केजीएफ चैप्टर 2 में एक सीन आता है, जब टीवी में राजेंद्र देसाई के मौत की खबर आती है और रीमा बिना यश को बताए अपने पिता से मिलने के लिए जाने लगती है। तभी उसे जॉन रास्ते से किडनैप कर लेता है। फिर ये बात रॉकी को मालूम चलती है। वह अपनी बुलेटप्रूफ कार से सीधे रीमा को बचाने निकल पड़ता है। रास्ते में लाख एक्शन होने बाद जॉन, अधीरा के अड्डे पर पहुंचता है। रॉकी भी वहां लड़ते-भिड़ते एंटर करता है। लेकिन उससे जॉन के कई साथी उस पर अटैक करते हैं। इस बीच आपने देखा होगा कि वह एक कलरफुल ड्रेस पहने गुंडे पर डंडा से हमला करता है लेकिन गिरता है ब्लैक सूटेड-बूटेड आदमी। वो कलरफुल शर्ट वाला बंदा दूर-दूर तक उन बाइक वालों में नजर ही नहीं आता। लेकिन जब रॉकी को मारना होता है, तो वह स्क्रीन पर अचानक से प्रकट हो जाता है। खैर, अब जिस तरह से रॉकी ने मारा, उससे तो बंदा और बाइक उड़ना चाहिए था। लेकिन उड़ता है टायर और टंकी।
रमिका सेन ही चेंज हो गई
केजीएफ चैप्टर 1 की शुरुआत में दिखाया जाता है कि देश की प्रधानमंत्री रॉकी के खिलाफ फैसला ले रही होती हैं। हालांकि उनका चेहरा नहीं दिखाया जाता। और जब चैप्टर 2 रिलीज होता है। तो उसमें बाकायदा रवीना टंडन को लाया जाता है। उनका चेहरा दिखाया जाता है। लेकिन पहले चैप्टर में जो महिला बैठकर कैबिनेट के सामने फैसला दे रही होती है, उसका चेहरा कुछ और ही रहता है। मतलब कि मेकर्स ने उनका चेहरा दर्शकों से छिपाकर भी नहीं छिपाया। क्योंकि जब उसका आप चेहरा देखेंगे जूम करके, स्क्रीन की ब्राइटनेस बढ़ाकर तो पाएंगे की वहां रमिका सेन की जगह कोई और ही नजर आता है।
पुलिस स्टेशन पर गोली, पर बैरिकेड नहीं हिला
फिल्म में जब पुलिस रॉकी का एक सोने का बिस्कुल लेकर थाने चली जाती है और ये बात यश को मालूम हो जाती है तो वह सीधे पुलिस स्टेशन पहुंच जाता है। अपना गोल्ड लेता है और बाहर आ जाता है। सबको लगता है कि बला टल गई। लेकिन बाहर जाकर रॉकी अपनी भयंकर वाली गन निकालता है और वहां खड़ी पुलिस की गाड़ियों को उड़ाने लगते हैं। हमला इतना जोरदार होता है कि सभी गाड़िया बारी-बारी करके हवा में उड़ने लगती है। लेकिन वहां लगा बैरिकेड टस से मस नहीं होता।
एक जैसे हैं जीप के नंबर प्लेट्स
पुलिस स्टेशन के बाहर जो गाड़ियां उड़ती हुई नजर आती हैं। उनमें जीप का रजिस्ट्रेशन नंबर एक जैसा होता है। चार गाड़ियों में से दो का नंबर 767 और दो का 140 होता है। मतलब मेकर्स ने सोचा कि कुछ भी कर दो दर्शकों को क्या ही पता चलना है, लेकिन दर्शकों को सब दिखाई देता है और उन्होंने ये गलती पकड़ ली।
रॉकेट लॉन्चर का गोला हुआ गायब
रॉकी जब इनायत खलील से कलासनिकाव लेकर KGF पहुंचता है तो वह अधीरा से पहले अपना बदला लेकर जाता है। खाई के एक तरफ रॉकी अपनी टीम के साथ नजर आता है तो दूसरी तरफ अधीरा अपने साथियों के साथ। पहले तो अधीरा समेत सभी साथी रॉकी को देखकर हंसने लग जाते हैं। फिर बंदूक तानकर खड़े हो जाते हैं। एक तो रॉकेट लॉन्चर लेकर दिखाई देता है। जो रॉकी के ट्रक को उड़ा देता है। लेकिन जब लॉन्चर से रॉकेट निकलता है तो उसके पीछे से आग की लपटें देखने को मिलती हैं, लेकिन उस गुंडे के आसपास खड़े लोगों को रत्ती भर फर्क नहीं पड़ता, जबकि रॉकेट लॉन्चर से निकली आग उनके चेहरे तक जाती है। ऐसे में लगता है कि वह व्यक्ति लोहा का बना है, जिस पर आग का कोई असर नहीं होता।