Gulshan Kumar Birth Anniversary: अनुराधा पौडवाल को दूसरी लता मंगेशकर बनाना चाहते थें गुलशन कुमार!


गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) का जन्म 5 मई 1956 में दिल्ली में हुआ था. पिता के साथ फल-जूस बेचने वाले गुलशन की सोच और मेहनत ही थी कि 80 के दशक में संगीत का कारोबार शुरू कर दिया. फिर टी-सीरीज म्यूजिक कंपनी बनाई जो संगीत की दुनिया में छा गया. म्यूजिक की दुनिया में क्रांति लाने वाले गुलशन कुमार ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया था. अपनी मेहनत के दम पर हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री के कैसेट किंग का तमगा हासिल कर लिया. इतना ही नहीं गुलशन ने सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) और कुमार सानू जैसे शानदार सिंगर को लॉन्च भी किया था. अनुराधा की सफलता में गुलशन कुमार का बड़ा हाथ था.

याद करिए वो जमाना जब हिंदी सिनेमा में गायिकी की दुनिया में सिर्फ लता मंगेशकर और आशा भोसले ही छाई हुई थीं. टी-सीरीज की खोज अनुराधा पौडवाल ने संगीत की दुनिया में अपनी सुरीली आवाज से जगह बनानी शुरू की. अनुराधा ने ‘काली चरण’ और फिल्म ‘अभिमान’ में गाकर अपनी जादुई आवाज सुनाई थी. अनुराधा ने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंद जी राजेश रोशन जैसे संगीतकारों के साथ काम कर सफलता की सीढ़ी चढ़ रही थीं.

जब अनुराधा पौडवाल को मिला गुलशन कुमार का साथ

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुराधा पौडवाल का लता मंगेशकर और आशा भोसले से काफी विवाद भी हुआ, जिसकी वजह से कई संगीतकारों के रडार पर आ गई थीं. उस दौर में टी-सीरीज के साथ हर कोई काम करना चाहता था. इसी समय अनुराधा को गुलशन कुमार का साथ मिला और उनके लिए गाने लगीं. कैसेट किंग गुलशन कुमार का साथ मिलते ही अनुराधा की सफलता आसमां छूने लगी. गुलशन ने भी खूब सपोर्ट किया और ‘आशिकी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘बेटा’ जैसी फिल्मों के लिए उन्हें लगातार तीन बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.

अनुराधा को दूसरी लता बनाना चाहते थे गुलशन

गुलशन कुमार का साथ मिलते ही जिस तरह से अनुराधा सफलता की ऊंचाई पर पहुंचने लगी तो ऐसा लगा कि लता मंगेशकर का जमाना खत्म हो गया. ओपी नैय्यर जैसे कंपोजर ने भी कह दिया था कि अनुराधा ने लता की जगह ले ली. वहीं गुलशन कुमार ने कहा था कि वह अनुराधा को फिल्म इंडस्ट्री की दूसरी लता बनाएंगे. हालांकि ऐसा हो नहीं सका. गुलशन कुमार ने संगीत के साथ-साथ फिल्म प्रॉडक्शन भी शुरू किया था.

कैसेट किंग की जिंदगी फिल्मी कहानी से नहीं है कम

हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री के बेताज बादशाह गुलशन कुमार ने सफलता की ऐसी ऊंचाई छू ली जो अंडर वर्ल्ड को रास नहीं आई. 12 अगस्त 1997 को मुंबई में अंडरवर्ल्ड के शॉर्प शूटरों ने कैसेट किंग की जान ले ली. गुलशन कुमार की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.

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