IND vs WI: पहले IPL में मिला छप्परफाड़ पैसा, अब कटा टीम इंडिया का टिकट, जानें क्यों खास है गेंदबाज


नई दिल्ली. टी20 विश्व कप और फिर दक्षिण अफ्रीका दौरा. इन दोनों जगह टीम इंडिया को हाल के दिनों में अपनी सबसे बड़ी कमजोरी यानी स्पिन गेंदबाजों के बेरंग प्रदर्शन का खामियाजा उठाना पड़ा. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया को 3-0 से हार झेलनी पड़ी. इसमें जितना रोल बल्लेबाजों का रहा, उतना ही इस हार के कसूरवार स्पिन गेंदबाज भी हैं. वो पूरी सीरीज में विकेट निकालने में नाकाम रहे. इसका सबूत है बीच के ओवर में भारतीय स्पिनर्स की गेंदबाजी. आर अश्विन, युजवेंद्र चहल और जयंत यादव ने इस सीरीज में कुल मिलाकर 59 ओवर गेंदबाजी की. लेकिन उनके खाते में विकेट आए सिर्फ 3 विकेट.

खुद कोच राहुल द्रविड़ ने भी माना कि मिडिल ओवर (11-40) एक ऐसा एरिया है, जहां हम पिछड़ रहे हैं. इसी वजह से टीम इंडिया अपनाई खास रणनीति का दोबारा इस्तेमाल करने जा रही है. इसके तहत 6 महीने बाद कुलदीप यादव की टीम इंडिया में वापसी हुई है. भारतीय टीम मैनेजमेंट ने 2017 से 2019 के बीच कुलदीप और युजवेंद्र चहल यानी ‘कुल-चा’ की जोड़ी का इस्तेमाल किया था. क्योंकि बल्लेबाजों के लिए रिस्ट स्पिनर्स की गेंद को समझना आसान नहीं होता. इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए ही टीम की नजर अब एक्स-फैक्टर वाले खिलाड़ियों पर है. इसलिए 21 साल के युवा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज के लिए चुना गया है.

लखनऊ ने रवि को 4 करोड़ रुपए में खरीदा
रवि बिश्नोई के लिए बीते कुछ दिन शानदार रहे हैं. उन्हें हाल ही में आईपीएल की नई फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपरजायंट ने 4 करोड़ रुपए में अपने साथ जोड़ा है और अब उन्हें टीम इंडिया में पहली बार मौका मिला है. रवि ने 2 साल पहले दक्षिण अफ्रीका में हुए अंडर-19 विश्व कप में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा था. उन्होंने टूर्नामेंट के 6 मैच में सबसे अधिक 17 विकेट झटके थे. इसके बाद से ही इस अनकैप्ड खिलाड़ी पर आईपीएल नीलामी में हर फ्रेंचाइजी की नजर थी. इसमें पंजाब किंग्स भी शामिल थी. जिसने 2020 के ऑक्शन में रवि को 20 लाख की बेस प्राइस से 10 गुना ज्यादा कीमत देकर 2 करोड़ में खरीदा था.

रवि ने 2020 में आईपीएल डेब्यू किया था
अपने पहले ही आईपीएल सीजन में रवि किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) के मुख्य स्पिनर बन गए. उन्होंने 2020 में 14 मैच में 31.33 की औसत से 12 विकेट लिए थे. 2020 के आईपीएल में इस लेग स्पिनर ने हर 25वीं गेंद पर विकेट लिया था. लेकिन 1 साल में ही उनका प्रदर्शन काफी सुधार गया और आईपीएल 2021 में रवि ने 9 मैच में 19.16 के औसत से कुल 12 विकेट लिए. उन्होंने 6.38 के इकोनॉमी रेट से रन दिए, जो आईपीएल 2020 के 7.37 से कम था. वहीं, पिछले साल आईपीएल में उन्होंने 18वीं गेंद पर बल्लेबाज का शिकार किया. यह इतना बताने के लिए काफी है रवि ने अपनी गेंदबाजी में कितना सुधार किया.

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रवि बिश्नोई क्यों हैं खास ?
लेग स्पिन गेंदबाज बनने से पहले रवि अपने शुरुआती दिनों में तेज गेंदबाज थे. लेकिन छोटे कद के कारण उनके कोच ने स्पिन गेंदबाजी में हाथ आजमाने को कहा. रवि ने कोच की बात को मानते हुए लेग स्पिन गेंदबाजी शुरू की और आज उसी के बूते इस मुकाम पर पहुंचे हैं. उनकी गेंदबाजी की सबसे बड़ी खासियत है तेज गेंदबाज जैसा रन अप. इसी वजह से उनकी गेंद की रफ्तार ज्यादा रहती है. इसी वजह से दूसरे लेग स्पिन गेंदबाजों की तुलना में उनकी गुगली ज्यादा घातक होती. बल्लेबाज जब तक उनकी गुगली को खेलने के लिए बल्ला नीचे लाता है, तब तक गेंद स्टम्प्स बिखेर देती है. ठीक, अफगानिस्तान के लेग स्पिनर राशिद खान की तरह.

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राशिद खान भी आम लेग स्पिनर की तुलना में ज्यादा तेजी से गेंद फेंकने हैं. रवि इसे आईपीएल और अंडर-19 विश्व कप में साबित कर चुके हैं. रवि बिश्नोई ने अब तक लिस्ट-ए करियर में 17 मैच खेले हैं और 24 विकेट अपने नाम किए हैं, जबकि टी-20 में 42 मैचों में 49 विकेट झटके हैं.

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