भोपाल. रणजी ट्रॉफी क्रिकेट में इतिहास रचने वाली मध्य प्रदेश टीम के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव का आज उनके अपने शहर भोपाल में स्वागत किया गया. आदित्य ने कहा सीनियर्स ने रणजी ट्रॉफी जीतने का जो सपना देखा था वो साकार हुआ. लगातार 6 साल से हम ट्रॉफी जीतने के लिए जो संघर्ष कर रहे थे वो जीत के साथ खत्म हुआ. उन्होंने कहा-मेरा अब अगला लक्ष्य भारतीय टीम में जगह बनाना है.
मध्यप्रदेश ने रणजी ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया है. रणजी टीम के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव की कप्तानी में मध्यप्रदेश ने स्वर्णिम इतिहास रचा है. टीम के कप्तान आदित्य ने कहा कि फाइनल मुकाबले में हम सभी ने थंब रूल पर काम किया. जो उस दिन अच्छा खेलता है,वह पूरे खेल को कंट्रोल करता है. इसी रणनीति और पूरी टीम की मेहनत से हम रणजी ट्रॉफी जीतने में कामयाब रहे.
साकार हुआ सपना
रणजी ट्रॉफी में इतिहास रचने पर मध्य प्रदेश टीम के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने न्यूज़18 से बातचीत में कहा लंबे समय से सपना था रणजी ट्रॉफी जीतने का. संजय जगदाले सर से लेकर सभी सीनियर्स ने रणजी ट्रॉफी जीतने का सपना देखा था. हम भी 6 साल से रणजी ट्रॉफी जीतने का प्रयास कर रहे थे. आज वह मुकाम हासिल हुआ है. हम सभी मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के शुक्रगुजार हैं. जिसने हमें मौका दिया. कोच चंद्रकांत पंडित का सपना साकार हुआ है. 23 साल पहले ट्रॉफी आखिरी मिनिट में हाथ से चली गई थी. 23साल पहले 2 घंटे में पूरा गेम पलट गया था. रणजी ट्रॉफी जीतना हमारे कोच के लिए बहुत ही इमोशनल मोमेंट था. कोच चंद्रकांत पंडित की खुशी आंसूओं के जरिए साफ बयां हो रही थी.
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थंब रूल पर फोकस
मध्यप्रदेश टीम के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने कहा क्रिकेट का थंब रूल है कि जो उस दिन अच्छा खेलता है वो पूरे खेल को कंट्रोल करता है. हम ने मुंबई में ऐसी प्लानिंग के साथ काम किया और ट्रॉफी पर कब्जा किया. यह टर्निंग प्वाइंट हो सकता है. लेकिन यह तभी होगा जब हम आने वाले सालों में भी इसी तरह की सफलता को रिपीट करें. फाइनल मुकाबले में प्रेशर नहीं था. हम जीत के लिए पूरी प्लानिंग के साथ लगातार काम कर रहे थे. चंद्रकांत पंडित वन ऑफ द बेस्ट कोच हैं. पुनीत मेन बॉलर में से एक हैं. बंगाल टीम में बड़ी लीड नहीं मिली थी. उसी मैच में पुनीत का इंजर्ड होना बहुत बुरा रहा था. बैंगलोर में मौसम हमारे अनुकूल रहा और सभी खिलाड़ियों ने अपना 100प्रतिशत दिया.
मध्य प्रदेश की टीम ने रचा इतिहास
मध्यप्रदेश की टीम ने रणजी ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया है. 41 बार की चैंपियन मुंबई को फाइनल में हराकर पहली बार मध्यप्रदेश ने रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है. रविवार के दिन फायनल मुकाबले में मध्यप्रदेश ने 41 बार की चैंपियन मुंबई को 6 विकेट से मात दी थी. 23 साल पहले यानी 1998- 99 में मध्य प्रदेश की टीम रणजी ट्रॉफी फायनल में पहुंची थी. तब टीम के कप्तान चंद्रकांत पंडित थे, जो आज मध्य प्रदेश टीम के कोच हैं. तब मध्य प्रदेश को कर्नाटक के हाथों हार झेलनी पड़ी थी. उनकी कप्तानी में टीम हार गयी थी लेकिन उनके कोच रहते टीम जीती. मध्यप्रदेश ने लंबे सालों के रणजी ट्रॉफी के खिताब का सूखा खत्म किया है.
इंडियन टीम में खेलने का सपना
रणजी ट्रॉफी मध्य प्रदेश टीम के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव का कहना है माता पिता के बिना सफलता संभव ही नहीं थी. 12 साल से अंकुर अकैडमी में क्रिकेट खेलना शुरू किया था. 16 सालों से लगातार क्रिकेट का सफर जारी है. उम्मीद है आगे भी इसी तरह से मध्यप्रदेश को ट्रॉफी दिलाते रहेंगे. आदित्य ने कहा आगे बढ़ने का सपना है और सपने के बिना क्रिकेट होता नहीं है. सपने नही होंगे तो ये मुकाम हासिल नहीं कर पाएंगे. इंडियन टीम में खेलने का मेरा सपना है. आने वाले एक दो साल में बस यही लक्ष्य हासिल करना है.
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FIRST PUBLISHED : June 29, 2022, 21:10 IST