Exclusive: अनुराग ठाकुर बोले- यूपी में 60 बनाम पांच साल की लड़ाई, भाजपा 300 सीटें पाने का लक्ष्य पूरा करेगी


यूपी में विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर नई जिम्मेदारी संभालने के साथ ही बेहद सक्रिय हैं। पार्टी की चुनावी रणनीति को वे बखूबी अंजाम दे रहे हैं। वे न केवल विपक्ष पर हमलावर हैं, विपक्ष के सियासी हमलों की धार कुंद करने में जुटे हैं। पेश है केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से विशेष बातचीत के प्रमुख अंश:-

सवाल: यूपी में भाजपा का मुख्य मुकाबला किससे है?
जवाब:
देखिए, सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से चुनाव लड़ते हैं। इसलिए सभी दलों को सत्ता में रहने का मौका भी मिलता रहा है। इस बार के चुनाव में भी तमाम दल उतरे हैं। लेकिन लड़ाई 60 बनाम 5 की है। अर्थात 60 साल की तुलना में 5 साल में हुए विकास को लेकर भाजपा चुनाव मैदान में है। पांच साल में गुंडाराज और भ्रष्टाचार से आम लोगों को मुक्ति दिलाने को लेकर सरकार ने काम किए हैं। विपक्षी दलों के सरकार में जो लोग जनता में खौफ पैदा करते थे, वह आज खुद खौफजदा और जेल में हैं। इसलिए भाजपा अपने कामों के बल पर चुनाव मैदान में है और 300 के पार के लक्ष्य को पूरा करेगी।

सवाल: इस चुनाव में भजपा का मुख्य मुद्दा हिंदुत्व है या विकास?
जवाब: योगी सरकार ने पांच साल के दौरान जाति-धर्म देखकर काम नहीं किया है। जरूरतमंदों की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम किया है। भाजपा का एजेंडा अंत्योदय है। गरीब, मजदूर, निर्बल, बेसहारा की मदद को ध्यान में रखकर ही जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। इसलिए इस चुनाव में भी भाजपा पांच साल में किए गए विकास के मुद्दे पर ही चुनाव मैदान में उतरी है।

सवाल: पश्चिम में कई स्थानों पर भाजपा उम्मीदवारों को लेकर नाराजगी है, ऐसे में आप पश्चिमी यूपी से 2017 जैसे प्रदर्शन की उम्मीद कैसे करते हैं?
जवाब: पश्चिम में नाराजगी भाजपा से नहीं, बल्कि सपा को लेकर है। इसलिए ही सपा के नेता प्रचार के लिए जमीन पर नहीं उतर रहे हैं। जबकि, भाजपा के शीर्ष नेता घर-घर जाकर प्रचार अभियान में जुटे हैं। पहले महा गठबंधन बना और बाद में बुआ-बबुआ का साथ मिलकर चुनाव लड़े। चुनाव हारे तो दोनों ने कहा, बड़ी भूल हुई। इस बार भी वैसा ही होगा। आप देखिएगा 10 मार्च के बाद जयंत चौधरी का भी यही पहला बयान आएगा कि ‘बहुत बड़ी भूल हुई’।

सवाल: भाजपा के खिलाफ विपक्ष ने जो उम्मीदवार उतारे हैं, उनसे किस प्रकार की चुनौती देख रहे हैं?
जवाब: सिर्फ एक वर्ग को प्राथमिकता देने की बात कहकर अखिलेश उस वर्ग को भी गुमराह कर रहे हैं। अखिलेश चाहे जितना भी लोगों को गुमराह कर लें, सभी जानते हैं कि सपा की लाल टोपी जनता की खून में डूबकर ही लाल हुई है। सपा के उम्मीदवारों की सूची जनता की उम्मीदों पर वार करने जैसा है।

सवाल: विपक्ष के वादे आपकी जीत के दावे को साकार करने में कितना बाधक बनेंगे?
जवाब: ‘वही हवा है, वही सपा है, जनता को जिसने दिया दगा है, अब जनता इनसे खफा है, 10 मार्च को अखिलेश फिर कहेंगे, ईवीएम बहुत बेवफा है।’ जनता जानती है कि जो सरकार में रहने पर 300 घंटे बिजली तो दे नहीं पाते थे, वह 300 यूनिट मुफ्त बिजली कैसे दे पाएंगे। जो लोग दंगे कराकर बहू-बेटियों की अस्मत से खिलवाड़ करते थे, वह उनकी सुरक्षा का वादा कैसे कर सकते हैं।

