अहम बैठक: दूसरा भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन कल, 15 हजार करोड़ के निवेश का एलान करेंगे स्कॉट मॉरिसन


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 20 Mar 2022 05:43 PM IST

सार

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन चार जून 2020 को हुआ था। अब दूसरा वर्चुअल शिखर सम्मेलन 21 मार्च को आयोजित होगा, जिसमें दोनों देशों के प्रधानमंत्री पारस्परिक हित के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ 21 मार्च को एक वर्चुअल सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, ‘अर्ली हार्वेस्ट ट्रेड एग्रीमेंट’ के नाम से जाने जाने वाले भारत-ऑस्ट्रेलिया अंतरिम व्यापार समझौता भी इसी महीने संपन्न होगा। साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में एक केंद्र भी बनाएंगे। अंतरिक्ष, साइबर गतिविधियों, प्रौद्योगिकी, कृषि, शिक्षा और प्रसारण पर भी घोषणाएं होंगी।

इस शिखर सम्मेलन को बीते शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा था कि हम अपने कारोबारी व निवेश संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे और पारस्परिक आर्थिक वृद्धि को लेकर नए अवसरों पर बात करेंगे। उन्होंने कहा था कि हम यूक्रेन में हालात और हिंद प्रशांत व म्यांमार पर इसके प्रभाव पर भी बात करेंगे। उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों को बहुत महत्वपूर्ण करार दिया था।

1500 करोड़ रुपये के निवेश का एलान करेंगे मॉरिसन
जानकारी के अनुसार सम्मेलन के बाद मॉरिसन भारत में विभिन्न क्षेत्रों में 1500 करोड़ रुपये के निवेश का एलान करेंगे। यह ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से भारत में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। उधर, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे भारत को ऑस्ट्रेलिया से धात्विक कोयला और लिथियम हासिल करने में पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।

सूत्रों के अनुसार अंतरिक्ष, साइबर गतिविधियां, प्रौद्योगिकी, कृषि, शिक्षा और प्रसारण के क्षेत्र में भी कुछ एलान किए जाएंगे।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं। कारोबार समेत अन्य क्षेत्रों में दोनों के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। जून 2020 में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत बढ़ाया था।

दोनों देशों ने लॉजिस्टिक्स सहयोग के लिए सैन्य ठिकानों तक पारस्परिक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते ‘म्युचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट’ (एमएलएसए) पर हस्ताक्षर किए थे।यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को समग्र रक्षा सहयोग बढ़ाने की सुविधा के अलावा अन्य कार्यों के लिए एक दूसरे के ठिकानों का उपयोग करने की अनुमति देता है।

नवंबर 2020 में और इस साल भी भारत की मेजबानी में हुए मलाबार नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की नौसेना ने भी हिस्सा लिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत जारी विभिन्न पहलों की प्रगति का जायजा लेंगे। यह सम्मेलन नई पहलों और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने का रास्ता तैयार करेगा।

विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ 21 मार्च को एक वर्चुअल सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, ‘अर्ली हार्वेस्ट ट्रेड एग्रीमेंट’ के नाम से जाने जाने वाले भारत-ऑस्ट्रेलिया अंतरिम व्यापार समझौता भी इसी महीने संपन्न होगा। साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में एक केंद्र भी बनाएंगे। अंतरिक्ष, साइबर गतिविधियों, प्रौद्योगिकी, कृषि, शिक्षा और प्रसारण पर भी घोषणाएं होंगी।

इस शिखर सम्मेलन को बीते शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा था कि हम अपने कारोबारी व निवेश संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे और पारस्परिक आर्थिक वृद्धि को लेकर नए अवसरों पर बात करेंगे। उन्होंने कहा था कि हम यूक्रेन में हालात और हिंद प्रशांत व म्यांमार पर इसके प्रभाव पर भी बात करेंगे। उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों को बहुत महत्वपूर्ण करार दिया था।

1500 करोड़ रुपये के निवेश का एलान करेंगे मॉरिसन

जानकारी के अनुसार सम्मेलन के बाद मॉरिसन भारत में विभिन्न क्षेत्रों में 1500 करोड़ रुपये के निवेश का एलान करेंगे। यह ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से भारत में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। उधर, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे भारत को ऑस्ट्रेलिया से धात्विक कोयला और लिथियम हासिल करने में पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।

सूत्रों के अनुसार अंतरिक्ष, साइबर गतिविधियां, प्रौद्योगिकी, कृषि, शिक्षा और प्रसारण के क्षेत्र में भी कुछ एलान किए जाएंगे।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं। कारोबार समेत अन्य क्षेत्रों में दोनों के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। जून 2020 में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत बढ़ाया था।

दोनों देशों ने लॉजिस्टिक्स सहयोग के लिए सैन्य ठिकानों तक पारस्परिक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते ‘म्युचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट’ (एमएलएसए) पर हस्ताक्षर किए थे।यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को समग्र रक्षा सहयोग बढ़ाने की सुविधा के अलावा अन्य कार्यों के लिए एक दूसरे के ठिकानों का उपयोग करने की अनुमति देता है।

नवंबर 2020 में और इस साल भी भारत की मेजबानी में हुए मलाबार नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की नौसेना ने भी हिस्सा लिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत जारी विभिन्न पहलों की प्रगति का जायजा लेंगे। यह सम्मेलन नई पहलों और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने का रास्ता तैयार करेगा।



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