Ghaziabad: किन्नरों के साथ ढोलक-डीजे बजाकर गुजारा कर रहे बिल्लू गैंग के बदमाश, कुंडली खंगाल रही पुलिस


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बिल्लू दुजाना और उसके दाएं हाथ माने जाने वाले राकेश की गाजियाबाद में मुठभेड़ के बाद मौत पुलिस ने गिरोह के अन्य बदमाशों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। पुलिस को जानकारी मिली है कि बिल्लू दुजाना के गैंग संख्या डी-129 में कुल छह सदस्य थे। बिल्लू की मौत के बाद शेष पांच सदस्यों में से केवल एक कपिल दुजाना की लोकेशन पुलिस को नहीं मिल पाई है। 

पुलिस का कहना है कि गिरोह का एक सदस्य अरबाज किन्नरों संग ढोलक बजा रहा है और अमित व सुमित गांव में ही रहकर डीजे बजाने का काम करते हैं। वहीं, एक अन्य सदस्य सौरभ को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने एनकाउंटर से कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 

बिल्लू दुजाना और राकेश ने बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव गिरधरपुर निवासी हरेंद्र व डेरी स्कनर गांव के जितेंद्र की 20 अप्रैल को गाजियाबाद वेव सिटी के पास ले जाकर हत्या कर दी थी। आरोपी दोनों दोस्तों को बादलपुर क्षेत्र स्थित एक ऑफिस से बुलाकर ले गए थे। गिरोह और आरोपियों के डर के कारण है परिवार के लोग वारदात और यहां तक की मुठभेड़ में मारे जाने के बाद भी जानकारी देने से बचते रहे। 

वहीं, आरोपियों की मौत के बाद गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर पुलिस की नजरें बिल्लू दुजाना गिरोह के अन्य सदस्यों पर टिक गई हैं। पुलिस को आशंका थी कि कोई अन्य सदस्य गिरोह की कमान संभाल सकता है लेकिन जांच में जो जानकारी सामने आई वह चौंकाने वाली है। 

गिरोह के तीन सदस्य काम धंधों में व्यस्त हैं और गांव में ही रहते हैं। इससे पता चल रहा है कि उन्होंने गिरोह से पहले से ही दूरी बना ली है। पुलिस रिकॉर्ड के हिसाब से केवल कपिल  की लोकेशन नहीं मिली है। वह गिरोह का सक्रिय सदस्य है। 

गैंग में नहीं राकेश का नाम, सक्रिय हो सकते हैं अन्य 
बिल्लू गैंगस्टर अनिल दुजाना का शार्प शूटर था। जबकि राकेश दिल्ली में अपराध करता था। दिल्ली पुलिस उसे तलाश रही थी तब वह हरियाणा में रह रहा था। अनिल के जेल जाने के बाद जानकारी मिली थी कि उसके नाम से बिल्लू विवादित संपत्तियों को लेकर रंगदारी मांगने लगा है और अनिल दुजाना के नाम का इस्तेमाल कर रहा है।

इस पर अनिल दुजाना ने उसको किसी माध्यम से फटकार लगाई थी। इसके बाद बिल्लू हरियाणा में राकेश से मिला था। जबकि बिल्लू के गैंग डी-129 में राकेश का नाम नहीं है। सूत्रों का कहना है कि राकेश और बिल्लू के गिरोह में अन्य बदमाश शामिल हैं। इनमें से किसी के गिरोह की कमान संभालने की संभावना है।

ताबड़तोड़ वारदात.. पांच साल और 24 मुकदमे 
अनिल दुजाना और राकेश के साथ रहने के दौरान बिल्लू ने ताबड़तोड़ वारदात की। बिल्लू पर वर्ष 2015 से लेकर 2019 तक 24 केस दर्ज हैं। इनमें कई रंगदारी के हैं। जबकि इसी अंतराल में राकेश पर 12 केस दर्ज हैं।  सूत्रों का कहना है कि कई केस तो आरोपियों के खिलाफ दर्ज ही नहीं कराए गए, अन्यथा इनके अपराधों और वारदात की फेहरिस्त और लंबी होती।  

बिल्लू के डी-129 गैंग में कपिल, अरबाज, सुमित उर्फ छोटा, अमित और सौरभ के नाम रिकॅार्ड में हैं। इनमें अमित और सुमित गांव में रहकर डीजे का काम कर रहे हैं। जबकि अरबाज किन्नरों के साथ ढोलक बजाता है। सौरभ को हाल ही में ऑपरेशन पाताल के तहत तमंचे के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। कपिल फरार है। – योगेंद्र कुमार सिंह, एसीपी-2 सेंट्रल जोन 

