वीभत्स था घटनास्थल: राहुल ने सात लोगों पर 47 बार किया था चाकू से हमला, शवों का हाल देख कांप उठे थे डॉक्टर


गाजियाबाद की नई बस्ती की अनाज मंडी में एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों के सात लोगों की हत्या करने के दोषी राहुल वर्मा (30) को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई। 21 मई 2013 की रात नौ बजे हुए इस चर्चित हत्याकांड की नौ साल सुनवाई चली। सोमवार को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया। अनाज मंडी में सात लोगों की हत्या करने के दौरान राहुल ने 47 बार हमला किया था। गर्दन और सीने पर सबसे अधिक बार वार किया गया था। सबसे अधिक वार कारोबारी सतीश गोयल के पोते अमन गोयल पर 12 बार हमला किया था। पोती नेहा पर तीन बार हमला किया था। सतीश और उनकी पत्नी मंजू पर पांच-पांच वार, सतीश के बेटे सचिन पर छह बार हमला किया था। सचिन की पत्नी रेखा पर 10 बार हमला किया। नौ साल से जेल में बंद राहुल वर्मा ने एक बार भी जमानत के लिए अर्जी नहीं दी।

उसकी गिरफ्तारी के बाद परिवार ने उससे किनारा कर लिया। परिचित भी उससे मुलाकात के लिए जेल नहीं आए। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र शर्मा ने बताया कि घटना के दूसरे दिन ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। अगर किसी आरोपी के घरवाले मुकदमे की पैरवी में मदद नहीं करते तो सरकार की तरफ से उसे पैरवी के लिए कानूनी मदद की जाती है।

सजा सुनाए जाने से पहले राहुल वर्मा का नाम पुकारा गया तो उसने कठघरे में खड़े होकर हाथ उठा दिया, लेकिन वह अदालत के पीछे वाले दरवाजे की तरफ देखता रहा। सजा सुनाने के दौरान एक बार भी अदालत की तरफ नहीं देखा। आदेश की कॉपी पर हस्ताक्षर कर मुंह ढकते हुए पुलिस कस्टडी में हवालात चला गया था।

 

तकनीकी खामियों का लाभ नहीं दिया जा सकता

बचाव पक्ष ने कहा कि राहुल वर्मा के पास आला कत्ल नहीं मिला है। इससे बरामदगी संदिग्ध है। अदालत ने कहा कि अभियुक्त को तकनीकी खामियों का लाभ नहीं दिया जा सकता। वह दोषी साबित हो चुका है। 

 

इस पर बचाव पक्ष ने कहा कि अभियुक्त नवयुवक है, किसी प्रकार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है, उसके सुधरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। नौ वर्ष से ज्यादा समय से जेल में बंद है, इसलिए कम से कम सजा दी जाए। अभियोजन ने बच्चन सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब और मच्छी सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब का हवाला देकर मृत्युदंड दिए जाने की मांग की।



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