Godrej नॉन बैंकिंग लोन बिजनेस में आने की तैयारी में, जल्द हो सकती है घोषणा, जानिए अन्य डिटेल


मुंबई . 124 साल पुराना गोदरेज समूह अपनी इकाई गोदरेज फाइनेंस लिमिटेड के साथ गैर-बैंकिंग लोन बिजनेस में आने की तैयारी में है. मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को इसकी घोषणा हो सकती है.

गोदरेज फाइनेंस के पास 1998 से एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) का लाइसेंस था. इसे Ensemble Holdings and Finance के नाम से जाना जाता था. हालांकि, यह लोन देने के क्षेत्र में कभी भी सक्रिय नहीं रहा है. यह लेंडर 1000 करोड़ रुपए की पूंजी के साथ बिजनेस शुरू कर सकता है. बाद में ये कंपनी कंज्यूमर लेंडिंग में प्रवेश कर सकती है. इस क्षेत्र में अभी बजाज फाइनेंस लिमिटेड का दबदबा है.

गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस में पहले से मौजूद

टेक्नोपैक एडवाइजर्स के चेयरमैन अरविंद सिंघल के अनुसार, जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा, सभी संस्थाओं के लिए फाइनेंसिंग बिजनेस बढ़ेगा. गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस में पहले से मौजूद है. यह उपभोक्ता उत्पादों, उपकरणों और फर्नीचर व्यवसाय में भी मौजूद है. financing opportunities के अवसरों को देखते हुए, इस समूह में एक अच्छा बिजनेस खड़ा करने की क्षमता है.

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अक्टूबर 2020 में, समूह ने गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड लॉन्च किया, जो ₹40 लाख से ₹1 करोड़ के कर्ज की पेशकश करता है. लेकिन यह केवल गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड के ग्राहकों के लिए होता है. दिसंबर 2021 तक इसका लोन बुक 1,001 करोड़ रुपए का था. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गोदरेज फाइनेंस निवेश और अन्य एनबीएफसी गतिविधियों में लगा हुआ है. यह निवेश गतिविधियों में लिस्टेड और अनलिस्टेड सिक्यूरिटी में काम करता है.

कर्ज लेकर शुरू हुआ गोदरेज का बिजनेस

आर्देशिर गोदरेज जब भारत आए तो उनके पास कोई काम नहीं था. शुरुआत में उन्होंने एक कैमिस्ट शॉप में असिस्टेंट का काम किया. इस दौरान उनकी दिलचस्पी सर्जिकल इंस्ट्रमेंट्स बनाने की ओर हुई. इसके लिए उन्होंने पारसी समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति मेरवानजी मुचेरजी कामा से 3 हजार रुपए उधार लिए. हालांकि, उनका ये बिज़नेस चल नहीं पाया.

आर्देशिर के दिमाग में ताले बनाने का आइडिया आया. ऐसा नहीं है कि उस वक़्त ताले नहीं थे. मगर गोदरेज ने ऐसे लॉक्स बनाए, जो पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित थे. साथ ही, किसी भी चाबी से हर ताला नहीं खुल सकता था. उस वक्त तालों को लेकर कोई गारंटी भी नहीं देता था. मगर आर्देशिर गोदरेज ने ये भी रिस्क लिया. उन्होंने एक बार फिर मेरवानजी मुचेरजी कामा से कर्ज लेकर बॉम्बे गैस वर्क्स के बगल में 215 वर्गफुट के गोदाम खोला और वहां ताले बनाने का काम शुरू कर दिया. इसके साथ ही साल 1897 में जन्म हुआ गोदरेज कंपनी का. आज गोदरेज के प्रोडक्ट्स दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में बिक रहे हैं.

Tags: Banking Sector, Business, Finance, NBFCs

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