बेंगलुरु. कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने ठेकेदार की मौत के मामले में शुक्रवार को अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को सौंप दिया. ठेकेदार की खुदकुशी के मामले में घिरे ईश्वरप्पा ने एक दिन पहले ही अपना इस्तीफा देने की घोषणा की थी. कर्नाटक के बेलगावी जिले के एक ठेकेदार तथा भाजपा कार्यकर्ता संतोष पाटिल ने 12 अप्रैल को उडुपी स्थित एक लॉज में पाटिल ने कथित तौर पर जहर का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी. उसने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि मंत्री ईश्वरप्पा ने एक काम के लिए अपने सहायकों के मार्फत उससे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह को पत्र लिख कर ईश्वरप्पा पर अपने द्वारा किए गए काम के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था.
मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले ईश्वरप्पा ने कहा कि आरोपों से उनका नाम हट जाने के बाद वह फिर से कैबिनेट में लौटेंगे. भाजपा नेता ने कहा, “मेरे खिलाफ आरोप लगाया जा रहा है, क्या मुझे इससे बाहर आना चाहिए या नहीं. निर्दोष साबित होने के लिए, अगर मैं मंत्री के रूप में जांच जारी रखता हूं, तो लोगों में एक भावना होगी कि मैं जांच को प्रभावित कर सकता हूं. इसलिए मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं आपको बता रहा हूं कि मैं निर्दोष निकलूंगा और निश्चित रूप से एक बार फिर मंत्री बनूंगा.” ठेकेदार की मौत में नाम आने के बाद विपक्ष ने मंत्री ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन राज्य मंत्रिमंडल ने उस वक्त कहा था कि उनके इस्तीफे की जरूरत नहीं है. हालांकि अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
ईश्वरप्पा के खिलाफ मामला दर्ज
ईश्वरप्पा के खिलाफ दो दिन पहले ही 13 अप्रैल को ठेकेदार को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ईश्वरप्पा को इस मामले में प्रथम आरोपी बनाया गया है. खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उसने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो, लेकिन ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. मंत्री ने न केवल आरोप खारिज किया, बल्कि ठेकेदार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा था कि पुलिस एक ठेकेदार की मौत की संपूर्ण और पारदर्शी तरीके से जांच करेगी. बोम्मई ने मेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, “मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस मामले की संपूर्ण जांच की जाएगी. हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप या निर्देश नहीं होगा. पुलिस स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करेगी और सच्चाई सामने आएगी.”
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