Maharashtra Politics: शिवसेना पर अधिकार को लेकर सुनवाई फिर टली, अब संविधान पीठ को भेजा जा सकता है मामला


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यहां सियासी उठापटक अभी भी जारी है। विधायकों की आयोग्यता व शिवसेना पर अधिकार को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में कोई फैसला नहीं हो सका। अब इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, हम संविधान पीठ में मसला भेजने पर विचार करेंगे। इस पर सोमवार तक निर्णय लिया जाएगा। 

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग पर भी शिवसेना को लेकर कोई भी फैसला लेने पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि वह फिलहाल शिंदे गुट की ओर से दायर अर्जी पर कोई फैसला न ले। 

बुधवार को हुई थी तीखी बहस 
इससे पहले बुधवार को भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान दोनों गुटों में तीखी बहस हुई थी। उद्धव कैंप के वकील कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि अगर दो  तिहाई विधायक अलग होना चाहते हैं तो उन्हें किसी से विलय करना होगा या नई पार्टी बनानी होगी। वह नहीं कह सकते कि वह मूल पार्टी हैं।

शिंदे गुट ने शिवसेना पर किया था दावा 
दरअसल, सरकार बनाने के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा किया था। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी जाए और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर व धनुष आवंटित किया जाए। इसके खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। 

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यहां सियासी उठापटक अभी भी जारी है। विधायकों की आयोग्यता व शिवसेना पर अधिकार को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में कोई फैसला नहीं हो सका। अब इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, हम संविधान पीठ में मसला भेजने पर विचार करेंगे। इस पर सोमवार तक निर्णय लिया जाएगा। 

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग पर भी शिवसेना को लेकर कोई भी फैसला लेने पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि वह फिलहाल शिंदे गुट की ओर से दायर अर्जी पर कोई फैसला न ले। 

बुधवार को हुई थी तीखी बहस 

इससे पहले बुधवार को भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान दोनों गुटों में तीखी बहस हुई थी। उद्धव कैंप के वकील कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि अगर दो  तिहाई विधायक अलग होना चाहते हैं तो उन्हें किसी से विलय करना होगा या नई पार्टी बनानी होगी। वह नहीं कह सकते कि वह मूल पार्टी हैं।

शिंदे गुट ने शिवसेना पर किया था दावा 

दरअसल, सरकार बनाने के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा किया था। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी जाए और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर व धनुष आवंटित किया जाए। इसके खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। 



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