ED Raid on Vivo: ईडी का छापा पड़ते ही फरार हुए वीवो के निदेशक झेंगशेन ओउ और झांग जी, 44 जगहों पर हुई थी छापेमारी


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प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चीनी फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच तेज करने के बाद वीवो के निदेशक झेंगशेन ओउ और झांग जी भारत से भाग गए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। ईडी ने 5 जुलाई को वीवो और इससे जुड़े फर्मों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच में देश भर में 44 स्थानों पर छापेमारी की थी। 

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में ईडी की ओर से यह कार्रवाई की गई थी। जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई। इस मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है। चाइनीज फर्म पहले से ही भारतीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। वीवो ने इस मामले में अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा था कि वह सभी जरूरी जानकारी प्रदान करने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में हम कानूनों का पूरी तरह से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

वित्तीय अनियमितताओं का मामला आया था सामने
इसी साल मई में चीनी फर्म ZTE कॉर्प और वीवो को वित्तीय अनियमितताओं के चलते जांच का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा Xiaomi Corp. भी जांच के दायरे में है। दरअसल, भारत-चीन के बीच सीमा पर टकराव के बाद चीनी कंपनियों पर भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। अब तक टिकटॉक समेत 200 से ज्यादा चीनी मोबाइल ऐप बैन हो चुके हैं।

कंपनी से हो चुकी है 220 करोड़ की वसूली 
इससे पहले मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का गुरुग्राम स्थित एचएसबीसी बैंक का खाता अटैच कर राज्य वस्तु एवं सेवाकर (एसजीएसटी) विभाग 220.13 करोड़ रुपये की वसूली कर चुकी है। साल 2020 में नियमों का उल्लंघन कर रिटर्न दाखिल करने के दौरान 110.06 करोड़ रुपये अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने के मामले में यह कार्रवाई की गई है। 

विस्तार

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चीनी फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच तेज करने के बाद वीवो के निदेशक झेंगशेन ओउ और झांग जी भारत से भाग गए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। ईडी ने 5 जुलाई को वीवो और इससे जुड़े फर्मों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच में देश भर में 44 स्थानों पर छापेमारी की थी। 

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में ईडी की ओर से यह कार्रवाई की गई थी। जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई। इस मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है। चाइनीज फर्म पहले से ही भारतीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। वीवो ने इस मामले में अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा था कि वह सभी जरूरी जानकारी प्रदान करने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में हम कानूनों का पूरी तरह से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

वित्तीय अनियमितताओं का मामला आया था सामने

इसी साल मई में चीनी फर्म ZTE कॉर्प और वीवो को वित्तीय अनियमितताओं के चलते जांच का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा Xiaomi Corp. भी जांच के दायरे में है। दरअसल, भारत-चीन के बीच सीमा पर टकराव के बाद चीनी कंपनियों पर भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। अब तक टिकटॉक समेत 200 से ज्यादा चीनी मोबाइल ऐप बैन हो चुके हैं।

कंपनी से हो चुकी है 220 करोड़ की वसूली 

इससे पहले मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का गुरुग्राम स्थित एचएसबीसी बैंक का खाता अटैच कर राज्य वस्तु एवं सेवाकर (एसजीएसटी) विभाग 220.13 करोड़ रुपये की वसूली कर चुकी है। साल 2020 में नियमों का उल्लंघन कर रिटर्न दाखिल करने के दौरान 110.06 करोड़ रुपये अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने के मामले में यह कार्रवाई की गई है। 



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