कर्नाटक: मंत्री ईश्वरप्पा के इस्तीफे से संतुष्ट नहीं मृत ठेकेदार का परिवार, कहा- हम केवल गिरफ्तारी चाहते हैं


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेलगावी
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 14 Apr 2022 10:27 PM IST

सार

कर्नाटक सरकार में मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के कुछ सप्ताह बाद एक ठेकेदार को मृत अवस्था में पाया गया था। मामले में पुलिस ने ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।

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कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल के परिवार ने गुरुवार को कहा कि हमें कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ता है। परिवार ने ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि पुलिस ने उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। 

मामले में राजनीतिक विवाद शुरू होने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता ईश्वरप्पा ने गुरुवार की शाम को ही मंत्री पद से इस्तीफा देने का एलान किया था। जानकारी के अनुसार वह शुक्रवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को सौंपेंगे। 

संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने बेलगावी में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘एफआईआर में तीन नाम ए1, ए2 और ए3 के के तौर पर दर्ज हैं। पुलिस विभाग जांच करना है और उन्हें तीनों को गिरफ्तार करना होगा… हम गिरफ्तारी चाहते हैं, हमने कभी इस्तीफे की मांग नहीं की। यह राज्य सरकार और उनका (ईश्वरप्पा) का फैसला है।’

ईश्वरप्पा के इस्तीफे को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत पाटिल ने कहा कि हमारे परिवार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘मेरे भाई ने जो व्हाट्सएप मैसेज में लिखा था, उसी बात का उल्लेख मैंने अपनी शिकायत में किया है। एफआईआर में जिन तीन लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं उनकी हर हालत में गिरफ्तारी होनी चाहिए।’

मृत्यु से कुछ दिन पहले लगाए थे ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप
बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल मंगलवार को उडुपी के एक होटल में मृत मिले थे। कुछ सप्ताह पहले ही उन्होंने ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचाप के आरोप लगाए थे। व्हाट्सएप मैसेज के रूप में एक कथित सुसाइड नोट में पाटिल ने अपनी मौत के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था। उनके परिजनों की शिकायत पर उडुपी पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

एफआईआर में ईश्वरप्पा का नाम ए1 (आरोपी संख्या 1) और उनके सहयोगियों बसवराज और रमेश का नाम ए2 व ए3 के तौर पर दर्ज किया गया है। प्रशांत पाटिल ने उस विकास कार्य के लिए भुगतान की मांग भी की है जो उनके भाई ने लिया था। इसके अलावा उन्होंने मुआवजे और भाई की विधवा के लिए सरकारी नौकरी की मांग भी की है। 

विस्तार

कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल के परिवार ने गुरुवार को कहा कि हमें कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ता है। परिवार ने ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि पुलिस ने उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। 

मामले में राजनीतिक विवाद शुरू होने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता ईश्वरप्पा ने गुरुवार की शाम को ही मंत्री पद से इस्तीफा देने का एलान किया था। जानकारी के अनुसार वह शुक्रवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को सौंपेंगे। 

संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने बेलगावी में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘एफआईआर में तीन नाम ए1, ए2 और ए3 के के तौर पर दर्ज हैं। पुलिस विभाग जांच करना है और उन्हें तीनों को गिरफ्तार करना होगा… हम गिरफ्तारी चाहते हैं, हमने कभी इस्तीफे की मांग नहीं की। यह राज्य सरकार और उनका (ईश्वरप्पा) का फैसला है।’

ईश्वरप्पा के इस्तीफे को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत पाटिल ने कहा कि हमारे परिवार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘मेरे भाई ने जो व्हाट्सएप मैसेज में लिखा था, उसी बात का उल्लेख मैंने अपनी शिकायत में किया है। एफआईआर में जिन तीन लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं उनकी हर हालत में गिरफ्तारी होनी चाहिए।’

मृत्यु से कुछ दिन पहले लगाए थे ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप

बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल मंगलवार को उडुपी के एक होटल में मृत मिले थे। कुछ सप्ताह पहले ही उन्होंने ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचाप के आरोप लगाए थे। व्हाट्सएप मैसेज के रूप में एक कथित सुसाइड नोट में पाटिल ने अपनी मौत के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था। उनके परिजनों की शिकायत पर उडुपी पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

एफआईआर में ईश्वरप्पा का नाम ए1 (आरोपी संख्या 1) और उनके सहयोगियों बसवराज और रमेश का नाम ए2 व ए3 के तौर पर दर्ज किया गया है। प्रशांत पाटिल ने उस विकास कार्य के लिए भुगतान की मांग भी की है जो उनके भाई ने लिया था। इसके अलावा उन्होंने मुआवजे और भाई की विधवा के लिए सरकारी नौकरी की मांग भी की है। 



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