यूक्रेन संकट : सूमी में फंसे भारतीय विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा सुरक्षित गलियारा, भारत ने सुरक्षा परिषद से कहा


पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र 
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 08 Mar 2022 08:42 AM IST

सार

यूक्रेन से भारत अब तक 20 हजार से ज्यादा नागरिकों को निकाल लाया है, लेकिन सूमी में सुरक्षित रास्ता नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। भारत ने निकासी गलियारा देने के लिए जंगरत दोनों देशों से आग्रह किया है। 

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युद्धरत रूस व यूक्रेन से बार-बार आग्रह के बाद भी पूर्वी यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीय विद्यार्थियों की निकासी के लिए सुरक्षित गलियार नहीं मिल पा रहा है। इस पर चिंता जताते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया है। 

यूक्रेन से भारत अब तक 20 हजार से ज्यादा नागरिकों को निकाल लाया है, लेकिन सूमी में सुरक्षित रास्ता नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। भारत ने निकासी गलियारा देने के लिए जंगरत दोनों देशों से आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई दूत टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम शत्रुता खत्म करने का लगातार आह्वान कर रहे हैं। यह बैठक यूक्रेन में मानवीय हालात पर विचार करने के लिए हुई थी। 

उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों समेत सभी नागरिकों को सुरक्षित व निर्बाध रूप से तत्काल निकालने की मांग कर रहे हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि हम इस बात से चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से बार-बार आग्रह करने के बाद भी सूमी में फंसे हमारे विद्यार्थियों को तत्काल सुरक्षित गलियारा प्रदान नहीं किया गया है। 

उन्होंने कहा कि भारत अब तक 20 हजार भारतीयों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाने में कामयाब रहा है। संपर्क करने पर हमने अन्य देशों के नागरिकों की भी मदद की है। उन्हें उनके देशों में छुड़वाने में मदद की गई। आने वाले दिनों में भी हम इसके लिए तैयार हैं। 80 से ज्यादा उड़ानों के माध्यम से यूक्रेन से भारतीयों को निकाला गया है। इस काम में मदद के लिए हम यूक्रेन व उसके पड़ोसी देशों द्वारा की गई सहायता की तारीफ करते हैं। 

सूमी में 700 फंसे, भीषण संघर्ष जारी
सूमी में भारत के करीब 700 विद्यार्थी फंसे हुए हैं। वहां रूसी व यूक्रेनी सेना के बीच कई दिनों से भीषण संघर्ष चल रहा है। भारी बमबारी व हवाई हमलों के कारण भारत इन्हें नहीं निकाल पा रहा है। युद्ध प्रभावित यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए, भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया है। इसके जरिए यूक्रेन में फंसे हजारों लोगों, जिनमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी हैं, निकाला गया है। इन्हें यूक्रेन के पश्चिमी सीमाओं की सीमा से लगे देशों से निकाला गया है। हालांकि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से निकासी चुनौती बनी हुई है।

विस्तार

युद्धरत रूस व यूक्रेन से बार-बार आग्रह के बाद भी पूर्वी यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीय विद्यार्थियों की निकासी के लिए सुरक्षित गलियार नहीं मिल पा रहा है। इस पर चिंता जताते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया है। 

यूक्रेन से भारत अब तक 20 हजार से ज्यादा नागरिकों को निकाल लाया है, लेकिन सूमी में सुरक्षित रास्ता नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। भारत ने निकासी गलियारा देने के लिए जंगरत दोनों देशों से आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई दूत टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम शत्रुता खत्म करने का लगातार आह्वान कर रहे हैं। यह बैठक यूक्रेन में मानवीय हालात पर विचार करने के लिए हुई थी। 

उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों समेत सभी नागरिकों को सुरक्षित व निर्बाध रूप से तत्काल निकालने की मांग कर रहे हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि हम इस बात से चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से बार-बार आग्रह करने के बाद भी सूमी में फंसे हमारे विद्यार्थियों को तत्काल सुरक्षित गलियारा प्रदान नहीं किया गया है। 

उन्होंने कहा कि भारत अब तक 20 हजार भारतीयों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाने में कामयाब रहा है। संपर्क करने पर हमने अन्य देशों के नागरिकों की भी मदद की है। उन्हें उनके देशों में छुड़वाने में मदद की गई। आने वाले दिनों में भी हम इसके लिए तैयार हैं। 80 से ज्यादा उड़ानों के माध्यम से यूक्रेन से भारतीयों को निकाला गया है। इस काम में मदद के लिए हम यूक्रेन व उसके पड़ोसी देशों द्वारा की गई सहायता की तारीफ करते हैं। 

सूमी में 700 फंसे, भीषण संघर्ष जारी

सूमी में भारत के करीब 700 विद्यार्थी फंसे हुए हैं। वहां रूसी व यूक्रेनी सेना के बीच कई दिनों से भीषण संघर्ष चल रहा है। भारी बमबारी व हवाई हमलों के कारण भारत इन्हें नहीं निकाल पा रहा है। युद्ध प्रभावित यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए, भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया है। इसके जरिए यूक्रेन में फंसे हजारों लोगों, जिनमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी हैं, निकाला गया है। इन्हें यूक्रेन के पश्चिमी सीमाओं की सीमा से लगे देशों से निकाला गया है। हालांकि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से निकासी चुनौती बनी हुई है।



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