ईशा का मानना है कि 20 साल में फिल्म इंडस्ट्री काफी बेहतर हुई है। ‘फिल्म इंडस्ट्री में कुछ सालों में बदलाव आए हैं। ऐक्टर्स और ऐक्ट्रेसेस का सोशल मीडिया पर इन्गेजमेंट बढ़ा है। क्योंकि दो दशक पहले तो लोगों को पता ही नहीं होता था कि हमारे जीवन में क्या हो रहा है। वह तो बस हमें स्क्रीन पर ही देखते थे। उस समय तो आप अपने रिलेशन और शादी तक के बारे में बात नहीं कर सकते थे, लेकिन अब काफी चीजें बदल गई हैं, जो कि अच्छी बात है।’
ऐक्ट्रेसेस के एटीट्यूड में बदलाव आने पर ईशा कहती हैं, ‘पहले ऐक्ट्रेसेस अपने हीरो और डायरेक्टर का ईगो झेलना पड़ता था। लेकिन आज की जेनेरेशन का मतलब ही बिजनेस है। वो अब शेल्फ लाइफ के साथ नहीं आते, उन्हें बस टैलेंटेड होना चाहिए।’ ईशा का कहना है कि लाइफ टाइम 16 साल के होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
बता दें कि ईशा एक डॉक्टर परिवार से आती हैं। जब वह कॉलेज में थी तब उन्होंने अपनी पॉकेट मनी से मॉडलिंग की थी। इसके बाद उन्होंने साउथ सिनेमा का रुख किया और ‘खल्लास’ गाने से बॉलिवुड में डेब्यू किया। ईशा कहती हैं, ‘इंडस्ट्री में नेपोटिज्म है। 2000 के दशक की शुरुआत में मुझे एक बड़ा प्रोजेक्ट करना था लेकिन किसी ऐक्ट्रेस ने कॉल किया और वह रोल उनकी बेटी को मिल गया। इसके बाद मुझे एक जाने-माने प्रड्यूसर ने बुलाया और कहा कि मुझे हीरो की गुड बुक्स में रहना होगा। मुझे नहीं पता था कि उसका मतलब क्या था इसलिए मैंने हीरो को कॉल कर दिया और उसने मुझे अकेले मिलने के लिए बुलाया। उस दौरान उस हीरो पर अडल्ट्री का आरोप लगाया जा रहा था। इसलिए उसने मुझे कर्मचारियों के बजाय सीधे उससे मिलने को कहा। फिर मैंने प्रड्यूसर को कॉल किया। और कहा कि मैं यहां पर अपने लुक्स और टैलेंट की वजह से हूं। इससे मुझे बढ़िया काम मिल सकता है। और पिर मुझे फिल्म से बाहर कर दिया गया।’
ईशा ने बताया कि उनकी छवि इतनी खराब कर दी गई थी कि उन्हें कई प्रोजेक्ट्स से हाथ धोना पड़ गया था। लेकिन उसके लिए उन्हें जरा सा भी दुख नहीं है। उनको इस बात का दुख जरूर है कि उन्हें अपने फिल्मी करियर के शुरुआती दौर में छोटे रोल्स से समझौता करना पड़ा था।
![isha koppikar isha koppikar](https://static.langimg.com/thumb/msid-89872097,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
ईशा कोप्पिकर