जासूसी सॉफ्टवेयर Pegasus के जरिए अब अल साल्‍वाडोर के पत्रकारों की हुई निगरानी


इजरायल के जासूसी सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ (Pegasus) के जरिए भारत में तमाम हस्‍तियों की जासूसी करने का मामला पिछले साल सामने आया था। अब कनाडा के एक रिसर्च इंस्टिट्यूट ने कहा है कि अल साल्वाडोर (El Salvador) में लगभग तीन दर्जन पत्रकारों और एक्टिविस्‍ट के सेल फोन को साल 2020 के मध्य से हैक कर लिया गया है। इनमें एक स्पाइवेयर को इम्‍प्‍लांट किया गया है, जो आमतौर पर सिर्फ सरकारों और लॉ इन्‍फोर्समेंट के लिए ही उपलब्ध है। जिन पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के सेल फोन में जासूसी सॉफ्टवेयर दाखिल कराया गया, उनमें से कई ने भ्रष्‍टाचार के मामलों को सामने लाया है। 

रॉयटर्स के मुताबिक, द सिटीजन लैब ने पिछले साल के आखिर में इस कथित हैक का पता लगाया था। यह लैब टोरंटो यूनिवर्सिटी के मंक स्कूल ऑफ ग्लोबल अफेयर्स में स्पाइवेयर की स्‍टडी करती है। मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सिटीजन लैब को जांच में सहयोग दिया। 

सिटीजन लैब ने कहा है कि उसे जुलाई 2020 और नवंबर 2021 के बीच फोन में घुसपैठ के सबूत मिले हैं। हालांकि लैब का कहना है कि वह यह नहीं बता सकती कि पेगासस को किसने अल साल्‍वाडोर में पत्रकारों और एक्टिविस्‍ट के फोन में दाखिल कराया। इस सॉफ्टवेयर को दुनियाभर के देशों ने खरीदा है। इनमें से कई ने अपने पत्रकारों की जासूसी करने के लिए इसका इस्‍तेमाल किया है। 

सिटीजन लैब ने अपने निष्कर्षों पर बुधवार को एक रिपोर्ट जारी की।

वहीं, रॉयटर्स को दिए एक बयान में अल साल्‍वाडोर के राष्‍ट्रपति नायब बुकेले के कम्‍युनिकेशंस ऑफ‍िस ने कहा कि अल साल्वाडोर की सरकार पेगासस डेवलप करने वाली कंपनी NSO ग्रुप टेक्‍नॉलजीज की कस्‍टमर नहीं है। बताया गया है कि सरकार कथित हैकिंग की जांच कर रही है। सरकार ने कहा है कि वह और उसके अधिकारी भी इस जासूसी का शिकार हुए हैं। 

पेगासस जिस भी फोन में दाखिल होता है, वह फोन के एन्क्रिप्टेड मेसेज, फोटो, कॉन्‍टैक्‍ट्स, डॉक्‍युमेंट्स और बाकी संवेदनशील जानकारी चुरा लेता है। 

NSO ग्रुप अपनी क्लाइंट लिस्‍ट को गोपनीय रखता है। उसने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या अल साल्वाडोर एक पेगासस कस्‍टमर था। कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह अपने प्रोडक्‍ट्स को सिर्फ वैध खुफिया एजेंसियों और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को बेचती है। NSO ने कहा है एक्टिविस्‍ट और पत्रकारों की निगरानी के लिए स्पाइवेयर का दुरुपयोग करने वालों को वह माफ नहीं करती। ऐसा करने वाले कुछ कस्‍टमर्स के कॉन्‍ट्रैक्‍ट भी खत्‍म किए गए हैं। 

 

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