नई दिल्ली. आसमान छूती खाने के तेल की कीमतें जल्द नीचे आ सकती हैं. इंडोनेशिया ने पॉम तेल के निर्यात पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की घोषणा कर दी है. इसके बाद पॉम तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है. मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, जुलाई तक पॉम तेल की कीमतों मे बड़ी गिरावट आ सकती है.
इंडोनेशिया से भारत सबसे ज्यादा पॉम तेल खरीदता है, लिहाजा इस फैसले का सबसे ज्यादा लाभ भी भारत को होगा. इंडोनेशिया ने अपने घरेलू बाजार में पॉम की बढ़ती कीमतों को थामने के लिए 28 अप्रैल को इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. अब स्थिति सामान्य होने पर बृहस्पतिवार को 23 मई से दोबारा निर्यात की अनुमति दे दी है. यह घोषणा होने के तत्काल बाद ही ग्लोबल मार्केट में वायदा भाव 6 फीसदी नीचे आ गया है.
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रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद सबसे बड़ा फैसला
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद किसी भी देश की ओर से फसल संरक्षण को लेकर यह सबसे बड़ा फैसला था. रूस और यूक्रेन दुनिया को सबसे ज्यादा सूरजमुखी तेल का निर्यात करते हैं, लेकिन युद्ध के बाद संकट बढ़ा और इसका निर्यात लगभग बंद हो गया. इसके बाद सारा जोर पॉम तेल के आयात पर रहा, लेकिन बढ़ती मांग की वजह से इसकी कीमतों में भी लगातार उछाल आ रहा है. इसे देखते हुए ही इंडोनेशिया ने निर्यात पर रोक लगा दी थी.
साबुन से ईंधन तक में पॉम का है इस्तेमाल
पॉम तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि इसलिए भी हुई है, क्योंकि इसका इस्तेमाल न सिर्फ खाने के तेल में होता है, बल्कि इसे साबुन बनाने और ईंधन में भी इस्तेमाल किया जाता है. भारत अपनी जरूरत का करीब 60 फीसदी खाद्य तेल अभी आयात करता है, जिसमें सबसे बड़ी मात्रा पॉम तेल की है. भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से ही सबसे ज्यादा पॉम तेल खरीदता है.
455 डॉलर तक घट जाएगी कीमत
इंडोनेशिया की ओर से निर्यात पर प्रतिबंध खत्म किए जाने के बाद ग्लोबल मार्केट में पॉम तेल की कीमतों में जल्द बड़ी गिरावट आने का अनुमान है. सवोला फूड के जनरल मैनेजर तगजीर रहमान का कहना है कि जुलाई तक पॉम तेल की कीमत घटकर 1,135 डॉलर प्रति टन तक आ सकती है, जो 19 मई को 1,365 डॉलर प्रति टन के भाव था. इतना ही नहीं सितंबर तक यह कीमत घटकर 4,000 रिंगित (इंडोनेशियाई करेंसी) या 910 डॉलर तक उतर जाएगी. यानी अगले चार महीने में पॉम तेल की कीमत करीब 455 डॉलर प्रति टन नीचे आ जाएगी.
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मलेशिया ने भी घटा दिया था निर्यात
इंडोनेशिया की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद एक तो वैसे ही ग्लोबल मार्केट में पॉम तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और आयात का संकट पैदा हो रहा. दूसरी ओर, मलेशिया ने भी इस दौरान अपने सबसे बड़े आयातक भारत और चीन को निर्यात कम कर दिया है. मई के पहले पखवाड़े में दोनों देशों का कुल शिपमेंट बढ़ने के बावजूद मलेशिया की ओर से कम पॉम तेल का निर्यात किया गया.
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Tags: Edible oil price, Import-Export, Inflation, Palm oil
FIRST PUBLISHED : May 20, 2022, 11:07 IST