India-China : गलवान हिंसा के बाद कितने बदले भारत-चीन के रिश्ते, अब दोनों देश क्या कर रहे, 15 दौर की बातचीत में क्या-क्या हुआ?


आज 15 जून है। आज के ही दिन 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के 38 से ज्यादा जवान मारे गए थे। इसके बाद करीब एक साल तक दोनों देशों के बीच काफी तनाव की स्थिति थी। सीमा पर हजारों जवान तैनात कर दिए गए थे।

अब दो साल बाद दोनों देशों के बीच हालात क्या हैं? क्या दोनों देशों के रिश्तों में कोई सुधार आया या पहले की तरह है? विवाद खत्म करने के लिए दोनों देश क्या-क्या कर रहे हैं? आइए जानते हैं….

 

पहले जानिए 15 जून 2020 को क्या हुआ था? 

1 मई, 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर झड़प हो गई थी। उस झड़प में दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे। यहीं से तनाव की स्थिति बढ़ गई थी। इसके बाद 15 जून की रात गलवान घाटी पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए। 

बताया जाता है कि चीनी सैनिक घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे। भारतीय जवानों ने उन्हें रोका तो वह हिंसा पर उतारू हो गए। इसके बाद विवाद काफी बढ़ गया। इस झड़प में दोनों ओर से खूब पत्थर, रॉड चले थे। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 से ज्यादा जवान मारे गए थे। इनमें कई चीनी जवान नदी में बह गए थे। हालांकि, चीन ने केवल चार जवानों के मौत की पुष्टि की। अमेरिका की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, इस झड़प में 45 से ज्यादा चीनी जवान मारे गए थे। 

 

इसके बाद क्या-क्या हुआ? 

15 जून 2020 को सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच अब तक 15 राउंड की बातचीत हो चुकी है।

2021 में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हुई

तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने बैठक की। इसके बाद फरवरी 2021 में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू की गई। सैन्य और कूटनीतिक स्तर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग लेक के उत्तर और दक्षिणी तटों और गोगरा क्षेत्र से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने (डिसइंगेजमेंट) की प्रक्रिया पूरी कर ली। हालांकि, एक रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के संवेदनशील सेक्टर में दोनों देशों के 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं।

 

1962 से विवाद

भारत और चीन के बीच लगभग 3,440 किलोमीटर लंबी सीमा है। 1962 की जंग के बाद से ही इसमें से ज्यादातर हिस्सों पर विवाद है। अभी तक हुई बैठकों में दोनों देशों ने स्थिति पर नियंत्रण, शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए समाधान तलाशने की बात पर सहमति जताई है। विवादित क्षेत्रों में यथास्थिति कायम रखने और सेना के डिसइंगेजमेंट को लेकर भी समझौता किया है। 



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