एएनआई, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 19 Apr 2022 11:57 AM IST
सार
रक्षा सूत्रों ने कहा कि सैन्य और खुफिया एजेंसियों ने कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाया है। इसकी तुरंत जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
व्हाट्सएप के जरिए जासूसी का मामला सामने आया है। खुफिया एजेंसियों ने कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करने का संदेह जताया है। इसके तार पड़ोसी देश से जुड़े होने का शक है। मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
साइबर सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर एएनआई के एक सवाल के जवाब में, रक्षा सूत्रों ने कहा कि सैन्य और खुफिया एजेंसियों ने कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाया है। यह एक पड़ोसी देश द्वारा जासूसी से संबंधित गतिविधियों से जुड़ा होने की आशंका है। रक्षा सूत्रों ने कहा कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों पर साइबर सुरक्षा के उल्लंघन की सूचना मिली है। इसकी तुरंत जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
आरोपों का सामना कर रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर रक्षा सूत्रों ने कहा कि जांच प्रगति पर है। सैन्य अधिकारियों से जुड़े जासूसी के मामलों से कड़ाई से निपटा जाता है। ऐसे मामलों में उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है, क्योंकि वे सरकारी गोपनीयता कानून के दायरे में आते हैं। दोषी पाए जाने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम संभव कार्रवाई की जाएगी।
मामले की और जानकारी मांगने पर रक्षा सूत्रों ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता व जांच को देखते हुए किसी तरह की अटकलें न लगाई जाना चाहिए। इससे मामले की जांच पर असर पड़ सकता है।
बता दें, हाल के दिनों संदिग्ध पाकिस्तानी व चीनी जासूस हमारे रक्षा कर्मियों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। ये सेना व उसकी गतिविधियों की जानकारी को जुटाने के लिए संवेदनशील जानकारियों जुटाने के इरादे से ये कोशिशें कर रहे हैं। हालांकि इन जासूसों के अधिकतर प्रयास विफल रहे हैं, लेकिन कुछ अधिकारी उनके जाल में फंस गए और उनसे वे कुछ जानकारियां जुटाने में सफल रहे।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि सैन्य अधिकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते वक्त मानक नियमों व आचार संहिता का पालन करने के निर्देश समय समय पर दिए जाते हैं, ताकि ऐसी घटनाएं न हों।
विस्तार
व्हाट्सएप के जरिए जासूसी का मामला सामने आया है। खुफिया एजेंसियों ने कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करने का संदेह जताया है। इसके तार पड़ोसी देश से जुड़े होने का शक है। मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
साइबर सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर एएनआई के एक सवाल के जवाब में, रक्षा सूत्रों ने कहा कि सैन्य और खुफिया एजेंसियों ने कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाया है। यह एक पड़ोसी देश द्वारा जासूसी से संबंधित गतिविधियों से जुड़ा होने की आशंका है। रक्षा सूत्रों ने कहा कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों पर साइबर सुरक्षा के उल्लंघन की सूचना मिली है। इसकी तुरंत जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
आरोपों का सामना कर रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर रक्षा सूत्रों ने कहा कि जांच प्रगति पर है। सैन्य अधिकारियों से जुड़े जासूसी के मामलों से कड़ाई से निपटा जाता है। ऐसे मामलों में उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है, क्योंकि वे सरकारी गोपनीयता कानून के दायरे में आते हैं। दोषी पाए जाने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम संभव कार्रवाई की जाएगी।
मामले की और जानकारी मांगने पर रक्षा सूत्रों ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता व जांच को देखते हुए किसी तरह की अटकलें न लगाई जाना चाहिए। इससे मामले की जांच पर असर पड़ सकता है।
बता दें, हाल के दिनों संदिग्ध पाकिस्तानी व चीनी जासूस हमारे रक्षा कर्मियों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। ये सेना व उसकी गतिविधियों की जानकारी को जुटाने के लिए संवेदनशील जानकारियों जुटाने के इरादे से ये कोशिशें कर रहे हैं। हालांकि इन जासूसों के अधिकतर प्रयास विफल रहे हैं, लेकिन कुछ अधिकारी उनके जाल में फंस गए और उनसे वे कुछ जानकारियां जुटाने में सफल रहे।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि सैन्य अधिकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते वक्त मानक नियमों व आचार संहिता का पालन करने के निर्देश समय समय पर दिए जाते हैं, ताकि ऐसी घटनाएं न हों।
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