नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में डॉक्टर द्विवेदी ने फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ के आरोपों पर कहा, ‘मुझे आलोचना से दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर पृथ्वीराज (Prithviraj) के बारे में चंदबरदाई लिखते हैं तो गलत है लेकिन अबुल फजल या अलबरूनी लिखते हैं तो वह सही हैं, इस पर मुझे आपत्ति है। काव्य और इतिहास को उसी तरह से देखा जाना चाहिए। इतिहास को काव्य के जरिए भी देखा जाता है। इसीलिए हमने साफ कहा है कि पृथ्वीराज रासो पर ही फिल्म बनाई है। इसलिए हमें इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए।’
‘ऐतिहासिक तथ्यों पर बनाई है फिल्म’
फिल्म के ऐतिहासिक तथ्यों पर बात करते हुए डॉक्टर द्विवेदी ने कहा, ‘हमारे पास सारे ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद हैं। हमने पृथ्वीराज रासो के भी अलग-अलग वर्जन पढ़े। एक वर्जन कहता है कि तराइन के युद्ध में वे मारे गए जबकि दूसरा वर्जन कहता है कि उन्हें गजनी ले जाया गया। यह हमने फिल्म में दिखाया भी है। इसके अलावा आलोचना करने वालों को अलग-अलग वर्जन पढ़ने चाहिए ताकि उससे पता चले कि संयोगिता ने जौहर किया था।’
‘हिंदू वीर के बारे में बात करो तो गलत कहा जाता है’
‘पृथ्वीराज’ की सोशल मीडिया पर आलोचना के बारे में बात करते हुए चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा, ‘जब भी कभी ऐसे किसी हिंदू वीर के बारे में बात की जाती है तो हंगामा हो जाता है। जब अकबर पर बात करते हैं तो उसके विरोध को गलत कहा जाता है। अबुल फजल जो कह दें वो सही लेकिन चंदबरदाई जो कह दें तो वह गलत कैसे है? काव्य से एक कहानी मिलती है जिस पर फिल्म बनी है। इतिहास पर बहस करना इतिहासकारों का काम है। जो लोग राजनैतिक रोटियां सेकना चाहते हैं वे इसे विवादास्पद न बनाएं।’
मानुषी छिल्लर ने किया डेब्यू
बता दें कि ‘सम्राट पृथ्वीराज’ 3 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। अक्षय कुमार के लीड रोल वाली इस फिल्म से पूर्व मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने बॉलिवुड में डेब्यू किया है। फिल्म में अक्षय और मानुषी के अलावा संजय दत्त, सोनू सूद, आशुतोष राणा और मानव विज मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं।