ज्योतिषियों के ‘एग्जिट पोल’ में भी भाजपा सरकार: योगी की कुंडली बता रही जीत, अखिलेश के मुकाबले दिख रहा प्रबल राजयोग


सार

ज्योतिषाचार्यों के अपने-अपने तर्क, चुनाव परिणाम से पहले ग्रह-गोचर-लग्न पर नजर। बस एक दिन और इंतजार। इसके साथ ही तस्वीर साफ हो जाएगी। फिर भी रोली खन्ना ने ज्योतिषाचार्यों से जानने की कोशिश की कि ग्रह-गोचर किस ओर इशारा कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश की जनता ने किसे चुना है, किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा…। योगी आदित्यनाथ फिर से राज्य के मुखिया बनेंगे या फिर बाजी मार ले जाएंगे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव…। कयासों का दौर जारी है, हर किसे के अपने-अपने अनुमान हैं। प्रदेश में हालांकि सभी प्रमुख राजनीतिक दल मैदान में हैं, लेकिन लड़ाई योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव ही है। दावे-इरादे सबके अपने-अपने हैं। बस एक दिन और इंतजार। इसके साथ ही तस्वीर साफ हो जाएगी। इस बीच रोली खन्ना ने ज्योतिषाचार्यों से जानने की कोशिश की कि ग्रह-गोचर किस ओर इशारा कर रहे हैं।

योगी की कुंडली बता रही जीत, पर भाजपा की दशाएं ठीक नहीं
मेरठ के ज्योतिषाचार्य विनोद त्यागी और मथुरा के आलोक गुप्ता कहते हैं, योगी आदित्यनाथ की कुंडली बता रही है कि जीत तय है, लेकिन भाजपा की कुंडली अच्छे संकेत नहीं दे रही। ऐसे में भाजपा 200 का भी आंकड़ा नहीं छू पाएगी और इसे 160 के आसपास सीटें मिलने के आसार हैं। मणिपुर को छोड़कर कहीं भी भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, क्योंकि भाजपा की कुंडली में दशाएं ठीक नहीं हैं। दरअसल गोचर का राहु जन्मकालिक राहु पर दृष्टि गड़ाए है और यह स्थिति भ्रम पैदा कर रही है।

मंगल के प्रभाव से बन रहा शत्रु हंता योग, गुरु बढ़ा रहा योगी का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य निधि मिश्रा कहती हैं,योगी की कुंडली भाग्येश, लग्नेश, कर्मेश की षष्ठम भाव में युति के साथ ही मंगल वहां स्थित होकर शत्रु हंता योग बना रहा है। सबसे बड़ा सकारात्मक प्रभाव बृहस्पति की लग्न पर मित्र दृष्टि यह दर्शाती है कि योगी ही पुन: उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करेंगे। गुरु की दृष्टि लग्न पर आने वाले समय में योगी को जनता द्वारा उनके व्यक्तित्व के प्रभाव में और वृद्धि दिलाने वाली होगी। कुल मिलाकर लग्नेश का पराक्रम भाव में गोचर और साथ ही सप्तमेश के साथ युति बहुत सकारात्मक फलदायक है, यह दर्शाती है कि विधान सभा 2022 का परिणाम भाजपा के पक्ष में होगा।

भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अश्विनी पांडेय कहते हैं कि संवत 2078 चल रहा है, इसका नाम राक्षस है। इसके आरंभ में बहुत से उपद्रव होते हैं। इस वर्ष का अधिपति मंगल है, जो क्षत्रिय बिरादरी का भी अधिपति है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ की संभावना प्रबल है। शुरुआत में उपद्रव और फिर सभी विपक्षियों को धराशायी कर मुख्यमंत्री बनेंगे। 10 मार्च को परिणाम आ रहे हैं, ये भी एक संयोग है। गुरुवार और रोहिणी नक्षत्र का योग है। रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ब्रह्मा हैं, जिनका कार्य सृजन है। यह सकारात्मक संकेत है। वृषभ राशि व्यापारी वर्ग के लिए शुभ है। पूर्ण बहुमत से सरकार बनेगी और उद्यमियों को लाभ होगा। 

ज्योतिषाचार्य सुमित विजयवर्गीय कहते हैं, योगी आदित्यनाथ का जन्म सिंह लग्न में व चंद्र राशि वृषभ है। लग्नेश सूर्य राजयोग बनाते हुए पंचम भाव में बैठे हैं। दशम स्थान पर चंद्र व शनि की युति है, जो कि प्रवज्या या संन्यास का कारक है। दशम स्थान पर शनि व चंद्र किसी संप्रदाय व मठ का महंत बनाते हैं। शुक्र शनि की राशि में है जो कि विलासिता में कमी को दर्शाता है। अष्टम भाव में बैठा मंगल प्रभावी वाणी का कारक है। अभी वर्तमान में शनि की महादशा चल रही है, जिसमें शनि की ही अंतर्दशा चल रही है, शनि षष्ठेश व सप्तमेश भी हैं, जो कि वक्री होने के कारण अत्यंत फलदायी हैं। शनि व चंद्र का संबंध पुन: दशमांश कुंडली के दशम भाव से हो रहा है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ के प्रदेश का फिर से मुख्यमंत्री बनने के प्रबल योग हैं। वहीं अखिलेश यादव का जन्म तुला लग्न व मेष राशि में हुआ है। लग्नेश शुक्र एकादश भाव पर सिंह राशि में बैठा है, जो कि उन्हें विलासी व लोकप्रिय बनाता है। चंद्रमा पर गुरु की दृष्टि राजयोग का कारक है। वर्तमान में इनकी गुरु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है। चूंकि यह दशा षष्ठेश में अष्टमेश, तृतीयेश में लग्नेश की महादशा है, इसके कारण आंतरिक संघर्ष, परेशानी, आरोप-प्रत्यारोप का समय रहेगा। गुरु व शुक्र दोनों दशमांश कुंडली में षष्ठेश व अष्टमेश हो रहे हैं, जिसके कारण राजयोग में बाधा है। यानी योगी आदित्यनाथ व अखिलेश यादव की कुंडली में तुलना करें तो योगी की कुंडली में प्रबल राजयोग है। 

सपा लाभ पा रही, लेकिन बहुमत में संदेह
अयोध्या के ज्योतिषाचार्य प्रवीण शर्मा कहते हैं, विपरीत राजयोग सपा को लाभ देने का पूर्ण प्रयास कर रहा है। पर, कई गुना ज्यादा लाभ होने के बावजूद अंतिम रूप से बहुमत अभी सपा के भाग्य में नहीं है। अब भाजपा यानी धनु राशि का दस मार्च के हिसाब से विवेचन करें तो उसे भी हानि हो रही है, लेकिन यह हानि सपा से कम है। हर प्रकार के लाभ यानी ग्यारहवें भाव के स्वामी शुक्र अपने मित्र शनि के घर दूसरे भाव में ही हैं। ये लाभ की अति उत्तम स्थिति है, लेकिन मंगल जो शुक्र व शनि के स्वभाव से ही शत्रु हैं, उनका उसी राशि में होना भाजपा की पिछली संख्या में कमी को स्पष्ट कर रहा है। ग्रहों की विवेचना से संकेत है कि सपा बढ़ रही है और भाजपा घट रही है, लेकिन दोनों के मध्य इतना फासला रहेगा कि सत्ता भाजपा के पास ही रहेगी।

सत्ता के लिए होगी कांटे की लड़ाई
अयोध्या के ही आचार्य शिवेंद्र बताते हैं, अखिलेश की कुंडली में राहु चतुर्थ स्थान में बैठा है। गुरु के राशि पर गुरु की संगत में जब भी राहु आता है, तो परिणाम अच्छा नहीं देता। परिश्रम अधिक कराता है। उनकी कुंडली में केतु कर्म क्षेत्र में बैठा है जो अच्छा परिणाम नहीं देता। अखिलेश के सभी ग्रहों को देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि इन्हें पूर्ण बहुमत तो मिलते हुए नहीं ेदिख रहा है, हालांकि लाभ के संकेत जरूर हैं। कुल मिलाकर दोनों कुंडली को देखकर यह कहा जा सकता है कि सत्ता के लिए कांटे की लड़ाई हो सकती है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश की जनता ने किसे चुना है, किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा…। योगी आदित्यनाथ फिर से राज्य के मुखिया बनेंगे या फिर बाजी मार ले जाएंगे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव…। कयासों का दौर जारी है, हर किसे के अपने-अपने अनुमान हैं। प्रदेश में हालांकि सभी प्रमुख राजनीतिक दल मैदान में हैं, लेकिन लड़ाई योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव ही है। दावे-इरादे सबके अपने-अपने हैं। बस एक दिन और इंतजार। इसके साथ ही तस्वीर साफ हो जाएगी। इस बीच रोली खन्ना ने ज्योतिषाचार्यों से जानने की कोशिश की कि ग्रह-गोचर किस ओर इशारा कर रहे हैं।

योगी की कुंडली बता रही जीत, पर भाजपा की दशाएं ठीक नहीं

मेरठ के ज्योतिषाचार्य विनोद त्यागी और मथुरा के आलोक गुप्ता कहते हैं, योगी आदित्यनाथ की कुंडली बता रही है कि जीत तय है, लेकिन भाजपा की कुंडली अच्छे संकेत नहीं दे रही। ऐसे में भाजपा 200 का भी आंकड़ा नहीं छू पाएगी और इसे 160 के आसपास सीटें मिलने के आसार हैं। मणिपुर को छोड़कर कहीं भी भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, क्योंकि भाजपा की कुंडली में दशाएं ठीक नहीं हैं। दरअसल गोचर का राहु जन्मकालिक राहु पर दृष्टि गड़ाए है और यह स्थिति भ्रम पैदा कर रही है।

मंगल के प्रभाव से बन रहा शत्रु हंता योग, गुरु बढ़ा रहा योगी का प्रभाव

ज्योतिषाचार्य निधि मिश्रा कहती हैं,योगी की कुंडली भाग्येश, लग्नेश, कर्मेश की षष्ठम भाव में युति के साथ ही मंगल वहां स्थित होकर शत्रु हंता योग बना रहा है। सबसे बड़ा सकारात्मक प्रभाव बृहस्पति की लग्न पर मित्र दृष्टि यह दर्शाती है कि योगी ही पुन: उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करेंगे। गुरु की दृष्टि लग्न पर आने वाले समय में योगी को जनता द्वारा उनके व्यक्तित्व के प्रभाव में और वृद्धि दिलाने वाली होगी। कुल मिलाकर लग्नेश का पराक्रम भाव में गोचर और साथ ही सप्तमेश के साथ युति बहुत सकारात्मक फलदायक है, यह दर्शाती है कि विधान सभा 2022 का परिणाम भाजपा के पक्ष में होगा।

भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अश्विनी पांडेय कहते हैं कि संवत 2078 चल रहा है, इसका नाम राक्षस है। इसके आरंभ में बहुत से उपद्रव होते हैं। इस वर्ष का अधिपति मंगल है, जो क्षत्रिय बिरादरी का भी अधिपति है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ की संभावना प्रबल है। शुरुआत में उपद्रव और फिर सभी विपक्षियों को धराशायी कर मुख्यमंत्री बनेंगे। 10 मार्च को परिणाम आ रहे हैं, ये भी एक संयोग है। गुरुवार और रोहिणी नक्षत्र का योग है। रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ब्रह्मा हैं, जिनका कार्य सृजन है। यह सकारात्मक संकेत है। वृषभ राशि व्यापारी वर्ग के लिए शुभ है। पूर्ण बहुमत से सरकार बनेगी और उद्यमियों को लाभ होगा। 



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