नई दिल्ली. आयुर्वेद और आयुष सुविधाओं के क्षेत्र में भारत ने बड़ा कदम उठाया है. भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को विश्व तक पहुंचाने और डब्ल्यूएचओ की निगरानी में आयुर्वेद में नए-नए रिसर्च और अध्ययनों को बढ़ाने के लिए हाल ही में गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्धाटन किया गया है. इतना ही नहीं अब विश्व के अन्य देशों में रह रहे लोगों को भारत में आयुर्वेद का लाभ देने के लिए एक और नई सुविधा शुरू होने जा रही है. जिसकी घोषणा हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो विदेशी नागरिक भारत में आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं उनके लिए भारत सरकार एक नई पहल कर रही है. ऐसे लोगों के लिए सरकार आयुष वीजा शुरू करने जा रही है. इस वीजा कैटेगरी के माध्यम से आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत मिलेगी.
जानकारी के मुताबिक अन्य प्रकार के वीजा की तरह अब भारत में आयुष की पद्धतियों के अनुसार इलाज कराने के लिए भी वीजा जारी किया जाएगा. इसकी अवधि कितने दिन की होगी? क्या इस वीजा के माध्यम से किसी भी देश के लोग यहां आकर चिकित्सा लाभ ले सकेंगे ? इसका क्या तरीका होगा, यह वीजा कैसे बनवाया जा सकेगा. इस संबंध में अभी और जानकारी दी जाएगी. हालांकि यह वीजा प्राचीन चिकित्सा पद्धति से इलाज के इच्छुक विदेशों में रह रहे लोगों के लिए बेहतर सिद्ध होगा.
बता दें कि आयुष में पांच प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों से इलाज किया जाता है. जिसमें आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी शामिल हैं. भारत में आयुष मंत्रालय के अंतर्गत देश में कई आयुष अस्पताल और आयुष सेंटर हैं, जहां इन चिकित्सा पद्धतियों से इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में आयुर्वेद के रिसर्च और अध्ययन के अलावा इलाज की सुविधा है. गौरतलब है कि कोरोना के दौरान भी आयुष की इन चिकित्सा पद्धतियों से भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों के लोगों ने भी स्वास्थ्य लाभ लिया था. आज आयुर्वेद को लेकर विश्व भर में लोगों में दिलचस्पी है. लिहाजा आयुष मंत्रालय का मानना है कि आने वाले समय में भारत आयुष चिकित्सा का बड़ा केंद्र बन सकता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर में ग्लोबल आयुष निवेश और नवोन्मेष शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया है. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हम पहले से ही आयुष औषधियों, सप्लीमेंट्स और सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि देख रहे हैं. 2014 में जहां आयुष क्षेत्र 3 अरब डॉलर से भी कम था, आज वह बढ़कर 18 अरब डॉलर को पार कर गया है. आयुष उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पिछले वर्षों में अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं. सरकार देश भर में आयुष उत्पादों के प्रचार, अनुसंधान और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए आयुष पार्कों का एक नेटवर्क विकसित करेगी. ‘आयुष आहार’ नाम की एक नई श्रेणी की घोषणा की गई, जो हर्बल पोषक तत्वों वाले सप्लीमेंट्स के उत्पादकों को बहुत सुविधा प्रदान करेगी.’
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