफी सर्च किए गए। 

गूगल पर जिन मुर्मू के बारे में जिन अन्य चीजों को सर्च किया गया, उनमें द्रौपदी मुर्मू का इतिहास (Droupadi Murmu History), द्रौपदी मुर्मू के पिछले कार्यकाल (Droupadi Murmu Previous Offices) और द्रौपदी मुर्मू कौन हैं? (Who is Droupadi Murmu) (About Draupadi Murmu) शामिल रहा। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू के धर्म (Draupadi Murmu Religion) और उनकी शिक्षा (Draupadi Murmu Educational Qualification) को लेकर भी सवाल हुए। इतना ही नहीं द्रौपदी मुर्मू का गांव (Draupadi Murmu Village) और उनकी बेटी इतिश्री (Itishri Murmu Daughter of Draupadi Murmu) भी गूगल सर्च की टॉप लिस्ट में रहा।  

मजेदार बात यह है कि गूगल पर द्रौपदी मुर्मू को हिंदी यूजर्स ने भी काफी सर्च किया। इनमें द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय, द्रौपदी मुर्मू की जीवनी जैसी सर्च शामिल रहीं। हिंदी यूजर्स ने द्रौपदी मुर्मू की जाति को लेकर भी गूगल को खंगाला।

देश में कहां-कहां सबसे ज्यादा हुई द्रौपदी मुर्मू की चर्चा?

द्रौपदी मुर्मू को लेकर बीते 15 दिनों में भारत के जिन राज्यों में सबसे ज्यादा चर्चा हुई है, उनमें ओडिशा सबसे ऊपर है। इसके बाद दूसरे नंबर पर झारखंड का नाम है। तीसरे नंबर पर मिजोरम, चौथे पर अंडमान-निकोबार और पांचवें पर अरुणाचल प्रदेश का नाम है। मजेदार बात यह है कि इन पांच राज्यों में से दो से मुर्मू का सीधा नाता रहा है। जहां उनका जन्म और राजनीतिक करियर ओडिशा से जुड़ा रहा है, वहीं उन्होंने झारखंड में राज्यपाल की जिम्मेदारी भी निभाई है। 

विदेश में द्रौपदी मुर्मू की चर्चा सबसे ज्यादा कहां?

द्रौपदी मुर्मू को लेकर चर्चा सिर्फ भारत के राज्यों तक सीमित नहीं रही है। बल्कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर, ओमान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश में भी मुर्मू को लेकर काफी सर्च हुए हैं। इतना ही नहीं यूरोपीय देश नॉर्वे के अलावा सिंगापुर, आयरलैंड, कनाडा और पाकिस्तान में भी इस दौरान लोग मुर्मू के बारे में सर्च करते दिखे। 

क्या हैं लोगों के सवालों के जवाब?

गूगल पर द्रौपदी मुर्मू को लेकर जो सवाल किए गए हैं, उन पर अमर उजाला की वृहद कवरेज रही है। लगभग सभी सवालों के जवाब दिए भी जा चुके हैं। हालांकि, बीते 15 दिनों में इन सवालों के फिर उठने के बाद हम आपको इनके जवाब फिर से देंगे…

1. द्रौपदी मुर्मू की उम्र और उनका गांव?

देश की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 जून 1958 को ओडिशा में एक आदिवासी परिवार में पैदा हुईं थीं। इस लिहाज से उनकी मौजूदा उम्र 64 साल है। द्रौपदी का जन्म ओडिशा के मयूरगंज जिले के बैदपोसी गांव में हुआ था। इस गांव में संथाल आदिवासी समूह बहुसंख्यक हैं। उनके पिता बिरांची नारायण टुडू एक किसान थे। द्रौपदी के दो भाई हैं। भगत टुडू और सरैनी टुडू। 

2. द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा? 

मुर्मू की स्कूली पढ़ाई गांव में हुई। साल 1969 से 1973 तक वह आदिवासी आवासीय विद्यालय में पढ़ीं। इसके बाद स्नातक करने के लिए उन्होंने भुवनेश्वर के रामा देवी वुमंस कॉलेज में दाखिला ले लिया। मुर्मू अपने गांव की पहली लड़की थीं, जो स्नातक की पढ़ाई करने के बाद भुवनेश्वर तक पहुंची।  

3. मुर्मू के पिछले पद?

1997 में द्रौपदी मुर्मू पहली बार नगर पंचायत का चुनाव जीत कर पहली बार स्थानीय पार्षद बनी। तीन साल बाद, वह रायरंगपुर के उसी निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुनी गईं। साल 2000 में वे पहली बार विधायक बनीं और भाजपा-बीजद सरकार में दो बार की मंत्री रहीं। साल 2015 में उन्हें झारखंड का पहला महिला राज्यपाल बनाया गया।



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