दिल्ली-एनसीआर में डीजल से चलने वाले ऑटो 2026 तक हटेंगे, नई एयर पॉल्यूशन पॉलिसी के तहत दिए गए निर्देश


हाइलाइट्स

BS4 वाहनों पर भी पाबंदी लगाने की तैयारी की जा रही है.
दिल्ली-एनसीआर के कुछ क्षेत्रों में 450 के पार प्रदूषण की स्तर.
2026 तक फेज आउट किए जाएंगे डीजल ऑटो-रिक्शा

नई दिल्ली. साल 2026 तक डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा दिल्ली-एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) में इतिहास बन जाएंगे. कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की नई एयर पॉल्यूशन पॉलिसी के मुताबिक इन वाहनों को राजधानी और आस पास के क्षेत्र से धीरे-धीरे फेज आउट कर दिया जाएगा जिससे वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके. इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में अगले 5 साल में वायु प्रदूषण को कम करने का लक्ष्य है. इसके लिए कमिशन सेक्टर्स के आधार पर एक्शन लेगा.

नई वायु प्रदूषण नीति के तहत डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा गुरुग्राम, फरीदाबाद, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में 31 दिसंबर 2024 तक हटा दिए जाएंगे. बाकी जिलों में डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा 31 दिसंबर 2026 तक हटा दिए जाएंगे.

कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के मुताबिक 1 जनवरी 2023 से केवल कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (CNG) और इलेक्ट्रिक ऑटो की ही रजिस्ट्रेशन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों में होगा. दिल्ली और एनसीआर स्टेट्स को कमिशन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सीएनजी और लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) से चलने वाले वाहनों के लिए NCR और हाइवेज पर फिलिंग नेटवर्क तैयार करें जिससे लंबी दूरी के वाहन ईंधन भरा सकें.

इसके अलावा BS4 वाहनों पर भी पाबंदी लगाने की तैयारी की जा रही है. इनमें एसेंशियल सर्विस में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को छूट मिलेगी. हालांकि कई रेजीडेंशियल वेलफेयर असोसिएशन इस फैसले को गैरजरूरी बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं. दिल्ली NCR क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर 450 तक पहुंच गया है.

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