फुटबॉल के मुख्य कोच इगोर स्टिमैक ने एआईएफएफ के नए अनुबंध को स्वीकार किया


यह फैसला एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान लिया गया। एआईएफएफ महासचिव शाजी प्रभाकरण ने कहा, ‘आई एम विजयन की अध्यक्षता वाली तकनीकी समिति ने कल उनका अनुबंध एशियाई कप तक बढ़ाने का फैसला किया है और आज इसे कार्यकारी समिति से मंजूरी मिल गयी थी। ’

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने मुख्य कोच इगोर स्टिमक को नया अनुबंध पेश किया है जिसमें एक शर्त शामिल की गयी है कि पुरूष टीम को एशियाई कप के क्वार्टरफाइनल तक पहुंचाओ या फिर बाहर जाओ।
स्टिमक अभी कोलकाता में हैं जहां राष्ट्रीय टीम वियतनाम दौरे की तैयारी के लिये शिविर में हिस्सा ले रहे हैं और दौरा खत्म होने के बाद एआईएफएफ के अधिकारियों के उनके साथ अनुबंध की शर्तों पर चर्चा करने की उम्मीद है।
पीटीआई ने जब स्टिमक से संपर्क किया तो उन्होंने सूचित किया कि उन्होंने अनुबंध स्वीकार कर लिया है।

यह फैसला एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान लिया गया।
एआईएफएफ महासचिव शाजी प्रभाकरण ने कहा, ‘‘आई एम विजयन की अध्यक्षता वाली तकनीकी समिति ने कल उनका अनुबंध एशियाई कप तक बढ़ाने का फैसला किया है और आज इसे कार्यकारी समिति से मंजूरी मिल गयी थी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें प्रदर्शन को लेकर लक्ष्य टूर्नामेंट के शीर्ष आठ में जगह बनाने का है। अगर यह लक्ष्य हासिल कर लिया जाता है तो उनका अनुबंध स्वत: ही उस अगले टूर्नामेंट के लिये बढ़ा दिया जायेगा जो एआईएफएफ की प्राथमिकता सूची में हो। ’


इससे समझा जा सकता है कि एआईएफएफ एशिया कप के बाद स्टिमक के साथ जारी नहीं रहना चाहता वर्ना राष्ट्रीय टीम के पिछले कुछ वर्षों में महाद्वीपीय टूर्नामेंट के प्रदर्शन के स्तर को देखते हुए इस तरह का लक्ष्य नहीं दिया जाता।
भारतीय टीम वियतनाम दौरे पर 24 और 27 सितंबर को क्रमश: सिंगापुर और मेजबान के खिलाफ दो मैत्री मैच खेलेगी।
कार्यकारी समिति ने यह भी पुष्टि की कि वे शब्बीर अली, विजयन और अरूण घोष को पद्म श्री के लिये जबकि तकनीकी समिति के सदस्य मनोरंजन भट्टाचार्य को ध्यानचंद पुरस्कार के लिये नामित करेंगे।


प्रभाकरण ने कहा, ‘‘जेजे लालपेखलुआ के नाम की सिफारिश अर्जुन पुरस्कार के लिये की जायेगी। कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिये उनके नामांकन को मंजूरी दी। ’’
एआईएफएफ की कार्यकारी समिति ने अपनी ‘डेवलपमेंट’ टीम इंडियन एरोज को भी बंद करने की सिफारिश कर ली और इसकी जगह इस धनराशि का इस्तेमाल करते हुए एलीट युवा लीग बनायी जायेगी।


उन्होंने कहा, ‘‘पुरूष भारतीय एरोज टीम अब नहीं खेलेगी और वह आई लीग में भी हिस्सा नहीं लेगी। इसकी राशि का इस्तेमाल नयी एलीट स्तर की युवा लीग बनाने के लिये किया जायेगा जिसे भी कार्यकारी समिति की मंजूरी मिल गयी। विचार युवाओं पर निवेश का है ताकि आगे बेहतर राष्टीय टीम तैयार की जा सके। ’’
एक अन्य फैसले में कार्यकारी समिति ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिये टूर्नामेंट की फीस कम करने और अंडर-12, अंडर-18 खिलाड़ियों की ‘ट्रांसफर’ फीस खत्म करने का फैसला किया।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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