ईयू ला रहा नया कानून: ऑटो सेक्टर की कंपनियों में कार डाटा के लिए छिड़ी जंग, जिसके पास होगा वही कारोबार करेगा


सार

नए कानून के हिसाब से 1000 से अधिक प्रकार का यह कार डाटा ऑटो सेक्टर से जुड़े हर कारोबार को फायदा देगा। यूरोप की चौथी बड़ी कंपनी स्टेलेंटिस के अनुसार 2030 तक वह 1.72 लाख करोड़ की कमाई हर साल डाटा से कर सकती है। जनरल मोटर्स ने भी अपनी कमाई दोगुनी कर 2.45 लाख करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य इसी आधार पर बनाया।

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यूरोप की कार, ऑटो पार्ट्स, इंश्योरेंस, कार रेंटल व रिपेयर कंपनियों में कार डाटा को लेकर नई जंग छिड़ती नजर आ रही है। इस डाटा को ऑटो सेक्टर के लिए हवा-पानी जैसी बुनियादी जरूरत माना जा रहा है। इसके महत्व को समझते हुए यूरोपीय संघ की नियामक एजेंसियां भी दुनिया का पहला कार डाटा कानून लाने जा रही हैं।

एक कार चालक अपने कार से कहां जाता है, कहां से गुजरता है, कहां रुकता है, कौनसा संगीत सुनता है, क्या देखता है, कौनसी अच्छी-बुरी आदतें रखता है, कार कब-कब व कहां से ठीक करवाता है, आदि जानकारियां इस डाटा का हिस्सा हैं। यूरोपीय आयोग के सूत्रों के अनुसार यह कानून 2022 के अंत तक लाया जा सकता है। इसे लेकर ऑटो सेक्टर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों से विमर्श हो रहे हैं।

अभी कार कंपनियों के पास इस डाटा की चौकीदारी
यूरोप में इस समय कारों से पैदा हो रहे इस डाटा की चौकीदारी खुद कार कंपनियां कर रही हैं। उन्हें यह डाटा किसी से शेयर न करने, ग्राहकों की निजता बचाने और साइबर अपराधों से सुरक्षा देने के लिए कड़े नियमों का पालन करना होता है। लेकिन अब कंपनियां इसका ‘कंट्रोल्ड एक्सेस’ देना चाहती हैं। वे मानती हैं कि इससे कमाई का नया जरिया बन सकता है।

जिसके पास यह डाटा नहीं उसका काम होगा बंद
कार रेंटल कंपनी एएलडी के सीईओ टिम अल्बर्टसन दावा करते हैं कि ऑटो सेक्टर से जुड़ी किसी भी कंपनी के पास कार व कार चालक से जुड़ा डाटा नहीं होगा, उसका कारोबार आने वाले समय में बंद हो जाएगा। वजह, कारें अपने चालक को बखूबी समझने लगी हैं।

वे सॉफ्टवेयरों के जरिए आपस में और विभिन्न सर्वरों से जुड़ी हैं। कार के उपयोग से जुड़ा हर डाटा रजिस्टर हो रहा है। जिनके पास यह डाटा नहीं, वे कंपनियां ग्राहकों की जरूरतें नहीं समझ पाएंगी। उनका कारोबार भी नहीं चलेगा।

इतनी कमाई कि दोगुनी आय के लक्ष्य बनाये
एसोसिएशन के अनुसार 1000 से अधिक प्रकार का यह डाटा ऑटो सेक्टर से जुड़े हर कारोबार को फायदा देगा। यूरोप की चौथी बड़ी कंपनी स्टेलेंटिस के अनुसार 2030 तक वह 1.72 लाख करोड़ की कमाई हर साल डाटा से कर सकती है। जनरल मोटर्स ने भी अपनी कमाई दोगुनी कर 2.45 लाख करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य इसी आधार पर बनाया।

उदाहरण : ऐसे होगा डाटा का उपयोग

  • ड्राइवर कार को एक निश्चित दूरी यात्रा में कितनी बार तेज करता है, ब्रेक दबाता है, यह इंश्योरेंस कंपनियां को उस कार का प्रीमियम कम-ज्यादा करने में मदद करेंगी।
  • किसी कार में एंटी-लॉक ब्रेकिंग या अन्य प्रणाली कैसे काम कर रही हैं? टायर अलाइनमेंट कितने समय में सुधारने हैं, कार में क्या खराबी ज्यादा आ रही हैं, आदि से कार रिपेयर कंपनियों को फायदा पहुंचा सकती हैं।

विस्तार

यूरोप की कार, ऑटो पार्ट्स, इंश्योरेंस, कार रेंटल व रिपेयर कंपनियों में कार डाटा को लेकर नई जंग छिड़ती नजर आ रही है। इस डाटा को ऑटो सेक्टर के लिए हवा-पानी जैसी बुनियादी जरूरत माना जा रहा है। इसके महत्व को समझते हुए यूरोपीय संघ की नियामक एजेंसियां भी दुनिया का पहला कार डाटा कानून लाने जा रही हैं।

एक कार चालक अपने कार से कहां जाता है, कहां से गुजरता है, कहां रुकता है, कौनसा संगीत सुनता है, क्या देखता है, कौनसी अच्छी-बुरी आदतें रखता है, कार कब-कब व कहां से ठीक करवाता है, आदि जानकारियां इस डाटा का हिस्सा हैं। यूरोपीय आयोग के सूत्रों के अनुसार यह कानून 2022 के अंत तक लाया जा सकता है। इसे लेकर ऑटो सेक्टर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों से विमर्श हो रहे हैं।

अभी कार कंपनियों के पास इस डाटा की चौकीदारी

यूरोप में इस समय कारों से पैदा हो रहे इस डाटा की चौकीदारी खुद कार कंपनियां कर रही हैं। उन्हें यह डाटा किसी से शेयर न करने, ग्राहकों की निजता बचाने और साइबर अपराधों से सुरक्षा देने के लिए कड़े नियमों का पालन करना होता है। लेकिन अब कंपनियां इसका ‘कंट्रोल्ड एक्सेस’ देना चाहती हैं। वे मानती हैं कि इससे कमाई का नया जरिया बन सकता है।



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