उत्तराखंड में एक और दागी अफसर! अपर सचिव पर आय से 500 गुना संपत्ति अर्जित करने का आरोप


देहरादून. उत्तराखंड कृषि विभाग में बतौर अपर सचिव कार्यरत आईएएस अफसर राम विलास यादव इन दिनों यूपी से लेकर उत्तराखंड तक चर्चाओं में हैं. राम विलास यादव पर यूपी में लखनऊ विकास प्राधिकरण का सचिव रहते हुए आय से पांच सौ गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. यूपी की ओर से उत्तराखंड को सौंपे गए तमाम दस्तावेज के आधार पर यादव के खिलाफ अब उत्तराखंड में भी विजलेंस डिपार्टमेंट ने रिपोर्ट दर्ज की है. विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए अब शासन के आदेश का इंतजार है.

उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भी मामले में सख्त रुख अपनाया है. गणेश जोशी ने कहा कि मामला अभी उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अफसरों को बरदाश्त नहीं किया जाएगा. उनको वहां भेजा जाएगा, जहां उनकी जगह है. लखनऊ विकास प्राधिकरण में सचिव रहे राम विलास यादव यूपी में सत्ता परिवर्तन होते ही 2019 में उत्तराखंड आ गए. इस बीच यूपी सरकार ने राम विलास यादव के करप्शन से जुड़े मामलों की फाइल उत्तराखंड सरकार को सौंपी तो सरकार ने विजलेंस की खुली जांच के आदेश कर दिए. तब से यादव के खिलाफ जांच चल रही थी. यादव किसी न किसी तरह से विजलेंस का सामना करने से बचते रहे. यादव ये कहते हुए कोर्ट की शरण में भी गए कि विजलेंस उनकी जांच नहीं कर सकती, लेकिन कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली.

इस बीच विजलेंस ने यूपी में शिकायतकर्ता को भी उत्तराखंड बुलाकर उनके बयान दर्ज किए. यादव ने विजलेंस पर उनका पक्ष न सुनने का आरोप लगाया, तो उत्तराखंड शासन ने तीन अफसरों की कमेटी बनाकर यादव और विजलेंस को आमने सामने किया. लेकिन, यहां भी यादव विजलेंस के सवालों का जवाब देने से बचते रहे. अंतत: सरकार ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश कर दिए. विजलेंस अब जांच में जुट गई है. मामले में वो यूपी पुलिस की भी मदद ले सकती है. उत्तराखंड में भी राम विलास यादव समाज कल्याण से लेकर कई विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. न्यूज 18 के संवाददाता ने इस बीच यादव का पक्ष जानने के लिए कई बार फोन किया, लेकिन उनका मोबाइल दिनभर स्विच ऑफ जाता रहा. राम विलास अब 30 जून को रिटायर होने जा रहे हैं लेकिन शासन रिटायरमेंट से पहले ही उन पर शिंकजा कस सकता है.

Tags: Corruption, Dehradun news



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