PPF vs NPS : रिटायरमेंट के लिए दोनों में से कौन-सी स्कीम है सबसे बेहतर, जानिए


हाइलाइट्स

रिटायरमेंट के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सरकार की ये दो स्कीमें अच्छी हैं.
एनपीएस में प्लानिंग के तहत बचत करके आप पेंशन के रूप में भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं.
PPF को एक ऐसी योजना माना जाता है जो जोखिम मुक्त गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है.

नई दिल्ली. यदि आप रिटायरमेंट के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सरकार की ये दो स्कीमें आपको काफी अच्छा रिटर्न दे सकती हैं. एक स्कीम है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), तो दूसरी का नाम नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) है. ये दोनों नौकरीपेशा लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं.

वैसे तो करियर की शुरुआत के साथ ही रिटायरमेंट की प्लानिंग कर लेनी चाहिए, क्योंकि तभी शुरू किया गया निवेश आगे चलकर बड़ा फंड बनता है. लेकिन अगर आप नौकरी शुरू करने के 4-5 साल बाद भी निवेश की शुरुआत करते हैं तो भी अच्छा है. इस स्थिति में आपको लगभग 25 साल तक निवेश का मौका मिलता है और इतना समय काफी होता है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), दोनों योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा समर्थित हैं. पीपीएफ और एनपीएस के बीच बुनियादी अंतर यह है कि पहला एक निश्चित रिटर्न देता है और दूसरा बाजार के रिटर्न से लिंक होता है. बाजार से लिंक होने का मतलब है कि इसमें जोखिम ज्यादा हो सकता है और रिटर्न भी ज्यादा मिल सकता है.

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नेशनल पेंशन स्कीम
एनपीएस की शुरुआत 2004 में की गई थी. यह स्कीम लोगों को प्लानिंग के तहत बचत के लिए योगदान करने की अनुमति देती है, जिससे पेंशन के रूप में भविष्य सुरक्षित होता है. यह आपको उन योजनाओं में निवेश करने की अनुमति देता है, जो कॉर्पोरेट और सरकारी ऋण प्रतिभूतियों के साथ इक्विटी को जोड़ती हैं.

नेशनल पेंशन स्कीम के लिए आप किसी बैंक, पोस्ट ऑफिस या इंश्‍योरेंस कंपनी में खाता खुलवा सकते हैं. NPS अकाउंट की मैच्‍योरिटी पर निवेशक को कम से कम 40 फीसदी रकम एन्युटी में लगानी होती है. इसी रकम से सब्‍सक्राइबर को पेंशन मिलती है. एन्युटी आपके और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक तरह का कॉन्ट्रैक्ट होता है. इस अनुबंध के तहत नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में कम से कम 40 फीसदी रकम का एन्युटी खरीदना जरूरी होता है. यह रकम जितनी अधिक होगी, पेंशन की रकम उतनी ही अधिक होगी.
एन्युटी के तहत निवेश किया गया पैसा रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में मिलता है और एनपीएस की शेष राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है. हालांकि, यह पेंशन टैक्स के दायरे में आती है. इसमें रिटर्न फिक्स नहीं होता है. यह फंड की तरफ से इक्विटी या डेट फंड्स में निवेश से हासिल होने वाले रिटर्न पर निर्भर करता है.

NPS का फायदा
NPS की मैच्योरिटी पर 60 फीसदी रकम टैक्‍स फ्री होती है. महज 40 फीसदी रकम पर टैक्स देना होता है. सरकारी कर्मचारियों के NPS अकाउंट में अंशदान की लिमिट 14 फीसदी है. आप इस स्कीम के तहत टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं. सेक्शन 80CCE के तहत टैक्स छूट की लिमिट 1.5 लाख है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड
PPF को एक ऐसी योजना माना जाता है जो जोखिम मुक्त गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है. लम्बे समय के लिए निवेश टूल के रूप में इसका उपयोग वेतनभोगी, पेशेवर, और सेल्फ-इम्प्लॉयड भी कर सकते हैं. इस योजना के तहत वो लोग भी निवेश कर सकेत हैं, जो किसी कंपनी का हिस्सा नहीं हैं. यह एक डेट निवेश टूल है और एक वेतनभोगी व्यक्ति आईटी अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर छूट का दावा कर सकता है. इस योजना के तहत निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी टैक्स फ्री है.
PPF 15 साल की सेविंग स्कीम है. इस पर ब्याज दर सरकार की ओर से हर तिमाही में तय होती है. फिलहाल इस पर 7.1 फीसदी ब्याज दर मिल रही है. अगर आप हर साल 1.5 लाख पीपीएफ में जमा करते हैं, तो 15 साल के बाद 7.1 फीसदी की ब्याज दर से यह 40.68 लाख रुपये हो जाएगी. इसके बाद पीपीएफ को 5 साल के ब्लॉक में आगे भी जारी रखा जा सकता है.

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दोनों स्कीम्स में रिटर्न का फर्क
महंगाई और पीपीएफ के प्री-टैक्स रिटर्न को देखें तो अभी भी यह बेहतरीन निवेश इंस्टूमेंट है. पीपीएफ लंबी अवधि में रिटायरमेंट फंड बनाने का अच्‍छा तरीका है. हालांकि, इसमें मंथली पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है. यदि हम बात करें NPS की तो इसमें एकमुश्त राशि भी मिलती है और पेंशन भी बनती है. यहां एक कैलकुलेशन के आधार पर आप समझ सकते हैं कि कौन-सी स्कीम आपको कितना पैसा बनाकर दे सकती है.

ज़ी बिजनेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, PPF में यदि आप सालाना 1.5 लाख रुपये डालेंगे तो 25 साल में 7.1 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 96 लाख रुपये बन जाएंगे. इसी तरह, NPS में भी यदि आप सालाना 1.5 लाख रुपये डालते हैं तो आपको 25 साल के बाद लगभग 1 करोड़ 72 लाख रुपये बन सकते हैं. NPS चूंकि इक्विटी से लिंक्ड है तो इसमें रिटर्न NPS की तुलना में अधिक मिलने की संभावना रहती है. ये कैलकुलेशन 11 फीसदी रिटर्न के आधार पर है.

Tags: Business news, Business news in hindi, National pension, NPS, PPF, Public Provident Fund

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