Kumar Kartikeya: 15 साल की उम्र में घर छोड़ा, मजदूरी की, नौ साल बाद परिवार से मिला मुंबई इंडियंस का क्रिकेटर


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मुंबई इंडियंस के क्रिकेटर कुमार कार्तिकेय ने नौ साल बाद अपने परिवारों से मुलाकात की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर मां के साथ फोटो शेयर कर इस बारे में बताया। कार्तिकेय को 20 लाख रुपये में मुंबई की टीम ने मोहम्मद अरशद खान के चोटिल होने के बाद टीम में शामिल किया था। आईपीएल के अपने पहले ही ओवर में संजू सैमसन को आउट कर वह चर्चा में आए थे।

24 वर्षीय कार्तिकेय ने फोटो शेयर करते हुए कहा, ”9 साल 3 महीने बाद अपने परिवार और मां से मिला। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ हूं।” इसके बाद एक फोटो उन्होंने पिता के साथ शेयर की। कार्तिकेय को आईपीएल में चार मैचों में खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने पांच विकेट लिए। कार्तिकेय के नाम प्रथम श्रेणी में 12 मैचों में 55 विकेट हैं। वहीं, 19 लिस्ट ए मैचों में 18 और 12 टी20 मैचों में 14 विकेट हासिल किए।
दिल्ली में दोस्त ने दिया था सहारा
कार्तिकेय के लिए मुंबई इंडियंस की टीम में शामिल होने तक का सफर काफी कठिन रहा है। नौ साल पहले जब कार्तिकेय 15 साल के थे तब उन्होंने कानपुर छोड़कर दिल्ली जाने का फैसला किया। उन्होंने घरवालों से वादा किया था कि अपने क्रिकेट के कारण कभी भी परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं डालेंगे। कार्तिकेय को दिल्ली में उनके दोस्त राधेश्याम के अलावा कोई नहीं जानता था। राधेश्याम लीग क्रिकेट में खेलते थे। उन्होंने कार्तिकेय की मदद की। दोनों कई क्रिकेट एकेडमी में गए, लेकिन सभी ज्यादा पैसे मांग रहे थे।

तब दोनों क्रिकेट कोच संजय भारद्वाज के पास गए। वहां राधेश्याम ने कहा कि कार्तिकेय के पास उन्हें देने के लिए पैसे नहीं हैं। इसके बावजूद भारद्वाज ने दोनों की मदद की। उन्होंने कार्तिकेय को ट्रायल देने के लिए कहा। नेट पर एक गेंद देखने के बाद भारद्वाज ने उनका चयन कर दिया।
गाजियाबाद के पास गांव में की मजदूरी
अब कोचिंग तो कार्तिकेय को मिल गई थी, लेकिन उसे रहने और खाने का प्रबंध करना था। इसके लिए वह गाजियाबाद के पास मसूरी गांव में मजदूरी करने लगे। वह उनके एकेडमी से 80 किलोमीटर दूर था। फैक्टरी के नजदीक रहने के लिए उन्हें जगह मिल गई थी। वह रात में फैक्ट्री में काम करते थे और दिन में एकेडमी जाते थे। कई किलोमीटर पैदल चलते थे ताकि बिस्किट के लिए 10 रूपये बच सके।

डीडीसीए ने किया नजरअंदाज
इसके बाद भारद्वाज ने कार्तिकेय का एक स्कूल में दाखिला करा दिया। कार्तिकेय स्कूल की ओर से खेलने लगे और डीडीसीए लीग में 45 विकेट लिए। वह दिल्ली में प्रतिष्ठित ओम नाथ सूद टूर्नामेंट सहित तीन टूर्नामेंटों में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थे। इतने बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद कार्तिकेय का सिलेक्शन डीडीसीए ने टॉप-200 में नहीं किया था।
दिल्ली से मध्य प्रदेश पहुंचे
भारद्वाज ने पहले भी इन मुद्दों को निपटाया था। गौतम गंभीर के बचपन के कोच के रूप में प्रसिद्ध भारद्वाज ने अमित मिश्रा के साथ ऐसा ही देखा था। तब उन्होंने मिश्रा को हरियाणा जाने के लिए कहा था। अब कार्तिकेय को उन्होंने मध्य प्रदेश भेज दिया। राज्य के ट्रायल मैचों में कार्तिकेय ने हर मुकाबले में पांच-पांच विकेट लिए। जल्द ही उन्होंने रणजी ट्रॉफी क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। उन्हें मध्य प्रदेश अंडर-23 में भी खेलने का मौका मिला। जब कार्तिकेय ने 2018 में डेब्यू किया तो कार्तिकेय ने भारद्वाज को अपने पिता से बात करवाई। इसके चार साल बाद कार्तिकेय को आईपीएल में खेलने का मौका मिला।

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मुंबई इंडियंस के क्रिकेटर कुमार कार्तिकेय ने नौ साल बाद अपने परिवारों से मुलाकात की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर मां के साथ फोटो शेयर कर इस बारे में बताया। कार्तिकेय को 20 लाख रुपये में मुंबई की टीम ने मोहम्मद अरशद खान के चोटिल होने के बाद टीम में शामिल किया था। आईपीएल के अपने पहले ही ओवर में संजू सैमसन को आउट कर वह चर्चा में आए थे।

24 वर्षीय कार्तिकेय ने फोटो शेयर करते हुए कहा, ”9 साल 3 महीने बाद अपने परिवार और मां से मिला। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ हूं।” इसके बाद एक फोटो उन्होंने पिता के साथ शेयर की। कार्तिकेय को आईपीएल में चार मैचों में खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने पांच विकेट लिए। कार्तिकेय के नाम प्रथम श्रेणी में 12 मैचों में 55 विकेट हैं। वहीं, 19 लिस्ट ए मैचों में 18 और 12 टी20 मैचों में 14 विकेट हासिल किए।



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