Lata Mangeshkar ने घर में काम करने वाली मेड से सीखी थी Marathi, सिर्फ ए‍क दिन गई थीं स्‍कूल


स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने छोटी उम्र से ही परिवार की जिम्‍मेदारी संभाली। खुद कभी शादी नहीं की। न ही कभी स्‍कूल गईं। 1942 में पिता के निधन के बाद से ही उनपर भाई-बहनों की पूरी जिम्‍मेदारी आ गई। उसी उम्र से उन्‍होंने काम करना शुरू कर दिया। 92 साल की उम्र में भारत रत्‍न लता मंगेशकर ने रविवार, 6 फरवरी को आख‍िरी सांस ली। लता जी की जिंदगी से जुड़े ऐसे कई किस्‍से हैं, जो हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। ऐसा ही एक किस्‍सा स्‍कूल का है। जहां पहले ही दिन लता मंगेशकर के साथ कुछ ऐसा हुआ कि वह फिर कभी पलटकर क्‍लासरूम नहीं पहुंचीं। सीखने की ललक उनमें ऐसी थी कि घर में काम करने वाली मेड से उन्‍होंने मराठी लिखना और पढ़ना (Lata Mangeshkar Learnt Marathi From House Help) सीखा था।

बताया जाता है कि लता मंगेशकर अपनी करीब 10 महीने की छोटी बहन आशा भोसले को लेकर पहले ही दिन स्‍कूल पहुंची थीं। तब क्‍लास टीचर ने इस कारण उन्‍हें डांट दिया था। इतना ही नहीं, आगे से बहन को लेकर स्‍कूल आने से भी मना किया। यह बात लता मंगेशकर के दिल में इस कदर घर कर गई कि उन्‍होंने स्कूल (Lata Mangeshkar School) की तरफ दोबार मुड़कर नहीं देखा।

घर की मेड विठ्ठल ने सिखाई मराठी
कितबा ‘लता मंगेशकर… उनकी जुबानी’ में लेखिका नसरीन मुन्नी कबीर ने लता मंगेशकर के हवाले से लिखा है, ‘मैं करीब तीन-चार साल की थी, जब मैंने हमारे घर में काम करने वाली मेड विठ्ठल से मराठी अल्‍फाबेट सिखाने और पढ़ना-लिखना सिखाने को कहा था। मैंने घर पर ही मराठी पढ़ना सीखा।’

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कुछ दिन नर्सरी स्‍कूल गई थीं लता
लता मंगेशकर ने बताया कि वह कुछ दिनों तक एक नर्सरी स्कूल गई थीं। किताब में लता कहती हैं, ‘मास्टर जी ब्‍लैक बोर्ड पर ‘श्री गणेशजी’ लिखा करते थे और मैं उसकी नकल किया करती थी। मुझे 10 में से 10 नंबर मिले थे।’ उस वक्त लता की रिश्तेदार वसंती महाराष्ट्र के सांगली में अपने घर के ठीक सामने स्थित मराठी मीडियम के मुरलीधर स्कूल की तीसरी क्‍लास में पढ़ती थीं। कभी-कभी लता उन्हीं के साथ स्कूल चली जाती थीं और वसंती जब म्‍यूजिक प्रैक्‍ट‍िस करती थीं, तब लता मंगेशकर भी पूरे ध्यान से टीचर को गाते हुए सुनती थीं।

टीचर ने सबके सामने कहा गाकर सुनाओ
किताब के मुताबिक, एक दिन टीचर ने लता जी की तरफ ईशारा कर के उनकी रिश्‍तेदार से पूछा कि यह कौन है? इस पर लता मंगेशकर ने चहकते हुए बताया कि वह मास्टर दीनानाथ की बेटी हैं। लता बताती हैं, ‘उन्होंने कहा, वह बहुत अच्छे गायक हैं। क्या तुम गा सकती हो? मैंने उन्हें बताया कि मैं कई राग गा सकती हूं और मैंने उनके नाम बता दिए… वह तत्काल मुझे स्टाफ रूम में ले गईं, जहां दूसरे टीचर्स भी बैठे थे और उन्‍होंने मुझसे गाने को कहा। मैंने हिंडोल राग पर आधारित शास्त्रीय गीत गाया। मैं उस वक्त करीब चार-पांच साल की थी।’

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…फिर कभी स्‍कूल नहीं गईं लता
लता बताती हैं कि उसी दिन उन्‍हें इस स्कूल में जाना था और उस वक्त आशा भोसले करीब 10 महीने की थीं। लता मंगेशकर याद करती हैं, ‘मैंने आशा को गोद में लिया और स्कूल पहुंच गई। जब मैं क्‍लास में पहुंची तो वहां भी आशा को गोद में लेकर बैठ गई। मेरी टीचर ने बड़े कड़े शब्दों में कहा कि बच्चों को लाने की अनुमति नहीं है। मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं वहां से उठ गई। मैं आशा को लेकर घर आ गई और फिर कभी स्‍कूल नहीं गई।’

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रिश्‍तेदार इंदिरा से सीखी हिंदी
लता मंगेशकर ने अपनी इस किताब में बताया है कि उन्‍होंने अपनी रिश्तेदार इंदिरा से सीखी। बाद में मुंबई में लेखराज शर्मा ने उन्हें भाषा की सीख दी। फिर उन्होंने उर्दू, बंगालीऔर थोड़ी-थोड़ी पंजाबी भी सीखी। उन्होंने तमिल सीखने का भी प्रयास किया और थोड़ी संस्कृत भी सीखी।

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लता मंगेशकर की फाइल फोटो

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