नई दिल्ली. देशभर के जनजातीय इलाकों में ब्लॉक स्तर पर बोर्डिंग स्कूल खोले जाएंगे. जनजतीय इलाकों में रहने वाले बच्चों को शिक्षित करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय ने यह फैसला लिया है. इस मद में बजट भी आवंटित हो गया है. जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा. देशभर में 600 से अधिक ब्लॉक हैं, जहां जनजातीय आबादी अधिक है. इन सभी ब्लाकों में स्कूल खोले जाएंगे.
जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या यानी अगस्त 2022 तक 75 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) को राष्ट्र को समर्पित किए जाएंंंगे. बजट पर चर्चा करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में मंत्रालय के बजट में लगातार वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय जनजातीय कल्याण कार्यक्रम के तहत 3,344 करोड़ रुपये के कुल वित परिव्यय के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय की 14 योजनाओं, 28,920 करोड़ रुपये के कुल वित परिव्यय की मंजूरी दी गई है. साथ ही एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) और 26.135 करोड़ रुपये कुल वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री वन बंधु कल्याण योजना को 31 मार्च 2026 तक जा रखने के लिए मंजूरी दी गई है.
वर्ष 2022-23 के बजट में ईएमआरएस की स्थापना के लिए कुल 2,000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रत्येक विद्यालय के निर्माण की लागत को मैदानी इलाकों के लिए 20 करोड़ रुपये और पहाड़ी, उत्तर-पूर्वी, चामपंथी उग्रवादग्रस्त क्षेत्रों के लिए 24 करोड़ से रुपये से बढ़ाकर क्रमश: 38 करोड़ रुपये और 48 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दे दी है. मंत्रिमंडल वित्त आयोग चक्र में 452 नए विद्यालयों की स्थापना, मौजूदा 211 विद्यालयों के उन्नयन और खेलों के लिए 15 उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना के लिए 28.920 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय को मंजूरी उम्मीद की जाती है कि 2025 तक सभी 740 स्कूल पूरी तरह से काम करने लगेंगे.
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