सवाल: भाजपा और विपक्षी दलों के चुनावी सामाजिक समीकरण में फर्क क्या है?
जवाब: विपक्ष की प्राथमिकता में आज भी तुष्टीकरण का विशेष महत्व है। वह चुनाव में तो हर वर्ग व जाति के नाम पर वोट मांगते हैं और जब सत्ता में आते हैं, तो उन्हें जनता से किए गए वादे याद नहीं रहते। याद रहता है तो सिर्फ अपने परिवार का विकास। सरकार बनने पर वह अपने परिवार के विकास तक ही सीमित हो जाते हैं। जबकि भाजपा शुरू से ही  ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास व सबका प्रयास’ के मूलमंत्र के साथ काम कर रही है। विपक्ष अपने परिवार के समीकरण को देखकर सियासत करती है और भाजपा समाज के विकास को ध्यान में रखकर काम करती है।

सवाल: योगी सरकार का गवर्नेंस सिस्टम अन्य दलों की सरकारों से कैसे भिन्न है?
जवाब: पांच वर्षों में योगी सरकार द्वारा कराए गए कामों को देखा जाए तो गवर्नेंस सिस्टम में फर्क साफ दिखेगा। 2017 के पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां सिर्फ सैकड़ों की संख्या में ही मकान बन पाए थे, बीते पांच साल में करीब 48 लाख गरीबों के लिए मकान बन गए हैं। इसी प्रकार 1.50 करोड़ को लोगों को मुफ्त बिजली कनेक्शन और 1.5 करोड़ लोगों को महीने में दो बार मुफ्त राशन दिया जा रहा है। 59 जिलों में मेडिकल कॉलेज, 5 जिलों में एम्स की स्थापना, 9 शहरों में मेट्रो, प्रदेश में पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, किसान सम्मान निधि के माध्यम से 86 लाख किसानों को 36 हजार करोड़ की राशि देने समेत तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारा गया है। खास बात यह है कि पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ शुरू की गई इन योजनाओं के क्रियान्वयन में बिचौलियों का सफाया हो चुका है। यानी योजना का पूरा लाभ लाभार्थियों को ही मिल रहा है।

सवाल: अयोध्या, काशी के बाद अब मथुरा की बारी को लेकर आपका क्या नजरिया है?
जवाब: अयोध्या व काशी के विकास पर विपक्षी सवाल तो उठा रहे हैं, लेकिन उन्हें इसे सिर्फ धार्मिक एजेंडे से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। अयोध्या, काशी व विंध्यधाम में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इससे धार्मिक पर्यटन के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसलिए धार्मिक स्थलों के विकास को सिर्फ एक ही चश्मे से नहीं देखना चाहिए।  

सवाल: किसानों की नाराजगी दूर करने में एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में क्या खास होगा?
जवाब: जब से केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार बनी है, तब से किसानों के हित में कई कदम उठाए गए हैं और सरकार आगे भी किसानों की भलाई के लिए तमाम कदम उठाने के लिए निरंतर काम कर रही है। किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को आर्थिक मदद देने, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान, बंद खाद कारखानों को चालू करने जैसे कई काम सरकार की मंशा के प्रतिबिंब हैं। सरकार किसान हित में निरंतर योजना बनाकर काम कर रही है।

सवाल: प्रभारी के तौर पर 2017 में अमित शाह ने भाजपा की वापसी कराई थी और अब आपके सामने भाजपा को सत्ता में बनाए रखने की चुनौती है, क्या उम्मीद है?
जवाब: डबल इंजन की सरकार मेरे लिए सबसे बड़ा वरदान है। योगी सरकार ने पांच वर्ष में रोजगार, गरीबों की मदद, पिछड़े व दलित समाज के उत्थान के साथ ही समाज के सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करके सबसे मन में सरकार की छवि ‘गुड गवर्नेंस’ की बनाई है। इसलिए यूपी में भाजपा सरकार को दोबारा सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता। सरकार अपने काम के बल पर सत्ता में लौटेगी।

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