ITR Update : आपकी सैलरी में ही शामिल होती है 10 तरह की टैक्‍स छूट, क्‍या आपने आईटीआर में किया है क्‍लेम?


हाइलाइट्स

पीएफ में निवेश पर सालाना 1.5 लाख तक टैक्‍स छूट मिलती है.
कर्मचारी को मिलने वाले यात्रा भत्‍ते पर भी टैक्‍स छूट मिल जाती है.
सैलरी में शामिल होम रेंट अलाउंस की राशि पर भी टैक्‍स छूट रहती है.

नई दिल्‍ली. अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपको मिलने वाली सैलरी (वेतन) में कई ऐसे विकल्प (भत्ते) शामिल होते हैं, जो टैक्स का बोझ घटाने में मददगार हो सकते हैं. इनमें कुछ विकल्पों पर टैक्स का पूरा भुगतान करना होता है, जबकि 10 ऐसे विकल्प हैं जो टैक्स छूट के दायरे में आते हैं. ऐसे में हर नौकरीपेशा को यह ध्यान देना चाहिए कि वह कंपनी से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा पा रहा है या नहीं.

1. कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ)
ईपीएफ एक्ट के मुताबिक, कंपनी कर्मचारी की बेसिक सैलरी एवं भत्ते का 12 फीसदी ईपीएफ में निवेश करती है. इतनी ही राशि कंपनी को भी निवेश करना होता है. कर्मचारी के हिस्से के योगदान पर टैक्स छूट मिलती है, जो 1.5 लाख रुपये तक है. यह छूट आयकर कानून की धारा 80सी के तहत मिलती है. इस पर मिला ब्याज भी टैक्स छूट के दायरे में आता है.

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2. लीव ट्रैवेल अलाउंस (एलटीए)
कर्मचारी देश में कहीं भी परिवार के साथ घूम सके, इसके लिए कंपनियां लीव ट्रैवेल अलाउंस देती हैं, जिस पर टैक्स छूट मिलती है. ट्रेन, हवाई जहाज या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर पर ही यह छूट मिलती है. इसमें गंतत्व स्थान तक पहुंचने के लिए सबसे कम दूरी को आधार बनाया जाता है. वेतन के इस हिस्से को कर्मचारी बुक कराए गए टिकट को कंपनी में जमा कर पा सकता है. चार कैलेंडर वर्ष में दो बार सफर करने पर ही इसका लाभ मिलता है.

3. हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए)
वेतन का यह हिस्सा कर्मचारी को मकान किराये के भुगतान के एवज में दिया जाता है. इस पर टैक्स छूट लेने के लिए जरूरी है कि यह वेतन का हिस्सा हो. तय सीमा के साथ एचआरए के लिए मिलने वाली राशि पर टैक्स छूट पाने के लिए क्लेम कर सकते हैं.

4. कार मेंटेनेंस अलाउंस
बैंक बाजार के मुताबिक, कार के खर्च पर एक सीमा तक री-इंबर्समेंट क्लेम किया जा सकता है. इस पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कार कंपनी की है या कर्मचारी की. ऑफिस के कुछ खास काम और कई निजी काम के लिए यह री-इंबर्समेंट मिलता है.

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5. फूड कूपन
ऑफिस में कामकाज के दौरान खाने-पीने के लिए अधिकतर बहुराष्ट्रीय कंपनियां फूड कूपन देती हैं. एक बार के भोजन पर 50 रुपये तक टैक्स छूट पा सकते हैं. एक महीने में 22 कामकाजी दिन में दो बार भोजन से सालाना 26,400 रुपये तक टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है.

6. चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस
बच्चे की फीस भुगतान के एवज में कंपनियां कर्मचारी को सालाना 1,200 रुपये या महीने में 100 रुपये का एजुकेशन भत्ता देती हैं. यह सुविधा केवल दो बच्चों के लिए ही उपलब्ध है. इसके अलावा, आयकर कानून की धारा 80सी के तहत ट्यूशन फीस के भुगतान पर टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं.

7. हॉस्टल खर्च पर छूट
कंपनियां अपने कर्मचारियों को हॉस्टल एक्सपेंडीचर अलाउंस देती हैं. इसके तहत कर्मचारी को बच्चे के हॉस्टल के खर्च पर सालाना 3,600 रुपये या 300 रुपये महीने का भत्ता मिलता है, जो टैक्स छूट के दायरे में आता है. यह छूट अधिकतम 2 बच्चों के लिए ही उपलब्ध है.

8. फोन बिल री-इंबर्समेंट
इसमें टेलीफोन और मोबाइल फोन बिल दोनों का री-इंबर्समेंट शामिल है. इसके दायरे में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन सहित टेलीफोन के खर्च आते हैं. कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को यह सुविधा देती हैं, जो टैक्स छूट के दायरे में आती है.

9. यूनीफॉर्म अलाउंस
ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों को अपनी यूनीफॉर्म के रखरखाव के लिए यह भत्ता मिलता है. यूनीफॉर्म की खरीद और उसके रखरखाव में होने वाले खर्च पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं.

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10. गिफ्ट वाउचर
कंपनियां कई बार अपने कर्मचारियों को गिफ्ट देती हैं, जिस पर टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, इसमें शर्त यह है कि इसकी कुल कीमत सालाना 50,000 रुपये से ज्यादा न हो, तभी टैक्स छूट पा सकते हैं.

Tags: Business news in hindi, Filing income tax return, ITR, ITR filing

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