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एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। धनखड़ का राजस्थान से पुराना नाता है। उनका जन्म झुंझुनू जिले के छोटे से गांव किथाना में 18 मई 1951 को हुआ था। वह सुप्रीम कोर्ट के कामयाब वकील भी रह चुके हैं। इसके अलावा 1989 में झुंझनू लोकसभा सीट से वह सांसद बने। 1993 में किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से वह विधायक भी चुने गए थे।
जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर भाजपा ने राजस्थान में सियासी समीकरण भी साधे हैं। उनकी जीत के बाद संसद में राजस्थान का कद और बढ़ेगा। वर्तमान में मोदी कैबिनेट में राजस्थान के चार नेता शामिल है। इनमें गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी और भूपेंद्र यादव शामिल है। गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की लोकसभा चुनाव में करारी हार हुई थी।
देश की दोनों सदनों के अध्यक्ष होंगे राजस्थान के नेता
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी राजस्थान के कोटा के रहने वाले हैं। जगदीप धनखड़ की जीत के बाद वह राज्यसभा के अध्यक्ष होंगे। ऐसे में देश की दो सबसे बड़ी पंचायतों में राजस्थान मूल के नेता होंगे। धनकड़ जाट समाज से आते हैं। वह जाट महासभा की आरक्षण समिति के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। उन्होंने राजस्थान में जाटों के आरक्षण और ओबीसी का दर्जा दिलाने के लिए काफी मेहनत की थी।
भैरोंसिंह शेखावत भी रह चुके हैं उपराष्ट्रपति
राजस्थान के सीकर जिले के गांव खाचरियावास के एक गरीब राजपूत परिवार में 23 अक्टूबर 1923 को जन्मे भैरोंसिंह शेखावत भी उपराष्ट्रपति रह चुके हैं। 1952 में देश में पहली बार हुए आम चुनाव में शेखावत ने सीकर जिले के दांतारामगढ विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमाया और विधायक बने। इसके बाद उनक राजनीतिक सफर लगातार परवान चढ़ता रहा। 2002 से 2007 तक शेखावत देश के उपराष्ट्रपति रहे। 15 मई 2010 को इनका निधन हो गया था।