गुजरातः ठगों ने कागज पर ही खड़ी कर दी हाउसिंग स्कीम- बैंक को लगाया करोड़ों का चूना, 4 गिरफ्तार


राकेश परमार

अहमदाबाद. सिर्फ कागज पर 32 घरों की स्कीम बनाकर इंडिया होम लोन लिमिटेड के साथ 6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. उत्तरी गुजरात के पाटन शहर में वृंदावन रेजीडेंसी नाम की योजना सिर्फ कागजों पर तैयार की गई और करोड़ों रुपये का कर्ज लेकर घोटाला किया गया. क्राइम ब्रांच ने घोटाले के मास्टरमाइंड परबत रबारी के अलावा हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक ऋषभ याज्ञनिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध रोकथाम शाखा ने आठ लोगों के खिलाफ इंडिया होम लोन लिमिटेड कंपनी से फर्जी आवास योजना बनाकर प्लॉट धारकों के नाम करोड़ों रुपये का कर्ज लेने का मामला दर्ज किया है.

इंडिया होम लोन कंपनी के मैनेजर भी गिरफ्तार

32 लोगों के फर्जी दस्तावेज पर इंडिया होम लोन लिमिटेड नाम की कंपनी के साथ मिलकर 32 प्लॉट धारकों के नाम पर 6 करोड़ रुपये का कर्ज दिलाने के लिए फर्जी योजना बनाई गई थी. क्राइम ब्रांच ने इंडिया होम लोन कंपनी के तत्कालीन मैनेजर दिलीप शाह, कल्पेश प्रजापति, परबत रबारी और ऋषभ याग्निक को गिरफ्तार किया है. मामले के मुख्य आरोपी परबत रबारी ने बनासकांठा के भाभर में 32 लोगों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपये का कर्ज लेने के लिए साजिश रची थी. बिल्डर परबत रबारी के साथ इंडिया होम लोन के तत्कालीन प्रबंधक, ऋषभ याज्ञनिक और मूल्यांकक कल्पेश प्रजापति ने दलाल दिलीप शाह की मदद से 32 लोगों के दस्तावेज जाली और भूखंडों के झूठे दस्तावेज दिखाकर और जमीन का झूठा मूल्य दिखाकर ऋण प्राप्त किया था.

क्राइम ब्रांच कर रही साजिश की जांच
हालांकि क्राइम ब्रांच आरोपी ऋषभ याज्ञनिक और कल्पेश प्रजापति को मिले कमीशन के प्रतिशत और वे कैसे अपराध में शामिल थे, इसकी जांच कर रही है. एक बैंक के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अपराध शाखा इस बात की जांच कर रही है कि फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किसने किया और अन्य चार फरार आरोपियों के बैंक खातों में जमा कर्ज के पैसे का इस्तेमाल किसने किया.

32 लोगों ने भैंस खरीदने या घर बनाने के लिए हस्ताक्षर किए 
क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी सामने आया है कि पाटन और भाभर इलाके के गांवों में 32 लोगों के हस्ताक्षर लिए गए थे. इन हस्ताक्षरों को लेने से पहले यह भी कहा गया था कि किसी को भैंस मिलेगी या किसी को घर देंगे और फिर आपको किश्त देनी होगी. इन लोगों के नाम से स्वीकृत राशि मुख्य आरोपी परबत रबारी के खाते में जमा कर दी गई. फॉर्च्यून डेवलपर्स नामक कंपनी में रिश्तेदारों को शामिल करके पूरे घोटाले की साजिश रची गई थी.

Tags: Bank, Gujarat, Scam



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