विस्तार

बिल्लू दुजाना और उसके दाएं हाथ माने जाने वाले राकेश की गाजियाबाद में मुठभेड़ के बाद मौत पुलिस ने गिरोह के अन्य बदमाशों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। पुलिस को जानकारी मिली है कि बिल्लू दुजाना के गैंग संख्या डी-129 में कुल छह सदस्य थे। बिल्लू की मौत के बाद शेष पांच सदस्यों में से केवल एक कपिल दुजाना की लोकेशन पुलिस को नहीं मिल पाई है। 

पुलिस का कहना है कि गिरोह का एक सदस्य अरबाज किन्नरों संग ढोलक बजा रहा है और अमित व सुमित गांव में ही रहकर डीजे बजाने का काम करते हैं। वहीं, एक अन्य सदस्य सौरभ को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने एनकाउंटर से कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 

बिल्लू दुजाना और राकेश ने बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव गिरधरपुर निवासी हरेंद्र व डेरी स्कनर गांव के जितेंद्र की 20 अप्रैल को गाजियाबाद वेव सिटी के पास ले जाकर हत्या कर दी थी। आरोपी दोनों दोस्तों को बादलपुर क्षेत्र स्थित एक ऑफिस से बुलाकर ले गए थे। गिरोह और आरोपियों के डर के कारण है परिवार के लोग वारदात और यहां तक की मुठभेड़ में मारे जाने के बाद भी जानकारी देने से बचते रहे। 

वहीं, आरोपियों की मौत के बाद गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर पुलिस की नजरें बिल्लू दुजाना गिरोह के अन्य सदस्यों पर टिक गई हैं। पुलिस को आशंका थी कि कोई अन्य सदस्य गिरोह की कमान संभाल सकता है लेकिन जांच में जो जानकारी सामने आई वह चौंकाने वाली है। 

गिरोह के तीन सदस्य काम धंधों में व्यस्त हैं और गांव में ही रहते हैं। इससे पता चल रहा है कि उन्होंने गिरोह से पहले से ही दूरी बना ली है। पुलिस रिकॉर्ड के हिसाब से केवल कपिल  की लोकेशन नहीं मिली है। वह गिरोह का सक्रिय सदस्य है। 

गैंग में नहीं राकेश का नाम, सक्रिय हो सकते हैं अन्य 

बिल्लू गैंगस्टर अनिल दुजाना का शार्प शूटर था। जबकि राकेश दिल्ली में अपराध करता था। दिल्ली पुलिस उसे तलाश रही थी तब वह हरियाणा में रह रहा था। अनिल के जेल जाने के बाद जानकारी मिली थी कि उसके नाम से बिल्लू विवादित संपत्तियों को लेकर रंगदारी मांगने लगा है और अनिल दुजाना के नाम का इस्तेमाल कर रहा है।

इस पर अनिल दुजाना ने उसको किसी माध्यम से फटकार लगाई थी। इसके बाद बिल्लू हरियाणा में राकेश से मिला था। जबकि बिल्लू के गैंग डी-129 में राकेश का नाम नहीं है। सूत्रों का कहना है कि राकेश और बिल्लू के गिरोह में अन्य बदमाश शामिल हैं। इनमें से किसी के गिरोह की कमान संभालने की संभावना है।

ताबड़तोड़ वारदात.. पांच साल और 24 मुकदमे 

अनिल दुजाना और राकेश के साथ रहने के दौरान बिल्लू ने ताबड़तोड़ वारदात की। बिल्लू पर वर्ष 2015 से लेकर 2019 तक 24 केस दर्ज हैं। इनमें कई रंगदारी के हैं। जबकि इसी अंतराल में राकेश पर 12 केस दर्ज हैं।  सूत्रों का कहना है कि कई केस तो आरोपियों के खिलाफ दर्ज ही नहीं कराए गए, अन्यथा इनके अपराधों और वारदात की फेहरिस्त और लंबी होती।  

बिल्लू के डी-129 गैंग में कपिल, अरबाज, सुमित उर्फ छोटा, अमित और सौरभ के नाम रिकॅार्ड में हैं। इनमें अमित और सुमित गांव में रहकर डीजे का काम कर रहे हैं। जबकि अरबाज किन्नरों के साथ ढोलक बजाता है। सौरभ को हाल ही में ऑपरेशन पाताल के तहत तमंचे के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। कपिल फरार है। – योगेंद्र कुमार सिंह, एसीपी-2 सेंट्रल जोन 



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