डायबिटीज के मरीजों को दूध पीने से पहले ये बातें जान लेना हैं ज़रूरी


Milk In Diabetes– दूध को एक संतुलित आहार के तौर पर देखा जाता है. क्योंकि उसमें सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसलिए बचपन से ही दूध पीने पर जोर दिया जाता है. इसमें कोई शक नहीं है कि, दूध से कैल्शियम की कमी पूरी होती है और हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं. लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए दूध पीना कितना सुरक्षित है ये एक बड़ा सवाल है. वेबएमडी पर छपे एक हेल्थ लेख के अनुसार दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होते हैं और कार्बोहाइड्रेट्स शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं. डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे आइसक्रीम, दही या चीस के सेवन से पहले उसकी मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि इन सभी में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं और हर मील के बाद शुगर चेक करना भी जरूरी है.

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डायबिटीज को समझें
टाइप 1 डायबिटीज में पैंक्रियास काफी कम या फिर बिल्कुल इन्सुलिन नहीं बनाता. ये एक तरह का ऑटोइम्यून डिसआर्डर है, जो ज्यादातर बचपन में शुरू हो जाता है. वयस्कों में टाइप 1 डायबिटीज की सिर्फ 5.2% संभावना होती है. इसे कम किया जा सकता है, लेकिन इसे रोका नहीं जा सकता. 

टाइप वन डायबिटीज में कार्बोहाइड्रेट इंटेक ( शुगर, स्टार्च और फाइबर), के असर को कम करने के लिए हर मील के बाद इंसुलिन इंजेक्शन लेना पड़ता है.

जबकि टाइप टू डायबिटीज में पैंक्रियास पूरी तरह से इंसुलिन नहीं बना पाता या शरीर उसका पूरा उपयोग नहीं कर पाता. जिसकी वजह से मोटापा बढ़ने लगता है.

डायबिटीज का खतरा उन लोगों को अधिक रहता है जिनकी फैमिली हिस्ट्री में डायबिटीज हो या फैमिली हिस्ट्री में गैस्टेशन डायबिटीज हो, उम्र ज्यादा हो, फिजिकली एक्टिव कम हो या फिर ग्लूकोस मेटाबॉलिज्म कम हो.

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कहीं दूध बन जा जाए खतरा
दूध या दूध से बने प्रोडक्ट बहुत से लोगों की डाइट का हिस्सा हैं, क्योंकि यह केल्शियम का अच्छा सोर्स हैं. लेकिन इनमें फैट और कार्ब्स दोनों की ही मात्रा ज्यादा हो सकती है. जो डायबिटीज के मरीजों के लिए रिस्की हो सकता है. 

– एक कप होल मिल्क में 150 कैलोरी, 6 से 7 ग्राम फैट, और 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जबकि कम वसा वाले दूध में 120 से 122 तक कैलोरी, 10 से 12 ग्राम तक फैट, 11 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है.

– फैट फ्री एक कप दूध में 84 कैलोरी, 1 ग्राम से कम फैट और 10 से 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं.

– हाई फैट  डाइट और डायबिटीज के कारण कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का रिस्क बढ़ सकता है. अपनी डाइट में फैट की मात्रा कंट्रोल कर इस रिस्क को कम किया जा सकता है. लेकिन डाइट से सिर्फ अन हेल्दी फैट्स को कम करना है, क्योंकि गुड फैट्स हेल्थ के लिए जरूरी हैं.

– आमतौर पर दूध में मिलने वाले फैट्स अनहेल्दी होते हैं. दूध में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स , ब्लड में ब्रेकडाउन के बाद शुगर में कन्वर्ट हो जाते हैं. ऐसे में अधिक मात्रा में दूध का सेवन ब्लड शुगर बढ़ा सकता है.

कैसे रखें अपना ख्याल

–  डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने पीने का ख़ास ख्याल रखना जरूरी है. दूध तो पी सकते हैं, लेकिन उस दौरान कितनी दूध की मात्रा सही है और कौन सी बातें ध्यान में रखनी है, ये भी जानना बेहद जरूरी है.

–  फैट फ्री दूध का सेवन कर सकते हैं.

–  दूध की उतनी ही मात्रा लें, जिससे अधिक कार्ब्स शरीर में ना जा सकें.

–  एक बार में थोड़ा दूध पीने से, उसका ब्लड शुगर पर क्या असर चेक किया जा सकता है.

दूध के अन्य विकल्प
डायबिटीज के मरीजों के लिए दूध के कई विकल्प हैं, जिन्हें वो अपनी पसंद के मुताबिक चुन सकते हैं. जिसमें से एक है, बादाम का दूध, नारियल का दूध, बकरी का दूध, जई, अखरोट. मूंगफली और चावल आदि. किसी भी तरह के दूध को क्यों न चुन रहे हों, लेकिन उससे पहले उसमें मिली शुगर की मात्रा को जरुर चेक करें. 

Tags: Diabetes, Health, Lifestyle, Sugar

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