गहलोत बनाम पायलट : सीएम गहलोत का एक तीर से दो निशाना, कहा-मैंने आलाकमान से पायलट को केंद्रीय मंत्री बनाने की सिफारिश की


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: रोमा रागिनी
Updated Thu, 10 Mar 2022 12:35 PM IST

सार

सीएम गहलोत के सचिन पायलट को लेकर दिए बयान से एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री ने एक ओर पायलट से दोस्ती भी जता दी है, दूसरी ओर उन्होंने पायलट को संदेश भी दे दिया है।

अशोक गहलोत और सचिन पायलट

अशोक गहलोत और सचिन पायलट
– फोटो : Amar Ujala Digital

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विस्तार

राजस्थान कांग्रेस आपसी खींचतानी में फंसी है। प्रदेश कांग्रेस गहलोत और पायलट गुट में बंटा हुआ साफ नजर आता है। पिछले साल भी गहलोत और पायलट के बीच टकरार ने सुर्खियां बटोरी थी। एक बार फिर मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट पर निशाना साधा है। सीएम गहलोत ने कहा कि उन्होंने आलाकमान से सचिन पायलट को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की सिफारिश की थी।


इंदिरा शक्ति मोबाइल एप के लांच पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुराने दिनों को याद किया। इस दौरान सीएम ने जिक्र किया कि कैसे गुर्जर समाज से उन्होंने सचिन पायलट को केंद्रीय मंत्री बनाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि केंद्र में हमारी सरकार आई, तब 20 सांसद आए। यही बड़ी बात थी। केंद्र ने तब मुझसे पूछा कि किसको मंत्री बनाया जाए। उसके जवाब में मैंने ब्राह्मण समाज से सीपी जोशी, गुर्जर समाज से सचिन पायलट का नाम दिया था। मीना समाज से नमो नारायण मीना का भी नाम दिया था।


गहलोत ने बयान से बता दिया कि आलकमान में पकड़ किसकी मजबूत

अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि सभी को साथ लेकर चलना था। सीएम गहलोत के इस बयान से सियासी गलियारों में चर्चा तेज है। उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है। एक तरफ उन्हें पायलट का नाम देकर उनसे मित्रता का परिचय दिया। दूसरी ओर यह भी बता दिया कि आलाकमान में गहलोत की पकड़ मजबूत है।

5 राज्यों के चुनावों के नतीजे आने के साथ राजस्थान में हलचल दिख रही है। प्रियंका गांधी के दौरे ने भी कई सियासी चर्चों को जन्म दे दिया है। वहीं मुख्यमंत्री ने पायलट को साधते हुए उन्हें समझाने की कोशिश कि है कि उनका कद क्या है। 



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