IPL 2022: कप्तान हार्दिक जिम्मेदारी से खेले, हर मैच में अलग खिलाड़ी ने दिलाई जीत, ये हैं गुजरात के दबदबे के 10 कारण


आईपीएल 2022 का दूसरा क्वालीफायर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और राजस्थान रॉयल्स के बीच होना है। यह मैच जीतने वाली टीम फाइनल मैच में गुजरात टाइटंस से भिड़ेगी। पहले क्वालीफायर में राजस्थान को हराकर गुजरात फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी थी। टूर्नामेंट की शुरुआत में गुजरात को कमजोर आंका गया था, लेकिन पहले मैच ही यह टीम चैंपियन की तरह खेली और अब खिताब जीतने से सिर्फ एक कदम दूर है। गुजरात से पहले सिर्फ राजस्थान और चेन्नई ही ऐसी टीमें थी, जो अपने पहले सीजन में फाइनल तक का सफर तय कर पाई थीं। 

साल 2008 में आईपीएल का पहला सीजन खेला गया था और इस सीजन का फाइनल मैच राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच हुआ था। यह आईपीएल का पहला सीजन था। इस वजह से सभी टीमें पहली बार ही टूर्नामेंट का हिस्सा बनी थीं। इसके बाद सात टीमें आईपीएल का हिस्सा बनी, लेकिन गुजरात के अलावा कोई भी टीम अपने पहले सीजन में खिताब अपने नाम नहीं कर पाई। इस सीजन गुजरात की टीम पहले मैच से ही चैंपियन की तरह खेली और पूरे टूर्नामेंट में हार्दिक की टीम का दबदबा रहा। यहां हम गुजरात के दबदबे की 10 वजह बता रहे हैं। 

1. कप्तान हार्दिक जिम्मेदारी से खेले

हार्दिक पांड्या को जब टीम की कमान सौंपी गई थी तो किसी ने यह नहीं कहा था कि हार्दिक कप्तान के रूप में सुपरहिट होने वाले हैं, लेकिन कप्तानी की जिम्मेदारी मिलते ही हार्दिक पूरी तरह से बदल गए। छठे या सातवें नंबर पर आकर ताबड़तोड़ अंदाज में रन बनाने वाला बल्लेबाज अब तीसरे या चौथे नंबर खेलने लगा और जिम्मेदारी के साथ लगातार लंबी पारियां खेली। शुरुआती विकेट गिरने पर टीम को संभाला। हार्दिक ने इस सीजन 450 से ज्यादा रन बनाए उनका औसत भी 45 के करीब रहा। गेंद के साथ भी उन्होंने अहम मौकों पर विकेट निकाले और साझेदारियां तोड़ी। 

कप्तान के रूप में उनके फैसले सही साबित हुए। टीम चयन से लेकर डीआएस और गेंदबाजों को सही तरीके से चलाने तक हर मामले में हार्दिक सुपरहिट रहे। 

2. हर मैच में नया चैंपियन मिला

इस सीजन गुजरात के लिए हर मुकाबले में नए खिलाड़ी ने जिम्मेदारी ली और अपनी टीम को जीत दिलाई। कभी राहुल तेवतिया तो कभी राशिद खान और डेविड मिलर ने मैच खत्म किया। गिल और साहा ने भी मैच जिताऊ पारियां खेली। हार्दिक ने लगातार रन बनाए। साई सुदर्शन, यश दयाल, मोहम्मद शमी और लोकी फर्ग्यूसन ने भी अपने दम पर मैच जिताए। 

3. मजबूत गेंदबाजी

टूर्नामेंट शुरु होने से पहले ही गुजरात की गेंदबाजी को मजबूत माना जा रहा था और पूरे सीजन दिखा भी ऐसा ही। अधिकतर मैचों में शमी की अगुवाई में गुजरात के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। राशिद खान और फर्ग्यूसन भी सुपरहिट रहे। यश दयाल और अल्जारी जोसेफ ने भी अहम मौकों पर विकेट दिलाए। अधिकतर मैचों में गुजरात ने विपक्षी टीम को शुरुआती झटके दिए और बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया। इसके बाद बल्लेबाजों ने आसानी से छोटे लक्ष्य का पीछा कर लिया। 

4. हर खिलाड़ी ने अपना काम किया

गुजरात की टीम में टी20 के बहुत बड़े नाम नहीं थे, लेकिन हर खिलाड़ी ने अपना काम बखूबी किया। तेवतिया ने बहुत बड़ी पारियां नहीं खेली, लेकिन शानदार अंदाज में मैच खत्म किए। आखिरी गेंद में छक्का लगाकर मैच जिताया फिर राशिद ने आखिरी दो गेंदों में छक्का लगाकर मैच जिताया। मिलर ने अपने दम पर दो मैच जिताए। हार्दिक ने पारी को संभाला। गिल का बल्ला चला तो उन्होंने लंबी पारियां खेली। साहा बेहतरीन बल्लेबाजी की और गेंदबाजों ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। यह टीम किसी एक या दो खिलाड़ियों के भरोसे नहीं थी। सभी साथ मिलकर अच्छा खेले। 



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