PPF और NPS कौन है बेहतर? किसमें लगाएं पैसा, क्या होगा फायदा, जानें सब कुछ


Best Retirement Pension Plans: ज्यादातर लोग कल को लेकर चिंता में रहते हैं. आने वाले कल में कोई दिक्कत ना इसके लिए तमाम प्लान बनाकर इन्वेस्टमेंट या अन्य तैयारियां करते हैं. और यह जरूरी भी है. क्योंकि रिटायरमेंट पर जहां हमारी आमदनी कम हो जाती है वहीं शरीर भी साथ छोड़ने लगता है. इसलिए जरूरी है कि जवानी में ही बुढ़ापे को जीने की तैयारी कर लें.

रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Plan) में सबसे ज्यादा जरूरत होती है अच्छी-खासी रकम की. बढ़ती महंगाई दर के हिसाब से हमें 30-35 साल बाद के जीवन के लिए बड़े रिटायरमेंट फंड की जरूरत होती है. इसलिए जरूरी है कि नौकरी के शुरुआती दिनों में ही रिटायरमेंट के लिए सेविंग शुरू कर देनी चाहिए. आज बाजार में रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए सरकारी और प्राइवेट सेक्टर की कई योजनाएं शामिल हैं.

भारत में रिटायरमेंट के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) सबसे ज्यादा पॉपुलर प्लान हैं. अब सवाल ये आता है कि पीपीएफ और एनपीएस में से कौन सा प्लान बेहतरीन है, किस प्लान में ज्यादा रिटर्न मिलता है और कौन सा प्लान आने वाले कल की हमारी जरूरतों को पूरा कर सकता है.

टैक्स और इंश्योरेंस के जानकारों मानते हैं कि वैसे तो एनपीएस और पीपीएफ, दोनों ही प्लान बेहतर हैं. आप अपनी जरूरत के मुताबिक, दोनों या इनमें से कोई भी प्लान चुन सकते हैं.

नेशनल पेंशन स्कीम (Nation pension System)

नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में आप इक्विटी में निवेश करते हैं. निश्चित ही इक्विटी में इन्वेस्टमेंट पीपीएफ के मुकाबले ज्यादा रिटर्न देता है. NPS में निवेश पर रिटायरमेंट पर एक बड़ा फंड (Retirement fund) एकमुश्‍त मिलता है. साथ ही आपकी एन्‍युटी की रकम और उसकी परफॉर्मेंस के आधार पर पेंशन मिलती है.

आप एनपीएस में नियमित रूप से योगदान दे सकता है. इस फंड में जमा हुए रुपये के एक हिस्से को वह एक बार में निकाल भी सकता है और बची हुई राशि का इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन के लिए कर सकते हैं.

दो तरह के खाते

एनपीएस के अंतर्गत दो तरह के खाते होते हैं, टियर-1 और टियर-2. टियर-1 खाते में जमा राशि को 60 वर्ष की उम्र से पहले नहीं निकाला जा सकता. जबकि, टियर-2 खाताधारक जब भी चाहें इसमें जमा पैसे को निकाल सकते हैं.

एनपीएस में डेढ़ लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है और 80सीसीडी (1 बी) के तहत आप अलग से 50,000 रुपये भी कटौती का भी दावा कर सकते हैं.

एनपीएस खाते की मैच्‍योरिटी पर निवेशक को कम से कम 40 फीसदी रकम एन्‍युटी में लगानी होती है. इसी रकम से आपको पेंशन मिलती है. एन्युटी आपके और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक अनुबंध होता है. इसके तहत NPS में कम से कम 40 फीसदी रकम का एन्युटी खरीदना जरूरी होता है. यह रकम जितनी अधिक होगी, पेंशन की रकम उतनी ही अधिक होगी.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) लंबी अवधि की बचत योजना है. इसमें छोटी-छोटी रकम जमा करके उस पर रिटर्न हासिल किया जा सकता है. पीपीएफ की अवधि 15 सालों की है. इसे पांच साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है. पीपीएफ खाते पर ब्याज का निर्धारण केंद्र सरकार करती है. वर्तमान ब्याज दर 7.1 फीसदी है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है. इस स्कीम में 1.5 लाख रुपये की रकम पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है. पीपीएफ पर कमाई गई ब्याज और मैच्योरिटी की राशि दोनों पर टैक्स छूट मिलती है.

Tags: Pension fund, Pension scheme, Personal finance, PPF, PPF account, Retirement fund

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