नई दिल्ली. आईपीएल 2022 में अब तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पूर्व कप्तान विराट कोहली का बल्ला खामोश ही रहा है. उम्मीद थी कि कप्तानी छोड़ने के बाद कोहली बतौर बल्लेबाज रंग में नजर आएंगे. लेकिन, अब तक ऐसा होता नहीं दिखा है. उन्होंने इस सीजन की 7 पारियों में 19.83 के औसत से 119 रन बनाए हैं. इसमें से एक तिहाई से अधिक रन मुंबई इंडियंस के खिलाफ उनकी 48 रन की पारी से आए. लेकिन दो दिन पहले लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मुकाबले में कोहली पहले ही ओवर में गोल्डन डक हो गए. यानी पहली ही गेंद पर बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए.
क्या वो आईपीएल में इससे पहले भी गोल्डन डक हुए हैं? यह जानने से पहले हम यह जानते हैं कि हकीकत में गोल्डन डक होता क्या है और क्रिकेट में कितनी तरह से बल्लेबाज ऐसे आउट होते हैं?
‘गोल्डन डक’ क्या होता है?
‘डक’ शब्द का इस्तेमाल किसी पारी में बल्लेबाज के शून्य पर आउट होने के लिए किया जाता है. लेकिन एक बल्लेबाज उस सूरत में गोल्डन डक होता है. अगर वो पारी की अपनी पहली ही लीगल गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो जाता है. इस तरह कोहली लखनऊ के खिलाफ मुकाबले में पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे. इसलिए उनका यह विकेट गोल्डन डक की श्रेणी में आया.
क्रिकेट में कितने प्रकार के ‘डक’ होते हैं?
क्रिकेट में गोल्डन डक के अलावा भी बल्लेबाज कई तरह से ‘डक’ पर यानी बिना खाता खोले आउट होता है. आइए आपको एक-एक कर बताते हैं कि गोल्डन डक के अलावा क्रिकेट में और कितने तरह से बल्लेबाज ऐसे आउट होते हैं.
सिल्वर डक: जब बल्लेबाज अपनी पारी की दूसरी गेंद पर आउट हो जाता है, तो यह सिल्वर डक कहलाता है.
ब्रॉन्ज डक: जब बल्लेबाज अपनी पारी की तीसरी गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो जाता है.
डायमंड डक: जब कोई बल्लेबाज पारी में एक भी लीगल गेंद का सामना किए बिना आउट हो जाता है तो उसे ‘डायमंड डक’ कहा जाता है.
प्लेटिनम डक/रॉयल डक: जब कोई बल्लेबाज पारी की पहली गेंद पर ही आउट हो जाता है.
पेयर: जब कोई बल्लेबाज टेस्ट की दोनों ही पारियों में शून्य पर आउट हो जाता है, तो उसे पेयर कहते हैं.
किंग पेयर: जब कोई बल्लेबाज टेस्ट की दोनों ही पारियों में गोल्डक डक यानी दोनों ही पारियों में पहली गेंद पर आउट होता है तो उसे किंग पेयर कहा जाता है.
कोहली 4 बार ‘गोल्डन डक’ हुए
अब आपको बताते हैं कि विराट कोहली आईपीएल के इतिहास में कितनी बार गोल्डन डक हुए हैं. दो दिन पहले लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ हुए मुकाबले में विराट कोहली लीग में चौथी बार गोल्डन डक हुए. इस बार उन्हें दुश्मंता चमीरा ने अपना शिकार बनाया. इससे पहले, कोहली को आईपीएल में 2008 में आशीष नेहरा ने, 2014 में पंजाब किंग्स के गेंदबाज संदीप शर्मा और 2017 में कोलकाता नाइट राइडर्स के नाथन कूल्टर नाइल ने गोल्डन डक किया था.
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मुरलीधरन सबसे अधिक बार ‘डक’ पर आउट हुए
टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक बार गोल्डन डक होने का रिकॉर्ड श्रीलंका के दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के नाम हैं. वो 14 बार पहली ही गेंद में बिना खाता खोले आउट हुए हैं. जबकि वनडे में भी यह रिकॉर्ड श्रीलंका के ही एक तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा के नाम है. वो 13 बार गोल्डन डक हुए हैं. इंटरनेशनल क्रिकेट में तीनों फॉर्मेट यानी टेस्ट, वनडे और टी20 में सबसे अधिक बार शून्य पर आउट होने का अनचाहा रिकॉर्ड भी मुरलीधरन के नाम ही है. वो 59 बार बिना खाता खोले पवेलियन लौटे हैं. दूसरे नंबर पर वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श (54) और सनथ जयसूर्या (53) तीसरे स्थान पर हैं.
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