जमीन से उठकर देश के 14वें राष्ट्रपति बने रामनाथ कोविंद अब राष्ट्रपति भवन से विदाई लेने की तैयारी में हैं। 25 जुलाई, 2017 को देश के 14वें राष्ट्रपति के बने कोविंद का कार्यकाल रविवार को समाप्त हो रहा है। इसी अवसर पर पीएम मोदी ने आज उनके सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया जिसमें कई गणमान्य लोग शामिल हुए। रात्रिभोज कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और प्रमुख नेताओं सहित पद्म पुरस्कार विजेता भी शामिल हुए।
विदाई भोज में उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर, मोदी कैबिनेट के सभी मंत्री मौजूद थे। जबकि राष्ट्रपति कोविंद भावी राष्ट्रपति मुर्मु के सम्मान में रविवार को रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति, पीएम, कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे।
छह देशों का सर्वोच्च सम्मान
दो वर्ष का समय कोविड महामारी में बीतने के बाद भी उनके कार्यकाल को कई अहम उपलब्धियों के लिए याद किया जाएगा। बहरहाल, द्रौपदी मुर्मू कोविंद की जगह लेंगी। भारत के राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर उन्होनें 33 देशों की राजकीय यात्राएं की। मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, इस्वातिनी, क्रोएशिया, बोलीविया और गिनी गणराज्य से सर्वोच्च राजकीय सम्मान प्राप्त हुआ।
महिलाओं की अधिक सक्रिय भागीदारी के समर्थक
शिक्षा को सामाजिक सशक्तीकरण का उपकरण बताने वाले कोविंद राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की अधिक सक्रिय भागीदारी के समर्थक हैं और समाज से वंचित वर्गों, विशेष रूप से विकलांगों और अनाथों के लिए अधिक अवसर पैदा करने का आह्वान करते रहे हैं। कोविंद ने अपनी साधारण पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए कहा था कि वे एक छोटे से गांव में मिट्टी के घर में पले-बढ़े हैं और राष्ट्रपति बनने तक की उनकी यात्रा लंबी रही है। राज्यपाल के रूप में कोविंद की उपलब्धियों ने 2017 में उन्हें राष्ट्रपति पद का प्रबल दावेदार बनाया। वे केआर नारायणन के बाद शीर्ष संवैधानिक पद पर काबिज होने वाले दूसरे दलित बने।