FD में लगाएं पैसा या लिक्विड फंड में करें निवेश? एक्‍सपर्ट से जानिए इस उलझन का हल


हाइलाइट्स

लॉन्‍ग टर्म में निवेश के लिए एफडी को एक बेहतर ऑप्‍शन माना जाता है.
लिक्विड फंड में कोई भी व्यक्ति जब चाहे तब रिडीम कर सकता है.
लिक्विड फंड में निवेश करने का मूल लाभ ज़्यादा लिक्विडिटी है.

नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में लगातार बढ़ोतरी करने के बाद बैंकों ने फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में भी वृद्धि कर दी है. भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित लगभग सभी प्रमुख बैंकों ने एफडी की ब्‍याज दरें बढ़ा दी हैं. वहीं, अब बहुत से लोग म्‍यूचुअल फंड्स में पैसा लगा रहे हैं. इनमें भी ज्‍यादा लिक्विडिटी के कारण लिक्विड फंड (Liquid Fund) की ओर भी निवेशक खूब आ‍कर्षित हो रहे हैं.

बात जब एफडी या लिक्विड फंड में से किसी एक को चुनने की आती है, तो अकसर लोग भ्रमित हो जाते हैं. इसका कारण यह है कि दोनों में ही कुछ ऐसी खासियतें हैं जो निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. एफडी और लिक्विड फंड में से चुनाव, इन दोनों की खामियों और खूबियों तथा अपनी निवेश क्षमताओं को ध्‍यान में रखकर ही करना चाहिए.

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FD क्या है?
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, एफडी या सावधि जमा में, कोई निवेशक 7 दिनों से लेकर 10 साल तक निवेश कर सकता है. इसे एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है. लॉन्‍ग टर्म में निवेश के लिए एफडी को एक बेहतर ऑप्‍शन माना जाता है., प्रोफिशिएंटइक्विटीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और निदेशक, मनोज डालमिया का कहना है कि बैंक एफडी कराते वक्‍त हमेशा यह ध्‍यान में रखना चाहिए कि आपका पैसा एक निश्चित अवधि के लिए लॉक हो जाएगा. अगर आप मैच्‍योरिटी से पहले पैसा निकालेंगे तो जुर्माना भरना होगा. इससे ब्‍याज से होने वाली आय कम होगी. इसलिए इमरेजेंसी के लिए एफडी एक अच्‍छा निवेश विकल्‍प नहीं है.

लिक्विड फंड
लिक्विड फंड 91 दिनों या 3 महीने तक की परिपक्वता वाली फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. इनमें ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर, सरकारी सिक्योरिटीज, बॉन्ड और डिबेंचर शामिल हैं. डालमिया का कहना है कि लिक्विड फंड में कोई भी व्यक्ति जब चाहे तब रिडीम कर सकता है, क्योंकि इनका कोई लॉक-इन नहीं होता है. लिक्विड फंड शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स दोनों के अधीन हैं. लिक्विड फंड में निवेश करने का मूल लाभ ज़्यादा लिक्विडिटी है. 7 दिन के बाद इनमें लगाए पैसे वापस निकालने पर कोई पेनल्‍टी नहीं लगती है.

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लिक्विड फंड और एफडी में अंतर
मनोज डालमिया का कहना है कि लिक्विड फंड और बैंक एफडी, दोनों का इस्तेमाल शॉर्ट टर्म निवेश के लिए किया जा सकता है. दोनों में गारंटिड रिटर्न मिलता है और जोखिम भी कम होता है. दोनों में फर्क यह है कि जहां लिक्विड फंड से कभी भी बिना पेनल्‍टी के पैसा निकाला जा जा सकता है, वहीं, एफडी में ऐसा नहीं किया जा सकता. इसके अलावा लिक्विड फंड में ज्‍यादा रिटर्न भी मिल सकता है.

Tags: Bank FD, Business news in hindi, FD Rates, Investment tips

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